Maharashtra Cabinet expansion: डेट फाइनल, 14 दिसंबर को महाराष्ट्र मंत्रिमंडल विस्तार?, अमित शाह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष करेंगे फाइनल
By सतीश कुमार सिंह | Published: December 12, 2024 05:05 PM2024-12-12T17:05:08+5:302024-12-12T17:06:22+5:30
Maharashtra Cabinet expansion: बीजेपी को सीएम पद सहित 21 से 22 मंत्री पद बनाए रखने की उम्मीद है। चार से पांच मंत्री पद खाली रखे जा सकते हैं।
Maharashtra Cabinet expansion: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने 14 दिसंबर तक होने वाले राज्य मंत्रिमंडल विस्तार पर सस्पेंस के बीच बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। खबरों के मुताबिक शिवसेना को गृह विभाग और राजस्व विभाग नहीं दिया जाएगा। बातचीत में देरी होने की वजह विभाह को लेकर है। तीन पार्टियां (महायुति सहयोगी बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी) इसमें शामिल हैं। बीजेपी को सीएम पद सहित 21 से 22 मंत्री पद बनाए रखने की उम्मीद है। चार से पांच मंत्री पद खाली रखे जा सकते हैं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज हैं और दिल्ली नहीं पहुंचे।
फडणवीस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनके मंत्रिमंडल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संभावित मंत्रियों के नाम तय हो गये हैं और अंतिम निर्णय पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व करेगा। दिल्ली के दो दिवसीय दौरे पर आए फडणवीस ने बुधवार रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के अध्यक्ष जे पी नड्डा और पार्टी के वरिष्ठ नेता बी एल संतोष के साथ अपने मंत्रिमंडल के विस्तार पर चर्चा की।
बैठक के दौरान भाजपा की महाराष्ट्र इकाई के प्रमुख चंद्रशेखर बावनकुले भी मौजूद थे। पिछले हफ्ते महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाले फडणवीस ने कहा, ‘‘हमें अभी मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख तय करनी है। फॉर्मूला तय हो चुका है और आपको जल्द ही इसके बारे में पता चल जाएगा।’’
दूसरी तरफ, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख अजित पवार ने कहा कि महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार 14 दिसंबर को हो सकता है। पिछले महीने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा नीत महायुति ने शानदार जीत दर्ज की थी। भाजपा-शिवसेना-राकांपा गठबंधन ने 230 सीटें जीतीं, जबकि गठबंधन में शामिल छोटे दल पांच सीटों पर विजयी हुए।
विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) गठबंधन 288 सदस्यीय विधानसभा में 46 सीट जीत सका। फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की, जबकि शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। फडणवीस ने सत्ता-साझेदारी समझौते को लेकर सत्तारूढ़ गठबंधन के बीच मतभेद की खबरों को भी खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कोई मुद्दा नहीं है। मैं यहां अपनी पार्टी के नेताओं से मिलने और इस बात पर चर्चा करने आया था कि भाजपा से कौन मंत्री हो सकते हैं। एकनाथ शिंदे अपनी पार्टी के मंत्रियों के बारे में फैसला करेंगे, अजित दादा अपने मंत्रियों के बारे में फैसला करेंगे।’’ फडणवीस ने कहा कि वह और अजित पवार अपनी-अपनी बैठकों के लिए राष्ट्रीय राजधानी आए हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘अजित दादा अपने काम से आए हैं, मैं अपनी पार्टी के नेताओं से मिलने आया हूं। मैं दिल्ली में अजित दादा से मिला भी नहीं हूं।’’ खबरों में कहा गया था कि शिंदे दिल्ली नहीं आए, क्योंकि वह शिवसेना को विभागों के आवंटन से नाराज हैं। दिल्ली में फडणवीस ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की।