झारखंड: सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के आवास पर महाराष्ट्र एटीएस की छापेमारी, जब्त किये कई सामान

By एस पी सिन्हा | Published: June 12, 2019 01:46 PM2019-06-12T13:46:10+5:302019-06-12T13:46:10+5:30

रांची में नामकुम बगीचा में फादर का घर है. उनपर महाराष्ट्र के अलनगर परिषद नक्सली संगठन को समर्थन देने का आरोप है. फादर स्टेन बीते 50 सालों से झारखंड में रहकर काम कर रहे हैं.

Maharashtra ATS team raid residence of Father Stan Swamy renowned social worker of Jharkhand | झारखंड: सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के आवास पर महाराष्ट्र एटीएस की छापेमारी, जब्त किये कई सामान

फादर स्टेन स्वामी

Highlightsमहाराष्ट्र एटीएस टीम ने फादर स्टेन स्वामी के घर पर की छापेमारीपुलिस ने लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल, कैमरा और कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किएइससे पहले अगस्त, 2017 में पुणे पुलिस ने भी फादर स्टेन के आवास पर छापामारी की थी

झारखंड के जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के आवास पर बुधवार को महाराष्ट्र एटीएस टीम ने स्थानीय थाना की मदद से छापेमारी की। नामकुम थाना क्षेत्र के बगीचा स्थित फादर स्टेन स्वामी के आवास पर महाराष्ट्र एटीएस टीम सुबह 7 बजे पहुंची. इस दौरान काफी देर तक फादर स्वामी से एक बंद कमरे में पूछताछ की गई. उनके घर से पुलिस ने लैपटॉप, कम्प्यूटर, मोबाइल, कैमरा और कई महत्वपूर्ण कागजात जब्त किए है.

प्राप्त जानकारी के अनुसार छापेमारी में पुलिस ने कई सामान जब्त किये हैं. इससे पहले पिछले साल अगस्त में भी पुणे पुलिस ने रांची पहुंच कर फादर स्टेन स्वामी के घर छापेमारी की थी. पुणे पुलिस ने तब स्टेन स्वामी के घर से लैपटॉप, कम्प्यूटर सहित कई कागजात जब्त किए थे. फादर से पूछताछ भी की गई थी. इसके बाद पुणे पुलिस वापस लौट गई थी. पूरा मामला भीमा कोरेगांव में हुई हिंसा से जुड़ा है. 

इस मामले में फादर स्टेन स्वामी के घर दूसरी बार छापा पड़ा है. उनके आवास के बाहर भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया था. मूल रूप से केरल के रहने वाले स्टेन स्वामी के आवास पर अगस्त, 2017 में पुणे पुलिस ने छापामारी की थी. तब पुलिस ने उनके घर से लैपटॉप, कम्प्यूटर सहित कई कागजात जब्त किये थे. 

भीमा कोरेगांव से जुड़ा है मामला!

बता दें कि भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी, 2018 को कथित रूप से स्टेन स्वामी व अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाषण दिया था, इसी मामले में फादर स्टेन के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया था. आरोप है कि स्टेन स्वामी महाराष्ट्र के नक्सली संगठन अलगार परिषद को समर्थन दिया.

रांची में नामकुम बगीचा में फादर का घर है. उनपर महाराष्ट्र के अलनगर परिषद नक्सली संगठन को समर्थन देने का आरोप है. फादर स्टेन बीते 50 सालों से झारखंड में रहकर काम कर रहे हैं. पहले चाईबासा में रहकर आदिवासी संगठनों के लिए काम करते रहे. 2004 में रांची आकर आदिवासी अधिकार और विस्थापन के मुद्दे पर काम करते रहे हैं. उनके समर्थकों के मुताबिक फादर वैसे आदिवासियों के लिए काम कर रहे हैं, जिन्हें नक्सली बताकर जेल में डाल दिया गया. फादर स्टेन की पहचान एक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में है.

उल्लेखनीय है कि भीम कोरेगांव महाराष्ट्र के पुणे जिले में है. इस छोटे से गांव से मराठा का इतिहास इतिहास जुड़ा है. 200 साल पहले यानी 1 जनवरी, 1818 को ईस्ट इंडिया कपंनी की सेना ने पेशवा की बडी सेना को कोरेगांव में हरा दिया था. पेशवा सेना का नेतुत्व बाजीराव II कर रहे थे. बाद में इस लड़ाई को दलितों के इतिहास में एक खास जगह मिल गई. बीआर अम्बेडकर को फॉलो करने वाले दलति इस लड़ाई को राष्ट्रवाद बनाम साम्राज्यवाद की लडाई नहीं कहते हैं.

दलित इस लडाई में अपनी जीत मानते हैं. उनके मुताबिक इस लडाई में दलितों के खिलाफ अत्याचार करने वाले पेशवा की हार हुई थी. ऐसे में हर साल जब 1 जनवरी को दुनिया भर में नए साल का जश्न मनाया जाता है, उस वक्त दलित समुदाय के लोग भीमा कोरेगांव में जमा होते है. वे यहां 'विजय स्तम्भ' के सामने अपना सम्मान प्रकट करते हैं. ये विजय स्तम्भ ईस्ट इंडिया कंपनी ने उस युद्ध में शामिल होने वाले लोगों की याद में बनाया था. इस स्तम्भ पर 1818 के युद्ध में शामिल होने वाले महार योद्दाओं के नाम अंकित हैं. वे योद्धा, जिन्हें पेशवा के खिलाफ जीत मिली थी.

साल 2018 इस युद्ध का 200वां साल था. ऐसे में भारी संख्या में दलित समुदाय के लोग जमा हुए थे. जश्न के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हिंसक झडप हुई थी. इस दौरान इस घटना में एक शख्स की मौत हो गई, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. यहां दलित और बहुजन समुदाय के लोगों ने एल्गार परिषद के नाम से शनिवार वाडा में कई जनसभाएं की. शनिवार वाडा 1818 तक पेशवा की सीट रही है. जनसभा में मुद्दे हिन्दुत्व राजनीति के खिलाफ थे. इस मौके पर कई बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाषण भी दिए थे और इसी दौरान अचानक हिंसा भडक उठी थी. भाषण देने वालों में स्टेन स्वामी भी थे.

Web Title: Maharashtra ATS team raid residence of Father Stan Swamy renowned social worker of Jharkhand

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