महाराष्ट्र में राहत पैकेज का लाभ तुरंत पहुंचाएं, अजित पवार ने प्रशासन को युद्धस्तर पर काम करने को कहा, जानें सबकुछ

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 19, 2021 09:23 PM2021-04-19T21:23:24+5:302021-04-19T21:25:47+5:30

वित्त मंत्री अजित पवार ने प्रशासन को पैकेज के तहत तत्काल धनराशि आवंटित करने की हिदायत दी. पवार ने कठोर कोविड-19 पाबंदियों के मद्देनजर गरीबों और अन्य कमजोर वर्गों को मदद मुहैया कराने के कदमों की समीक्षा के लिये हुई बैठक में यह निर्देश दिया.

Maharashtra Get benefit relief package Ajit Pawar instructions administration work on war footing | महाराष्ट्र में राहत पैकेज का लाभ तुरंत पहुंचाएं, अजित पवार ने प्रशासन को युद्धस्तर पर काम करने को कहा, जानें सबकुछ

लाइसेंसधारी ऑटो-रिक्शा चालकों को भी 15-15 सौ रुपये की राशि प्रदान की जाएगी.

Highlightsछगन भुजबल, एकनाथ शिंदे, अनिल परब, हसन मुशरिफ, धनंजय मुंडे, विजय वदेत्तिवार और अन्य ने शिरकत की.पाबंदियां 14 अप्रैल की रात से लागू की गई थीं, जो एक मई सुबह सात बजे तक जारी रहेंगी.राज्य में पंजीकृत 12 लाख निर्माण मजदूरों को इस अवधि के दौरान 15-15 सौ रुपये दिये जाएंगे.

मुंबईः महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने आज कहा कि मिनी लॉकडाउन के दौरान लोगों को मदद करने के लिए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा घोषित 5476 करोड़ रु. के पैकेज के लाभ पात्र लाभार्थियों तक जल्द से जल्द पहुंचाया जाना चाहिए.

इसके लिए उन्होंने प्रशासन से युद्धस्तर पर काम करने के निर्देश दिए. राहत पैकेज के अमल पर स्थिति जानने के लिए आज पवार ने विभिन्न मंत्रालयों और विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक बुलाई थी. इसमें कुछ मंत्री भी शामिल हुए. पवार ने कहा कि 7 करोड़ लोगों को नि:शुल्क अनाज, सामाजिक न्याय विभाग के 35 लाख और आदिवासी विभाग के 12 लाख लाभार्थियों को अग्रिम मदद का तत्काल वितरण, निर्माण कार्य क्षेत्र के पंजीकृत मजदूर, घरेलू श्रमिक, फेरी वालों, रिक्शा चालकों आदि के लिए घोषित मदद की राशि जल्द से जल्द वितरित की जाए.

इसके लिए जरूरी आदेश जारी किए जा चुके हैं. उपमुख्यमंत्री ने बताया कि जिला वार्षिक योजना का 30% पैसा स्वास्थ्य सुविधाओं पर खर्च करने की अनुमति दी जा चुकी है. इसके तहत 3330 करोड़ रु. उपलब्ध कराए गए हैं. पहले चरण में 1100 करोड़ रु. की राशि वितरित की जा चुकी है.

किसे और कितनी मिलेगी राहत नि:शुल्क अनाज वितरण :

90 करोड़ रोज 2 लाख 'शिवभोजन थालियां'

75 करोड़ पेंशन एवं सहायता योजनाएं

 961 करोड़ संजय गांधी निराधार योजना

प्रतिमाह सभी को 1000 श्रावणबाल योजना

प्रतिमाह सभी को 1000 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन

प्रतिमाह सभी को 1000 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन

प्रतिमाह सभी को 1000 इंदिरा गांधी राष्ट्रीय दिव्यांग पेंशन

प्रतिमाह सभी को 1000 (पांचों योजनाओं में कुल 35 लाख लाभार्थी को 2 महीने मदद) 12 लाख निर्माण कार्य मजदूर हरेक को 1500 (कुल 180 करोड़) 25 लाख घरेलू कामगार

375 करोड़ 5 लाख फेरीवाले, हरेक को 1500 (कुल 75 करोड़) 12 लाख परमिटधारी ऑटोचालकहरेक को 1500 (कुल 180 करोड़) (साइकिल रिक्शा चलानेवालों को भी मदद देने पर विचार) 12 लाख आदिवासी परिवारों को खावटी योजना : हरेक को 2000 (कुल 240 करोड़).

राज्य में किराना दुकानें सुबह 7 से 11 बजे तक खुली रहेंगी

सरकार ने आज फैसला किया कि राज्य में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू प्रतिबंध काल के दौरान किराना दुकानें सुबह 7 से 11 बजे तक ही खुली रहेंगी. जल्द ही इस बारे में आदेश जारी किए जाएंगे. उपमुख्यमंत्री अजित पवार की अध्यक्षता में संपन्न उच्चस्तरीय बैठक में यह निर्णय किया गया.

बैठक में बताया गया कि किराना दुकानों पर अब भी भीड़ उमड़ रही है, इसलिए यह निर्णय करना पड़ रहा है. इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने भी कहा था कि किराना दुकानों का समय सुबह 7 से 11 बजे तक करने पर सरकार विचार कर रही है. कोरोना पर काबू पाने के लिए भविष्य में जहां-जहां जरूरत पड़ेगी, वहां-वहां प्रतिबंध लगाए जाएंगे.

उद्धव अगले दो दिनों में लॉकडाउन पर फैसला कर सकते हैं : मंत्री

महाराष्ट्र के मंत्री विजय वडेट्टीवार ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के अगले दो दिनों में सख्त लॉकडाउन के बारे में फैसला करने की उम्मीद है क्योंकि मौजूदा प्रतिबंध कोविड-19 को रोकने के लिए उतने कारगर नहीं हो पा रहे हैं.

राहत और पुनर्वास मंत्री ने यहां संवाददताओं से बातचीत करते हुए यह भी कहा कि राज्य सरकार कोई फैसला करने से पहले दिल्ली सरकार द्वारा लगाए गए लॉकडाउन का अध्ययन करेगी. उन्होंने कहा, ‘‘मौजूदा कर्फ्यू से वैसी मदद नहीं मिल रही है, जिस प्रकार की उम्मीद की गयी थी.

सख्त लॉकडाउन के संबंध में कोई फैसला एक या दो दिन में किये जाने की उम्मीद है. मुख्यमंत्री अन्य लोगों से सलाह लेने के बाद फैसला करेंगे।’’ वडेट्टीवार ने दावा किया कि इससे पहले व्यापारियों और दुकानदारों ने लॉकडाउन का विरोध किया था, लेकिन अब वे ऐसे उपाय के पक्ष में हैं. उन्होंने कहा कि उनका विभाग दिल्ली के लॉकडाउन का अध्ययन कर रहा है.

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