महाराष्ट्र में किसानों के लिए खुला है अनोखा 'बकरी बैंक', ऐसी की जाती है मदद
By विनीत कुमार | Published: February 4, 2021 01:33 PM2021-02-04T13:33:20+5:302021-02-04T13:33:20+5:30
महाराष्ट्र के अकोला में ये बकरी बैंक है जिसे नरेश देशमुख नाम के एक शख्स ने 2018 में खोला था। इस के तहत लोन लेने वाले को एक बकरी दी जाती है। उसे इस लोन को चुकाने के लिए 40 महीने में 4 मेमने लौटाने होते हैं।
महाराष्ट्र में किसानों के लिए खुला एक 'बकरी बैंक' इन दिनों चर्चा में है। अकोला में एक किसान ने ही इस बैंक को खोला है ताकि किसानों को उनकी जरूरत के अनुसार मदद पहुंच सके।
'गोट बैंक ऑफ करखेड़ा' (Goat Bank of Karkheda) की पूरे राज्य में सराहना हो रही है। इसे हालांकि जुलाई 2018 में ही 52 साल के नरेश देशमुख ने खोला था। नरेश देशमुख पंजाब राव कृषि विद्यापीठ से स्नातक हैं और अकोला के सांघवी मोहाडी(Sangavi Mohadi) गांव में रहते हैं।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार नरेश देशमुख ने बताया कि ये खास 'बकरी बैंक' कैसे काम करता है और किसानों की मदद करता है।
दरअसल, इस बैंक से लोन लेने के लिए इच्छुक किसान को 1,200 रुपये का पंजीकरण शुल्क सबसे पहले चुकाना होता है। एग्रीमेंट के अनुसार एक किसान अगर लोन में एक बकरी हासिल करता है तो उसे 40 महीने की समय सीमा के भीतर 4 मेमने वापस करने होते हैं।
बकरी बैंक खोलने का कैसे आया ख्याल
नरेश देशमुख के अनुसार उन्होंने गांव में पाया कि आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद जो महिलाएं बकरी पालन में लगी हैं, वे छोटी जमीने खरीदने, बच्चों को शिक्षित करने या फिर जरूरत के मुताबिक अपने घर में धूमधाम से शादी कराने में सक्षम हैं।
बकरी पालन में शामिल परिवारों का अध्ययन करने के बाद आखिरकार नरेश देशमुख ने बकरी बैंक स्थापित करने का निर्णय लिया ताकि इसे और लोगों को भी आसानी से उपलब्ध कराया जा सके।
इसके बाद देशमुख ने अपनी बचत से 40 लाख रुपये का निवेश किया और 340 बकरियों को खरीदा। साथ ही 340 परिवारों को भी पंजीकृत कर इसे उनमें बांटा गया ताकि बकरियों के प्रजनन का काम भी आगे बढ़ाया ज सके।
एक अनुमान के अनुसार इस योजना के तहत बकरी रखने वाली वाली प्रत्येक महिला को लगभग 2.5 लाख रुपये का लाभ हो सकता है। यही कारण है कि बकरी बैंक के इस पहल की सभी तारीफ कर रहे हैं।