महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा-एनसीपी प्रमुख शरद पवार हैं महा विकास आघाड़ी सरकार का ‘रिमोट कंट्रोल’
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 15, 2021 08:43 PM2021-07-15T20:43:49+5:302021-07-15T20:45:06+5:30
नाना पटोले ने 2014 के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में राकांपा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि उनकी पार्टी से सात साल पहले ‘धोखा’ हुआ था और अब वह इसे ध्यान में रखते हुए 2024 के आम चुनावों की तैयारी कर रही है।
मुंबईः महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार को राज्य में शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार का ‘रिमोट कंट्रोल’ बताया।
पटोले ने एक क्षेत्रीय समाचार चैनल से बात करते हुए यह टिप्पणी की। राकांपा, शिवसेना के बाद एमवीए का दूसरा सबसे बड़ा घटक है। कांग्रेस एमवीए में तीसरी भागीदार है। यह पूछे जाने पर कि उन्हें मंगलवार को पवार के आवास पर क्यों नहीं बुलाया गया, जब प्रदेश कांग्रेस के नेताओं के एक समूह ने राकांपा प्रमुख से मुलाकात की, इस पर पटोले ने कहा, ‘‘यह बैठक राज्य सरकार और उसके समन्वय के लिए थी। यह पार्टी स्तर की बैठक नहीं थी। वह (पवार) वास्तव में इस एमवीए सरकार का ‘रिमोट कंट्रोल’ हैं।’’
इससे पहले दिन में, पटोले ने 2014 के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में राकांपा पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए कहा कि उनकी पार्टी से सात साल पहले ‘धोखा’ हुआ था और अब वह इसे ध्यान में रखते हुए 2024 के आम चुनावों की तैयारी कर रही है। पटोले जाहिर तौर पर महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव कांग्रेस से अलग होकर लड़ने के राकांपा के कदम का जिक्र कर रहे थे।
नाना पटोले ने राकांपा पर परोक्ष हमला बोला
पिछले विधानसभा चुनाव के संदर्भ में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) पर परोक्ष हमला बोलते हुए महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि 2014 में उनकी पार्टी के साथ ‘‘धोखा’’ किया गया था और वह अब उसी को ध्यान में रखकर 2024 के आम चुनाव की तैयारी कर रही है।
पटोले ने यहां संवाददाताओं से यह भी कहा कि उन्हें विपक्षी भाजपा को निशाना बनाने का दायित्व दिया गया था, शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा या शिवसेना को नहीं। उल्लेखनीय है कि शिवसेना-राकांपा और कांग्रेस तीनों मिलकर महाराष्ट्र में महा विकास अघाडी (एमवीए) सरकार चला रही हैं। भविष्य में कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की प्राय: बात करते रहने वाले पटोले ने कहा, ‘‘हमें (कांग्रेस) 2014 में धोखा दिया गया था। उसे ध्यान में रखते हुए हम अगले लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं।’’
महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव में राकांपा के अकेले लड़ने के कदम की ओर था
पटोले का इशारा महाराष्ट्र में 2014 के विधानसभा चुनाव में राकांपा के अकेले लड़ने के कदम की ओर था। कांग्रेस के एक तबके का मानना है कि राकांपा के निर्णय से भाजपा को लाभ हुआ जिसने 122 सीट जीती थीं और सरकार बनाने का दावा किया था।
गौरतलब है कि राकांपा ने तब सरकार बनाने के लिए भाजपा को बाहर से समर्थन दिया था और कहा था कि वह ऐसा महाराष्ट्र के हित में और राज्य के विकास के लिए कर रही है। हालांकि, तब भाजपा ने शिवसेना के समर्थन से सरकार बना ली थी।
भाजपा और शिवसेना का गठबंधन 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद टूट गया था क्योंकि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी मुख्यमंत्री का पद दिए जाने पर अड़ गई थी। वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव से पहले महाराष्ट्र में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी थी, लेकिन धीरे-धीरे यह विधायकों की संख्या के मामले में चौथे स्थान पर खिसक गई।
राष्ट्रीय स्तर पर केवल कांग्रेस ही भाजपा की जगह ले सकती है
पटोले ने कहा, ‘‘2024 में राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार (केंद्र में) आएगी। भाजपा ने समूचे राष्ट्र को बिक्री के लिए रख दिया है। लोग महामारी से पीड़ित हैं। महंगाई बढ़ने से उनकी स्थिति खराब होती जा रही है।’’उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर केवल कांग्रेस ही भाजपा की जगह ले सकती है।
पटोले ने हाल में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि एमवीए सरकार उनकी जासूसी करा रही है। उन्होंने कहा था कि उनकी पार्टी के बढ़ते प्रभाव की वजह से शिवसेना और राकांपा के पैरों तले की जमीन खिसक रही है। पटोले ने अपनी टिप्पणी पर विवाद बढ़ने के बाद सोमवार को कहा था कि मीडिया के माध्यम से गलत सूचना फैलाई जा रही है और एमवीए के घटक दलों के बीच कोई विवाद नहीं है तथा कांग्रेस को जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।