चालू है सत्ता का खेल, सोनिया के बुलावे पर 4 बजे तक महाराष्ट्र के कांग्रेसी नेता पहुँचेगे दिल्ली, शिवसेना के सपोर्ट पर होगा मंथन
By रामदीप मिश्रा | Published: November 11, 2019 01:13 PM2019-11-11T13:13:14+5:302019-11-11T13:14:33+5:30
महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर हुए चुनावों में 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं।
महाराष्ट्र में सरकार के गठन को लेकर गतिरोध बरकरार है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना एक साथ आकर सरकार बनाना चाहती है, लेकिन आखिरी फैसला कांग्रेस करेगी। इस बीच राष्ट्रीय राजधानी स्थित कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति को लेकर बैठक हुई है।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में राजनीतिक स्थिति को लेकर सोनिया गांधी के आवासा पर हुई बैठक में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, केसी वेणुगोपाल और मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हुए। बैठक के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे ने संवाददाताओं से कहा है कि हमने अपने महाराष्ट्र के नेताओं को आगे की चर्चा के लिए दिल्ली बुलाया है, बैठक आज शाम 4 बजे की जाएगी।
Congress leader Mallikarjun Kharge after party's Working Committee meeting ends: We have called our Maharashtra leaders to Delhi for further discussions, the meeting will be at 4 pm. https://t.co/A95BwEaOW9pic.twitter.com/iMEFMsh8cD
— ANI (@ANI) November 11, 2019
इधर, एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि कांग्रेस से विचार-विमर्श के बाद ही कोई आखिरी फैसला लिया जाएगा। वहीं, कांग्रेस विधायक शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार को समर्थन देने के पक्ष में है। एनसीपी की कोर ग्रुप की बैठक के बाद नवाब मलिक ने कहा कि हम कांग्रेस के किसी फैसले पर पहुंचने का इंतजार कर रहे हैं। हमने साथ चुनाव लड़ा और जो भी फैसला किया जाएगा, वह साथ में होगा।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा की 288 सीटों पर हुए चुनावों में 105 सीटें जीतते हुए बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। राज्य के चुनाव में शिवसेना को 56 सीटें मिलीं। इसके अलावा राकांपा को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिलीं। प्रदेश की 288 सदस्यीय विधानसभा में सरकार बनाने के लिये 145 विधायकों का समर्थन जरूरी है।
मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी और शिवसेना के बीच खींचतान खत्म हो चुकी है। दोनों पार्टियों ने गठबंधन कर एकसाथ चुनाव लड़ा और एनडीए को बहुमत भी प्राप्त हुआ, लेकिन शिवसेना मुख्यमंत्री पद के लिए 50:50 का फार्मूला चाहती थी, लेकिन बीजेपी इस पर तैयार नहीं हुई।