महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: करजत जामखेड़ सीट पर शरद पवार के पौत्र का मुकाबला अनुभवी भाजपा नेता से, जानें पूरा समीकरण
By भाषा | Published: October 15, 2019 05:18 PM2019-10-15T17:18:56+5:302019-10-15T17:18:56+5:30
2014 के चुनाव में राम शिंदे ने 84,058 वोटों से जीत हासिल की थी। उस समय शिवसेना के उम्मीदवार ने अलग से किस्मत आजमाई थी और उसे 46,242 वोटों के साथ दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। राकांपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रह गये थे। रोहित पवार ने कहा कि वह पिछले छह महीने से क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और मतदाताओं से संपर्क साध रहे हैं।
अहमदनगर लोकसभा के करजत जामखेड़ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा का प्रभुत्व रहा है और इस बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने शरद पवार के पौत्र रोहित पवार को उतारा है जिससे मुकाबला रोचक हो गया है। रोहित को मौजूदा विधायक तथा जल संरक्षण मंत्री राम शिंदे के खिलाफ उतारा गया है।
अहमदनगर लोकसभा सीट पर प्रभुत्व को लेकर शरद पवार तथा जिले के राजनीतिक रूप से प्रभावशाली विखे-पाटिल परिवार के बीच द्वंद्व पहले से चलता आ रहा है। पवार ने तब अहमदनगर लोकसभा सीट को तत्कालीन कांग्रेस नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के बेटे सुजय के लिए छोड़ने से मना कर दिया था जिसके बाद सुजय भाजपा में शामिल हो गये और यहां से चुनाव जीत गये।
चुनाव के दौरान सुजय को करजत जामखेड़ विधानसभा क्षेत्र से वोटों की बढ़त पाने के लिए संघर्ष करना पड़ा था। भाजपा स्थानीय बनाम बाहरी के आधार पर रोहित के खिलाफ प्रचार कर रही है। शरद पवार के बड़े भाई अप्पासाहेब पवार के पौत्र रोहित भी मानते हैं कि उनकी लड़ाई मुश्किल है।
उन्होंने पीटीआई से कहा, ‘‘इस क्षेत्र में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो रैलियों को संबोधित किया और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह 19 अक्टूबर को रैली करने जा रहे हैं जिससे संकेत मिलता है कि भाजपा उम्मीदवार के लिए लड़ाई मुश्किल है।’’ भाजपा पिछले 25 साल से इस सीट पर जीत दर्ज करती आ रही है।
2014 के चुनाव में राम शिंदे ने 84,058 वोटों से जीत हासिल की थी। उस समय शिवसेना के उम्मीदवार ने अलग से किस्मत आजमाई थी और उसे 46,242 वोटों के साथ दूसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। राकांपा उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रह गये थे। रोहित पवार ने कहा कि वह पिछले छह महीने से क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं और मतदाताओं से संपर्क साध रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इस क्षेत्र में 1995 से मतदाता भाजपा उम्मीदवार को चुनते आ रहे हैं। हालांकि पार्टी ने क्षेत्र में कोई विकास नहीं किया है।’’ जीत की संभावनाओं के सवाल पर रोहित ने माना कि लड़ाई कठिन है। अपने साथ ‘बाहरी उम्मीदवार’ का ठप्पा लगा होने के बारे में पूछे जाने पर राकांपा उम्मीदवार ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के पुणे के कोठरूद से चुनाव लड़ने का उदाहरण दिया जो कोल्हापुर के रहने वाले हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री को मुझे और चंद्रकांत पाटिल को साथ में रखना चाहिए और तब करजत जामखेड़ में मेरे बाहरी होने की बात करनी चाहिए।’’
हालांकि भाजपा उम्मीदवार शिंदे ने विश्वास जताया कि वह इस बार हैट्रिक लगाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मेरे खिलाफ कोई लहर नहीं है। मेरे विरोधी पैसों का इस्तेमाल कर मतदाताओं को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।’’ शिंदे ने रोहित पवार से किसी तरह की चुनौती की बात को खारिज कर दिया। हालांकि स्थानीय भाजपा के कुछ नेता मानते हैं कि शिंदे की स्थिति इस बार कमजोर है।