महाराष्ट्रः शिवसेना प्रमुख ठाकरे को झटका देंगे सीएम शिंदे, चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ पर दावा किया, निर्वाचन आयोग को भेजे पत्र
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: July 20, 2022 08:19 PM2022-07-20T20:19:48+5:302022-07-20T20:21:15+5:30
महाराष्ट्र में शिवसेना के 55 में से कम से कम 40 विधायकों ने बागी नेता एकनाथ शिंदे को समर्थन देने की घोषणा की थी। शिंदे ने 30 जून को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
मुंबईः शिवसेना के एकनाथ शिंदे गुट ने निर्वाचन आयोग (ईसी) को पत्र लिखकर पार्टी का चुनाव चिह्न ‘धनुष-बाण’ आवंटित करने की मांग की है। निर्वाचन आयोग को भेजे एक पत्र में शिंदे गुट ने असल शिवसेना होने का दावा किया है और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर द्वारा दी गई मान्यता का हवाला दिया है।
महाराष्ट्र में शिवसेना के 55 में से कम से कम 40 विधायकों ने बागी नेता शिंदे को समर्थन देने की घोषणा की थी। शिंदे ने 30 जून को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। शिंदे ने मंगलवार को राहुल शेवाले को लोकसभा में पार्टी का नेता घोषित किया था और पांच बार की सदस्य भावना गवली को मुख्य सचेतक के रूप में बनाए रखा था।
लोकसभा अध्यक्ष ने शेवाले को संसद के निचले सदन में शिवसेना के नेता के रूप में मान्यता प्रदान की। इससे पहले, शिवसेना के उद्धव ठाकरे धड़े ने निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर अनुरोध किया था कि पार्टी के नाम और उसके चुनाव चिह्न पर दावों के लिए कोई भी निर्णय लेने से पहले उसके विचार को सुना जाये।
जहां कहीं मैं जाता हूं अपना आधिकारिक कार्य साथ-साथ करता हूं : शिंदे
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि हर समय उन्हें मंत्रालय में बैठने की जरूरत नहीं पड़ती है क्योंकि वह जहां कहीं जाते हैं अपना आधिकारिक कार्य साथ-साथ करते हैं और दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करते हैं। ठाणे जिले के रहने वाले शिंदे ने सोमवार शाम मुंबई में एक रैली को संबोधित करते हुए यह कहा।
उन्होंने कहा कि उनका काम जारी रहता है, चाहे वह मंत्रालय में हो या फिर कहीं और हो। महाराष्ट्र में राज्य सचिवालय को ‘मंत्रालय’ के नाम से जाना जाता है जो दक्षिण मुंबई में स्थित है। शिंदे ने कहा, ‘‘कल, किसी व्यक्ति ने आरोप लगाया कि मंत्रालय में कोई कामकाज नहीं हो रहा है ... लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि मैं जहां कहीं जाता हूं वह स्थान मेरा मंत्रालय हो जाता है। मैं चलते-फिरते दस्तावेजों और अन्य कागजात पर हस्ताक्षर करता हूं। मैं जहां कहीं जाता हूं मेरा काम जारी रहता है, चाहे मैं ठाणे, मंत्रालय या कहीं और जाऊं।’’
शिंदे ने कहा, ‘‘यहां तक कि मैं जब किसी कार्यक्रम में जाता हूं, मेरा कामकाज नहीं रूकता है। मुझे कागजात को पढ़ने या उन पर हस्ताक्षर करने के लिए मंत्रालय में बैठने की जरूरत नहीं पड़ती। जब कोई दस्तावेज मेरे पास आता है, मैं उस पर फौरन हस्ताक्षर कर देता हूं। किसी को ऐसा अवसर (मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने का) शायद ही मिलता है। मैं कागजात पर हस्ताक्षर करने से नहीं डरता। ’’