महाराष्ट्र: फड़णवीस सरकार की 'अग्निपरीक्षा', मुंबई में किसान आंदोलन और बोर्ड एक्जाम एक ही दिन
By कोमल बड़ोदेकर | Published: March 12, 2018 01:47 AM2018-03-12T01:47:18+5:302018-03-12T05:48:39+5:30
नासिक से 180 किलोमीटर लंबा पैदल सफर तय कर महाराष्ट्र के 30 हजार से भी ज्यादा किसान मुंबई स्थित विधानसभा का घेराव करेंगे।
मुंबई, 12 मार्च। नासिक से 180 किलोमीटर लंबा पैदल सफर तय कर महाराष्ट्र के 30 हजार से भी ज्यादा किसान मुंबई पहुंच चुके हैं। ये किसान सोमवार सुबह कर्ज माफी सहित अपनी अन्य मांगो को लेकर विधानसभा घेराव करेंगे। इसके अलावा 12 मार्च को 12वीं और 10वीं बोर्ड की परिक्षाएं भी होनी है। ऐसे में किसान आंदोलन के चलते मुंबई में जाम की समस्या हो सकती है।
हांलाकि सरकार ने इस समस्या से निपटने केलिए विशेषतौर पर इंतजाम किए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुकाबित, महाराष्ट्र सीएमओ ने इसके लिए नोटिफिकेशन जारी कर कहा है कि आंदोलन कर रहे किसानों से नर्मी से पेश आए और उनके पक्ष में फैसला सुनाने का हल निकाले।
Government anticipates cooperation from the participants of the march for smooth functioning of the traffic as it is a working day on Monday & 12th and 10th board exams are also there on the same day: Maharashtra CMO sources #KisanLongMarch
— ANI (@ANI) March 11, 2018
बता दें कि ऑल इंडिया किसान सभा और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की अगुवाई में किसानों ने ये रैली 27 फरवरी को शुरू की थी। जब ये काफिला निकला था तब इसमें 12 हजार किसान शमिल थे लेकिन जैसे-जैसे इनके कदम मुंबई की तरफ बढ़ने लगे और भी किसान जुड़ने लगे। अब जब ये मुंबई पहुंच चुके हैं तो लगभग इनकी संख्या 30 हजार के पार पहुंच चुकी है।
किसानों की प्रमुख मांग
किसानों की पहली मांग बैंकों से लिया कर्ज है, जिसपर वो पूरे तरीके से कर्जमाफी चाहते हैं। मौसम के बदलने से हर साल उनकी फसलें तबाह हो रही हैं। ऐसे में किसान चाहते हैं कि उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले। किसान संगठनों की दूसरी मांग बिजली बिल को लेकर है। उनका कहना है कि महाराष्ट्र के ज्यादातर किसान फसल बर्बाद होने के चलते बिजली बिल नहीं चुका पाते हैं। इसलिए उन्हें बिजली बिल में छूट दी जाए।
किसानों की नारजगी फसलों के सही दाम न मिलने को लेकर भी है। सरकार ने हाल के बजट में भी किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) का तोहफा दिया था, लेकिन कुछ संगठनों का मानना था कि केंद्र सरकार की एमएसपी की योजना महज दिखावा है। किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें भी लागू करने की मांग कर रहे हैं।