महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने ली MLC की शपथ, निर्विरोध हुए थे निर्वाचित
By पल्लवी कुमारी | Published: May 18, 2020 02:08 PM2020-05-18T14:08:22+5:302020-05-18T14:08:22+5:30
विधान परिषद चुनाव के साथ उद्धव ठाकरे पहली बार विधायिका के सदस्य बने हैं। वह शिवसेना के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने 28 नवंबर 2019 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और उन्हें 27 मई से पहले विधानमंडल के दोनों सदनों में से किसी एक का सदस्य बनना जरूरी था।
मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद के सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ विपक्षी दलों के आठ अन्य उम्मीदवारों ने भी आज (18 मई) दोपहर तकरीबन एक बजे MLC विधान परिषद की सदस्यता की शपथ ली है। शिवसेना ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की तस्वीरें शेयर कर जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद के सदस्य के तौर पर शपथ ले ली है। तस्वीरों में देखा जा सकता है कि शपथ ग्रहण के कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखा गया है। उद्धव ठाकरे सहित बाकी सारे नेता भी मास्क पहने हुए दिखाई दे रहे हैं।
शिवसेना पक्षप्रमुख, मुख्यमंत्री उद्धव बाळासाहेब ठाकरे यांनी आज विधानभवन येथे विधान परिषद सदस्यत्वाची शपथ घेतली. pic.twitter.com/F29nb0mDRP
— ShivSena - शिवसेना (@ShivSena) May 18, 2020
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों के आठ अन्य उम्मीदवारों को गुरुवार को राज्य विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया। ये सभी उम्मीदवार विधान परिषद की उन नौ सीटों के लिए मैदान में थे जो 24 अप्रैल 2020 को खाली हुई थीं।
सीएम उद्धव के अलावा इन 8 सदस्यों ने भी ली MLC की शपथ
सीएम उद्धव ठाकरे के अलावा विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोरे (शिवसेना), बीजेपी ने रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, गोपीचंद पाडलकर, प्रवीण दटके और रमेश कराड ने शपथ ली। एनसीपी के शशिकांत शिंदे और अमोल मितकरी ने भी आज शपथ ली। कांग्रेस के राजेश राठौड़ ने भी शपथ ली है। ये सभी उम्मीदवार विधान परिषद की उन नौ सीटों के लिए मैदान में थे, जो 24 अप्रैल को खाली हुई थीं।
चार मई को हुई थी चुनाव प्रक्रिया
नौ सदस्यों का कार्यकाल पूरा होने के बाद खाली हुई सीटों को भरने के लिए चार मई को चुनाव प्रक्रिया शुरू हुई थी। शुरुआत में कोरोना वायरस महामारी के कारण चुनाव प्रक्रिया स्थगित कर दी गई थी। प्रदेश के राज्यपाल बी एस कोश्यारी ने हाल ही में चुनाव आयोग को पत्र लिखकर विधान परिषद के चुनाव कराने का अनुरोध किया था ताकि ठाकरे मुख्यमंत्री बनने के छह महीने के अंदर विधायिका में निर्वाचित होने के संवैधानिक प्रावधान को पूरा कर सकें।
पीएम नरेंद्र मोदी से भी सीएम उद्धव ठाकरे ने की थी हस्तक्षेप की मांग
राज्य मंत्रिमंडल ने शुरुआत में सिफारिश की थी कि राज्यपाल अपने कोटे से ठाकरे को विधान परिषद में मनोनीत करें। दो बार सिफारिश के बावजूद राज्यपाल ने ठाकरे को विधान मंडल के उच्च सदन में मनोनीत नहीं किया जिसकी सत्तारूढ़ महाराष्ट्र विकास आघाड़ी के घटक दलों ने आलोचना की। ठाकरे ने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी बात करके उनके हस्तक्षेप की मांग की थी।