महाराष्ट्रः शिवसेना को कांग्रेस और NCP के चक्रव्यूह में अटकर नहीं रहना चाहिए, आठवले बोले-वापस NDA में आइए
By सतीश कुमार सिंह | Published: September 28, 2020 04:13 PM2020-09-28T16:13:14+5:302020-09-28T20:03:51+5:30
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि मेरा मत है कि शिवसेना को कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चक्रव्यूह में अटकर नहीं रहना चाहिए, उन्हें वापस आना चाहिए। अगर बाला साहेब ठाकरे जी का सपना पूरा करना है तो उद्धव ठाकरे जी को दोबारा बीजेपी और RPI के साथ आना चाहिए।
मुंबई/नई दिल्लीः महाराष्ट्र में राजनीति गतिविधि तेज है। शनिवार को शिवसेना सांसद संजय राउत और पूर्व सीएम देवेंद्र फड़नवीस ने मुलाकात की थी। रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की।
इस बीच, केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने कहा कि मेरा मत है कि शिवसेना को कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चक्रव्यूह में अटकर नहीं रहना चाहिए, उन्हें वापस आना चाहिए। अगर बाला साहेब ठाकरे जी का सपना पूरा करना है तो उद्धव ठाकरे जी को दोबारा बीजेपी और RPI के साथ आना चाहिए।
महाराष्ट्र में सियासी अटकलों के बीच रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (आरपीआई) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। रामदास आठवले का कहना है कि बीजेपी के साथ शिवसेना का आना शिवसेना के लिए ज्यादा फायदेमंद है, शिवसेना नहीं आती तो NCP को बीजेपी के साथ आना चाहिए।
शिवसेना को बीजेपी के साथ 50-50 की भागीदारी में सरकार बनानी चाहिए
रामदास आठवले ने कहा, 'शिवसेना को बीजेपी के साथ 50-50 की भागीदारी में सरकार बनानी चाहिए और मुख्यमंत्री पद देवेंद्र फड़नवीस को दे देना चाहिए।' हालांकि उन्होंने ये भी कहा कि शिवसेना और बीजेपी के साथ आने से सुशांत की मौत के मामले की जांच या ड्रग्स मामले की जांच पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने सोमवार को शिवसेना से कहा कि उसे भाजपा के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बनानी चाहिए। आठवले ने दोनों पार्टियों के बीच शक्ति का बंटवारा करने का तरीका भी सुझाया।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को एक साल तक मुख्यमंत्री रहना चाहिए और उसके बाद तीन साल के लिए भाजपा के देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। आठवले ने यह भी कहा कि शिवसेना द्वारा भाजपा के साथ गठबंधन न करने की स्थिति में राकांपा अध्यक्ष शरद पवार को राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में शामिल हो जाना चाहिए।
शिवसेना नेता और सांसद संजय राउत तथा फड़नवीस के बीच शहर के एक होटल में शनिवार को हुई बातचीत की पृष्ठभूमि में केंद्रीय मंत्री आठवले ने यह बात कही। हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री फड़नवीस ने बाद में कहा था कि राउत के साथ हुई मुलाकात शिवसेना के मुखपत्र सामना के वास्ते लिए गए एक साक्षात्कार के संबंध में थी। राउत सामना के कार्यकारी संपादक भी हैं। आठवले ने कहा कि शिवसेना को केंद्र सरकार में एक या दो मंत्रालय भी दिए जाने चाहिए।
राजनीतिक कयासों का दौर शुरू हो गया
शरद पवार ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। यह मुलाकात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और शिवसेना सांसद संजय राउत की बैठक के एक दिन बाद हुई है जिससे राजनीतिक कयासों का दौर शुरू हो गया है। सूत्रों ने बताया कि पवार ने उद्धव ठाकरे के आधिकारिक आवास पर मुलाकात की और यह करीब 40 मिनट तक चली।
Shiv Sena should again join hands with BJP. If Shiv Sena doesn't come with us, I appeal to (NCP chief) Sharad Pawar to join NDA for development for the state. He may get a big post in the future. There is no advantage in staying with Shiv Sena: Union Minister Ramdas Athawale pic.twitter.com/vYrFDV5Z78
— ANI (@ANI) September 28, 2020
हालांकि, दोनों नेताओं की बैठक के दौरान क्या बातचीत हुई, इसकी तत्काल जानकारी नहीं मिल सकी है। सूत्रों ने हालांकि बताया कि राज्य में भविष्य के अनलॉक और कोविड-19 की स्थिति कुछ मुद्दे रहे, जिनपर दोनों नेताओं ने बैठक के दौरान चर्चा की।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को मुंबई के एक होटल में फड़नवीस और राउत ने मुलकात की थी। इस मुलाकात के बाद कयासों का दौर शुरू हो गया था। हालांकि, फडणवीस ने रविवार को कहा कि भाजपा का शिवसेना से हाथ मिलाने या उद्धव ठाकरे नीत महाराष्ट्र सरकार को गिराने का कोई इरादा नहीं है। फड़नवीस ने कहा कि राउत से मुलाकात शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के लिए साक्षात्कार को लेकर हुई थी।
सत्ता बंटवारे के फार्मूले को लेकर भाजपा विरोधी रुख के लिए सुर्खियों में थे
महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया। राउत ने होटल में फड़नवीस से मुलाकात की। राउत पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बंटवारे के फार्मूले को लेकर भाजपा विरोधी रुख के लिए सुर्खियों में थे।
महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव ने कहा कि इस मुलाकात के कोई राजनीतिक मायने नहीं है। उन्होंने ट्वीट किया, " राउत ने (शिवसेना के मुखपत्र) सामना के लिए फड़नवीस का साक्षात्कार लेने की इच्छा व्यक्त की थी और इसी बारे में चर्चा करने के लिए यह मुलाकात हुई थी।"
प्रवक्ता ने कहा, " फड़नवीस ने राउत से कहा है कि वह बिहार में चुनाव प्रचार करके लौटने के बाद उन्हें साक्षात्कार देंगे। इस भेंट का कोई राजनीतिक संदर्भ नहीं है।" शिवसेना और भाजपा ने पिछले साल विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में साझेदारी को लेकर उद्धव ठाकरे नीत पार्टी भाजपा का साथ छोड़ गई थी और राकांपा तथा कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी।
मेरा मत है कि शिवसेना को कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चक्रव्यूह में अटकर नहीं रहना चाहिए, उन्हें वापस आना चाहिए। अगर बाला साहेब ठाकरे जी का सपना पूरा करना है तो उद्धव ठाकरे जी को दोबारा बीजेपी और RPI के साथ आना चाहिए: केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले #Maharashtrapic.twitter.com/pjuovVLk7E
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 28, 2020