महाराष्ट्र: बीजेपी को अब भी उम्मीद, बना लेगी सरकार, नहीं टिकेगा शिवसेना का एनसीपी-कांग्रेस से बेमेल गठबंधन!
By नितिन अग्रवाल | Published: November 15, 2019 08:27 AM2019-11-15T08:27:23+5:302019-11-15T08:27:23+5:30
Maharashtra, BJP: भारतीय जनता पार्टी को अब भी उम्मीद है कि वह महाराष्ट्र में देर-सबेर सरकार बना लेगी और शिवसेना का एनसीपी, कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं टिकेगा
नितिन अग्रवाल, नई दिल्ली।भाजपा भले ही महाराष्ट्र में सरकार बनाने से फिलहाल चूक गई है, लेकिन उसे लगता है कि देर-सबेर वह सरकार बना लेगी। सरकार बनाने के लिए राकांपा और कांग्रेस से बातचीत कर रही शिवसेना अपनी कोशिश में कामयाब हो भी जाती है तो भी बेमेल गठबंधन वाली सरकार ज्यादा दिन नहीं चलेगी और देर-सबेर सरकार बनाने के लिए उसे ही आगे आना होगा।
हालांकि वह इस मामले में कोई जल्दबाजी भी नहीं दिखना चाहती। भाजपा मान रही है कि ऐसी स्थिति में शिवसेना और दूसरे दलों के कुछ विधायक उनका साथ छोड़ सकते हैं। भाजपा के एक केंद्रीय पदाधिकारी ने कहा राज्य की जनता ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने का जनादेश दिया, लेकिन शिवसेना राकांपा-कांग्रेस के साथ जाकर इसका उल्लंघन कर रही हैं। शिवसेना ने जिस तरह का रुख अपनाया है, इस पर जनता की नजर है।
बीजेपी को उम्मीद, शिवसेना विधायक खुद छोड़ देंगे उसका साथ!
शिवसेना को इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ेगा। जनता के साथ विश्वासघात की हकीकत को समझने वाले विधायक खुद उसका साथ छोड़ सकते हैं। हालांकि भाजपा को अभी भी शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार का बनना दूर की कौड़ी नजर आता है। इस नेता ने कहा कि यदि शिवसेना को बहुमत साबित करने का विश्वास होता है तो वह अपना दावा कभी भी कर सकती है। राज्य में राष्ट्रपति शासन जरूर लगा है, लेकिन राज्यपाल के पास सरकार गठन का दावा करने की कोई मनाही नहीं है। इसके लिए शिवसेना ही नहीं, बाकी सभी दलों के लिए रास्ते खुले हैं।
भाजपा इस मामले में जल्दबाजी में नजर नहीं आना चाहती
दरअसल, भाजपा की मंशा महाराष्ट्र में अपने दम पर सरकार बनाने की तो है, लेकिन वह इसे लेकर किसी जल्दबाजी में नजर नहीं आना चाहती। वह शिवसेना के साथ की मजबूरी से मुक्त होना चाहती है। चुनाव से पहले भी उसका यही इरादा था। जिसे वह चुनाव प्रचार के दौरान भी कई बार उजागर कर चुकी है।
महाराष्ट्र में काम करेगा कर्नाटक फॉर्मूला!
महाराष्ट्र की मौजूदा परिस्थिति में भले ही इसकी संभावना कम है फिर भी भाजपा को कर्नाटक जैसा मौका यहां भी मिल सकता है। महाराष्ट्र में विधानसभा के गणित पर गौर करें तो 288 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा के पास 105 सीटें हैं। इसके अलावा 15 निर्दलीय विधायकों के समर्थन की भी बात कही गई है। यह संख्या बहुमत के 145 के आंकड़े से 25 कम है। ऐसे में यदि शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के 49 विधायक यदि इस्तीफा देते हैं तो भाजपा की 120 विधायकों की संख्या बहुमत में बदल जाएगी।
हालांकि इसकी संभावना फिलहाल नजर नहीं आती। फिर भी राजनीति में किसी भी परिस्थिति से इनकार नहीं किया जा सकता। कर्नाटक में भी कांग्रेस, जेडीएस के 17 विधायकों के इस्तीफे के बाद भाजपा अपनी सरकार बना चुकी है।
चुनाव से पहले क्यों चुप थी शिवसेना!
चुनावी नतीजों के बाद 20 दिन से शांत बैठे अमित शाह ने भी बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि भाजपा ने शिवसेना के साथ कोई वादा खिलाफी नहीं की है। एक इंटरव्यू में शाह ने साफ किया कि चुनाव से पहले भाजपा की ओर से लगातार देवेंद्र फडणवीस को अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पेश किया गया, लेकिन तब शिवसेना ने इस पर एक बार भी आपत्ति नहीं जताई। चुनाव के बाद वह नई मांगें लेकर आई, जो भाजपा को स्वीकार्य नहीं हैं।