अनिल देशमुख मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी उद्धव सरकार
By सतीश कुमार सिंह | Published: April 5, 2021 07:08 PM2021-04-05T19:08:51+5:302021-04-05T21:49:25+5:30
शिवसेना नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर सीबीआई की आरंभिक जांच के लिए बंबई उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन करने के बाद महाराष्ट्र सरकार अपना पक्ष रखेगी।
मुंबईः बंबई उच्च न्यायालय ने सीबीआई को निर्देश दिया कि वह महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाये गये भ्रष्टाचार एवं कदाचार के आरोपों की प्रारंभिक जांच 15 दिन के भीतर करे।
इस बीच उद्धव सरकार ने कहा कि अनिल देशमुख मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये की वसूली का आरोप लगाने के बाद गृह मंत्री अनिल देशमुख को इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया है।
[BREAKING] Maharashtra government, ex Home Minister Anil Deshmukh to move Supreme Court challenging Bombay High Court order allowing CBI probe
— Bar & Bench (@barandbench) April 5, 2021
report by @DebayonRoy#AnilDesmukh#SupremeCourt#ParamBirsinghLetter#BombayHighCourt@AnilDeshmukhNCPhttps://t.co/IzrHdkYKGQ
देशमुख की याचिका की सीबीआई जांच के हाईकोर्ट के आदेश से महाविकास परिषद में खलबली मच गई है। देशमुख के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। समझा जाता है कि अनिल देशमुख दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। जयश्री पाटिल द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय में दायर याचिका की सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने सीबीआई को 15 दिनों के भीतर मामले की प्रारंभिक जांच करने का निर्देश दिया था।
सीबीआई देशमुख के खिलाफ आरंभिक जांच शुरू करने के लिए मंगलवार को मुंबई पहुंचेगी
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ आरंभिक जांच की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सीबीआई की एक टीम मंगलवार को मुंबई पहुंचेगी। मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर बंबई उच्च न्यायालय द्वारा सीबीआई को जांच का निर्देश दिए जाने के बाद देशमुख ने गृह मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मामलों में कार्रवाई आरंभ करने के पहले आम तौर पर एजेंसी औपचारिक आदेश मिलने का इंतजार करती है और कानूनी राय लेती है लेकिन उच्च न्यायालय ने आरंभिक जांच के लिए 15 दिनों का ही समय दिया है इसलिए सीबीआई ने तेजी से कदम उठाया है। सीबीआई की टीम जांच शुरू करने के लिए वकीलों से मिलकर आदेश, संलग्न शिकायत और अन्य जरूरी दस्तावेज जुटाएगी।
मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति गिरीश कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि यह ‘‘असाधारण’’ और ‘‘अभूतपूर्व’’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। पीठ ने 52 पन्ने के अपने फैसले में कहा कि देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों ने राज्य पुलिस में नागरिकों के भरोसे को दांव पर लगा दिया है। अदालत ने कहा कि एक सेवारत पुलिस अधिकारी द्वारा राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए ऐसे आरोपों को बिना जांच के नहीं रहने दे सकते और जहां इसमें जांच की जरूरत होगी,... यदि प्रथम दृष्टया,.... तो वे संज्ञेय अपराध का मामला बना सकते हैं।
उच्च न्यायालय ने सीबीआई से देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों की जांच करने को कहा
उच्च न्यायालय के आदेश के बाद देशमुख ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्त और न्यायमूर्ति जी एस कुलकर्णी की पीठ ने कहा कि यह “असाधारण’’ और “अभूतपूर्व’’ मामला है जिसकी स्वतंत्र जांच होनी चाहिए। अपने 52 पन्नों के फैसले में पीठ ने कहा कि देशमुख के खिलाफ सिंह के आरोपों ने राज्य पुलिस पर नागरिकों के भरोसे को दांव पर लगा दिया है।
अदालत ने कहा कि एक सेवारत पुलिस अधिकारी द्वारा राज्य के गृह मंत्री के खिलाफ लगाए गए ऐसे आरोपों को बिना जांच के नहीं रहने दे सकते और जहां इसमें जांच की जरूरत होगी, यदि प्रथम दृष्टया, तो वे संज्ञेय अपराध का मामला बना सकते हैं।
अदालत ने कहा कि मौजूदा मामले में एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराया जाना जरूरी है जिससे “लोगों का भरोसा कायम रहे और नागरिकों के मूलभूत अधिकारों की सुरक्षा हों।” पीठ ने अपना फैसला पिछले महीने दायर तीन जनहित याचिकाओं (पीआईएल) और एक आपराधिक रिट याचिका पर दिया जिनमें मामले की सीबीआई जांच और कई अन्य राहतों की मांग की गई थी। इनमें से एक याचिका खुद सिंह ने दायर की है जबकि दो अन्य याचिकाएं वकील घनश्याम उपाध्याय और स्थानीय शिक्षक मोहन भिडे ने दायर की थी।