कोरोना संकट के बीच महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की बढ़ी मांग, उद्धव ठाकरे सरकार उठाने जा रही है ये कदम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 17, 2021 08:09 AM2021-04-17T08:09:41+5:302021-04-17T08:12:46+5:30
महाराष्ट्र सबसे ज्यादा कोरोना संक्रमण के प्रभावित है. हालात को देखते हुए राज्य में ऑक्सीजन की उपलब्धता और बढ़ाने के लिए उद्धव ठाकरे सरकार कदम उठा रही है.
अतुल कुलकर्णी
मुंबई: महाराष्ट्र में इस वक्त कोरोना के मरीजों की संख्या तकरीबन 5 लाख 75 हजार है. उनके लिए प्रतिदिन 1278 मैट्रिक टन ऑक्सीजन की जरूरत पड़ेगी. यह मांग राज्य में तैयार की जा रही ऑक्सीजन से ज्यादा है. यह मांग इस माह के अंत तक और बढ़ने की आशंका है.
हालात को देखते हुए राज्य सरकार ने अब अन्य राज्यों से रेलवे की मदद से ऑक्सीजन लाने की तैयारी शुरू कर दी है. साथ ही जहाजों के जरिये विदेश से ऑक्सीजन लाने के विकल्प पर भी युद्ध स्तर पर विचार जारी है.
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा था कि ऑक्सीजन विमानों के जरिये लाने के विकल्प को परखा जाएगा. लेकिन हवाई मार्ग से ऑक्सीजन लाने पर चर्चा के दौरान पाया गया कि तकनीकी लिहाज से यह संभव नहीं होगा.
पड़ोसी राज्यों से रेल से महाराष्ट्र आएगा ऑक्सीजन!
इसके बाद अधिकारियों की बैठक में चर्चा के मुताबिक पड़ोसी राज्यों से रेलवे के जरिये ऑक्सीजन लाने का विकल्प सामने आया. इसे प्रायोगिक तौर पर आजमाकर देखा जाएगा.
जन स्वास्थ्य योजना के आयुक्त डॉ. सुधाकर शिंदे ने बताया कि इसके लिए खर्च, समय और ऑक्सीजन आपूर्ति की मात्रा को परखने के बाद अगला फैसला किया जाएगा. ऑक्सीजन की इस तरह से आपूर्ति के लिए 50 क्रायोजेनिक टैंकरों का इंतजाम किया गया है.
केंद्रीय रेलवे ने भी इसके लिए मंजूरी दे दी है. विदेश से जहाज के रास्ते ऑक्सीजन लाने के विकल्प के दौरान देखा जा रहा है कि किन देशों से यह आसानी से संभव होगा. उसके लिए खर्च, परिवहन में लगने वाले वक्त को जांचा जा रहा है.
देश में इस वक्त प्रतिदिन 7 हजार मैट्रिक टन ऑक्सीजन तैयार की जाती है. डॉ. शिंदे ने बताया कि महाराष्ट्र में प्रायोगिक स्तर पर मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, ओडिशा, प. बंगाल, झारखंड से रेलवे मार्ग से ऑक्सीजन लाने का प्रयास किया जा रहा है.
अन्न व औषधि प्रशासन मंत्री राजेंद्र शिंगणे ने बताया कि राज्य में ऑक्सीजन उत्पादकों और रिफिलिंग करने वालों की संख्या क्रमश: 33 और 91 है. राज्य की ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता 1300 मैट्रिक टन है, लेकिन उत्पादन 1200 मैट्रिक टन हो रहा है. इस ऑक्सीजन का 100 फीसदी इस्तेमाल मेडिकल ऑक्सीजन के लिए ही करने का इंतजाम किया गया है.
आपूर्ति और मांग के बीच भारी अंतर के चलते भिलाई, बेल्लारी, बोकारो, राउरकेला, दुर्गापुर, हल्दिया, विजयनगर आदि जगहों से ऑक्सीजन हासिल करने के प्रयास चल रहे हैं. शिंगणे ने कहा कि 30 अप्रैल तक संक्रमितों की संभावित संख्या को देखते हुए प्रतिदिन 300 से 500 मैट्रिक टन अतिरिक्त भंडारण के लिहाज से योजना तैयार की गई है.
दूसरे राज्यों से आने वाले ऑक्सीजन की व्यवस्था
1. भिलाई से 2289 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी. 15 टैंकर की व्यवस्था की गई है. औसतन प्रतिदिन 100 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी. यह आपूर्ति नागपुर व अमरावती संभाग को की जाएगी.
2. हैदराबाद से कुल 100 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी. 5 टैंकर की व्यवस्था की गई है. इससे नांदेड़, उस्मानाबाद, लातूर को आपूर्ति की जाएगी.
3. बेल्लारी प्लांट से कुल 200 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी. 15 टैंकर की व्यवस्था की गई. प्रतिदिन 20 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी. इससे औरंगाबाद संभाग को आपूर्ति होगी.
4. बेल्लारी प्लांट 2: 1467 मैट्रिक टन ऑक्सीजन मिलेगी. 15 टैंकर की व्यवस्था की गई है. इससे लातूर, उस्मानाबाद को आपूर्ति होगी.
5. एयर वॉटर बेल्लारी- 512 मैट्रिक टन ऑक्सीजन. इसके लिए टैंकर और आपूर्ति की जगह की योजना तैयार की जा रही है.
6. चरणबद्ध तरीके से आपूर्ति बढ़ाकर दूसरे राज्यों से औसतन प्रतिदिन 400 मैट्रिक टन ऑक्सीजन आपूर्ति का लक्ष्य हासिल करने की योजना है. यह आपूर्ति तीन से चार दिन में शुरू होने की उम्मीद है.