19 साल बाद फिर चर्चा में आई बाल ठाकरे की गिरफ्तारी, शिवसेना ने की एनसीपी से माफी की मांग
By अभिषेक पाण्डेय | Published: October 13, 2019 02:16 PM2019-10-13T14:16:42+5:302019-10-13T14:17:50+5:30
Bal Thackeray: 2000 में एनसीपी और कांग्रेस गठबंधन सरकार द्वारा बाल ठाकरे की गिरफ्तारी की मामला महाराष्ट्र चुनावों में फिर से चर्चा में आ गया है
कांग्रेस-एनसीपी सरकार द्वारा 1992-93 मुंबई दंगों के मामले में शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे की 2000 में की गई गिरफ्तारी का मामला 19 सालों बाद फिर से राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
इसकी शुरुआत एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार के उस बयान से हुई, जिसमें उन्होंने कहा है कि शिवसेना सुप्रीमो की गिरफ्तारी एक गलती थी और उन्होंने इस कदम का विरोध किया था, लेकिन पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता इस पर अड़े रहे थे। उनके इस बयान के बाद शिवसेना ने मांग की है कि एनसीपी ठाकरे की गिरफ्तारी के मामले में माफी मांगे।
अजीत पवार ने कहा, बाल ठाकरे की गिरफ्तारी 'गलती' थी
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पवार ने शुक्रवार को एक मराठी चैनल से कहा, 'मेरी राय थी कि राजनीति को इस स्तर (किसी राजनेता की गिरफ्तारी) तक नहीं ले जाना चाहिए। लेकिन हमारी राय का उस समय इतना महत्व नहीं था। और कुछ नेताओं के आग्रह पर ये फैसला लिया गया। हालांकि, मेरा अब भी मानना है कि हमें ऐसे फैसलों से बचना चाहिए था।'
बाल ठाकरे को कांग्रेस-एनसीपी सरकार ने किया था गिरफ्तार
कांग्रेस-एनसीपी सरकार के कार्यकाल के दौरान 2000 में ठाकरे को दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के बाद 1992 में मुंबई में हुए दंगों में शिवसेना के मुखपत्र सामना में अपने भड़काऊ लेखन के जरिये सांप्रदायिक घृणा को बढ़ावा देने के आरोपों में गिरफ्तार किया गया था।
कांग्रेस-एनसीपी कार्यकाल के दौरान एनसीपी के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल के गृह मंत्रालय ने ठाकरे को गिरफ्तार करने का कदम उठाया था। शिवसेना प्रमुख ने कोर्ट के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, लेकिन ये मामला कोर्ट में खारिज हो गया था।
पवार के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, 'बालासाहब को एक नेता के हठ पर गिरफ्तार किया गया था, बालासाहब को गिरफ्तार करना एक गलती थी। आपको इस गलती का अहसास करने में इतने साल लग गए। अजीत दादा, अगर आपके आंसू असली हैं, तो आपको गिरफ्तारी के लिए माफी मांगनी चाहिए।'
अजीत पवार ने कहा, शिवसेना पुराने मामले को दे रही तूल
शनिवार को इस मामले पर अजीत पवार ने कहा, 'मैंने कहा है कि हम फैसला करने वाले नहीं थे और ये फैसला सीनियर कैबिनेट मंत्रियों द्वारा किया गया था। हम उस समय जूनियर मंत्री थे। लेकिन अगर उन्होंने मुझसे पूछा होता तो मैं इसके (गिरफ्तारी) लिए ना कहता...मेरा मानना है कि कई बार सत्तारूढ़ दल विपक्षी पार्टियों के लिए अनावश्यक समस्याएं पैदा करते हैं और राजनीति का स्तर इतना नहीं गिरना चाहिए।'
शिवसेना की माफी की मांग पर पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मामला बहुत ठंडा है और इसे इतना नहीं खींचा जाना चाहिए। उन्होंने कहा, 'ये मामला बहुत ठंडा है। कई साल बीत चुके हैं। संबंधित व्यक्ति (बाल ठाकरे) भी अब इस दुनिया में नहीं हैं। मुझे नहीं लगता कि इसे और खींचे जाने की जरूरत है।'
उद्धव ठाकरे ने भी उठाया था पिता की गिरफ्तारी का मुद्दा
हाल ही में, उद्धव ठाकरे ने अपने पिता की गिरफ्तारी को याद करते हुए कहा था कि महाराष्ट्र बदले और प्रतिशोध की राजनीति को पसंद नहीं करता है।
उद्धव ने हाल ही में पार्टी की दशहरा रैली में कहा, 'मेरे पिता को भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के लिए नहीं बल्कि 1992-92 के मुंबई दंगों के दौरान हिंदुओं की रक्षा करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।'
वह एनसीपी के उन आरोपों का जवाब दे रहे थे जिसमें उसने कहा था कि उसके पार्टी प्रमुख शरद पवार को राजनीतिक बदले के तहत ईडी जांच का सामना करना पड़ा। पवार के खिलाफ संघीय जांच एजेंसी द्वारा हाल ही में कथित महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले मामले में केस दर्ज किया गया था।