Maharashtra Chunav 2024: महाराष्ट्र और झारखंड चुनाव में बिजी हैं पीएम मोदी?, श्रीनगर और जम्मू-कश्मीर में हमले पर कोई ध्यान नहीं, सामना के संपादकीय में टिप्पणी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 4, 2024 12:03 PM2024-11-04T12:03:38+5:302024-11-04T12:04:45+5:30
Maharashtra Chunav 2024: ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार की जम्मू-कश्मीर में ‘‘हालात को स्थिर करने में बेहद कम रुचि’’ है।
Maharashtra Chunav 2024: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने सोमवार को दावा किया कि केंद्र सरकार का ध्यान महाराष्ट्र और झारखंड में आगामी विधानसभा चुनाव जीतने पर है और जम्मू-कश्मीर से जुड़े मुद्दों को हल करने के लिए उसके पास समय ही नहीं है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में यह टिप्पणी श्रीनगर में भीड़भाड़ वाले पिस्सू बाजार के पास सीआरपीएफ बंकर पर आतंकवादियों द्वारा ग्रेनेड फेंकने के एक दिन बाद आई है। इस हमले में कम से कम 11 नागरिक घायल हो गए। यह हमला पर्यटक स्वागत केंद्र (टीआरसी) के निकट स्थित आकाशवाणी और दूरदर्शन केंद्र परिसर के पास हुआ, जहां कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। सुरक्षा बलों द्वारा श्रीनगर के खानयार इलाके में लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के एक शीर्ष पाकिस्तानी कमांडर को मार गिराये जाने के एक दिन बाद यह हमला हुआ। ‘सामना’ के संपादकीय में कहा गया है कि ऐसा लगता है कि केंद्र सरकार की जम्मू-कश्मीर में ‘‘हालात को स्थिर करने में बेहद कम रुचि’’ है।
इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर में हालात सुधारने के बजाय महाराष्ट्र और झारखंड राज्यों को कैसे जीता जाए, इसके लिए ज्यादा से ज्यादा बैठकें कर रही है। मराठी दैनिक अखबार ने आरोप लगाया कि ‘‘हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए चुनावों के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह एक बार फिर चुनावी माहौल में खो गए हैं।
उनका मुख्य ध्यान महाराष्ट्र और झारखंड में विधानसभा चुनाव जीतने पर है और ऐसा लगता है कि अब जम्मू-कश्मीर में चुनाव समाप्त हो जाने के बाद वहां के मुद्दों पर बात करने के लिए उनके पास ज्यादा समय नहीं है।’’ इसमें कहा गया, ‘‘सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ हुई जिसमें दो आतंकवादी मारे गए। एक आतंकवादी अभी भी फरार है और अधिकारियों पर लगातार गोलीबारी कर रहा है।
अक्टूबर में ही (जम्मू-कश्मीर में) पांच अलग-अलग हमले हुए हैं, जिससे केंद्र सरकार के सामने चुनौती खड़ी हो गई है।’’ संपादकीय में कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री (उमर अब्दुल्ला) ने केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी हमलों में अचानक वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है और केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर बयान जारी करना चाहिए।