महाराष्ट्र: पवार-सोनिया के बीच चर्चा अधूरी, दोनों दलों के नेता फिर मिलेंगे, अंतिम फैसला उसके बाद ही

By शीलेष शर्मा | Published: November 19, 2019 05:53 AM2019-11-19T05:53:02+5:302019-11-19T05:53:02+5:30

सोनिया गांधी ने पवार को यह सलाह भी दी कि चुनाव के दौरान जो भी दल कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे थे उन सभी से भी चर्चा की जाए उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाए.

Maharashtra: Discussion between Pawar-Sonia incomplete, leaders of both parties will meet again, final decision only after that | महाराष्ट्र: पवार-सोनिया के बीच चर्चा अधूरी, दोनों दलों के नेता फिर मिलेंगे, अंतिम फैसला उसके बाद ही

सोनिया गांधी को सरकार के गठन को लेकर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वे सरकार बनने से पहले उन सभी बिंदुओं को ठोक बजाकर देख लेना चाहती है

Highlightsशरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. शिव सेना को दबाव में लेकर सरकार में अपना बेहतर प्रतिनिधित्व मांग रहे है

महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस के नेता शरद पवार ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात की. उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस सरकार के गठन में अपनी शर्तो को ऊपर रखना चाहती है इसीलिए सोनिया ने पवार को साफ किया है कि राकांपा और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिल्ली में बैठकर सरकार का स्वरुप क्या होगा, इस मुद्दे पर विस्तृत चर्चा करें उसी के बाद कोई अंतिम फैसला लिया जा सकेगा.

पार्टी सूत्र बताते है कि जिस तरह पवार शिव सेना को दबाव में लेकर सरकार में अपना बेहतर प्रतिनिधित्व मांग रहे है कांग्रेस भी राकांपा से दस विधायक कम होने के बावजूद उतना ही हिस्सा चाहती है इसीलिए पार्टी ने इसकी रणनीति बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस नेताओं की दिल्ली में बैठक आयोजित करने की बात पवार को कही है.  पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने साफ किया कि राकांपा और कांग्रेस के नेता अगले एक-दो दिनों में आगे की रणनीति क्या हो इस पर मंथन करेंगे और उसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी कोई फैसला लेगीं.

अगले एक-दो दिनों में दोनों दलों के नेताओं के बीच होने वाली बैठक में कांग्रेस की ओर से मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल, के.सी.वेणुगोपाल, पृथ्वीराज चव्हाण, बालासाहब थोरत जैसे नेता शामिल हो सकते है. राकांपा की तरफ से कौन शामिल होगा यह तस्वीर अभी साफ नहीं है.

पार्टी सूत्रों का दावा था कि सोनिया गांधी को सरकार के गठन को लेकर कोई आपत्ति नहीं है लेकिन वे सरकार बनने से पहले उन सभी बिंदुओं को ठोक बजाकर देख लेना चाहती है जिसके आधार पर सरकार गठित की जानी है. जिसमें कट्टर हिन्दुवाद का मुद्दा सबसे महत्वपूर्ण माना जा रहा है साथ ही किस दल के कितने मंत्री होगें, कितने उप मुख्यमंत्री होगें और क्या मुख्यमंत्री का पद ढाई-ढाई वर्ष का होगा अथवा शिव सेना पूरे पांच वर्ष तक शासन करेगी. इन सभी मुद्दों पर पूरी सफाई मिलने पर ही कांग्रेस अपने पत्ते खोलेगी.

सोनिया गांधी ने पवार को यह सलाह भी दी कि चुनाव के दौरान जो भी दल कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरे थे उन सभी से भी चर्चा की जाए उसके बाद ही कोई अंतिम फैसला लिया जाए. इधर पवार भी कुछ भी कहने को तैयार नहीं है, मुलाकात के बाद पवार ने कहा कि उन्होंने सोनिया गांधी को केवल राज्य की ताजा राजनीतिक स्थिति की जानकारी दी है, शिवसेना के साथ सरकार के गठन को लेकर दोनों नेताओं के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है. 

चूंकि कांग्रेस राकांपा साथ-साथ चुनाव लड़े है अत: दोनों दलों के नेता अगले दो-एक दिनों में मिलकर तय करेगें कि आगे क्या करना है.  उन्होंने स्वीकार किया कि सोनिया ने चुनाव में साथ आये अन्य दलों के साथ चर्चा करने की बात कही है. पवार यह स्वीकार करने को तैयार नहीं थे कि शिव सेना के साथ राज्य में कांग्रेस-राकांपा कोई सरकार बना रही है. 

Web Title: Maharashtra: Discussion between Pawar-Sonia incomplete, leaders of both parties will meet again, final decision only after that

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