महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: भाजपा बेहतर करने के लिए लड़ेगी, बाकी दल अपनी जमीन बचाने की करेंगे कोशिश!

By भाषा | Published: September 21, 2019 07:57 PM2019-09-21T19:57:29+5:302019-09-21T19:57:29+5:30

Maharashtra assembly elections: पिछले चुनाव में पार्टी को 122 सीटों पर जीत मिली थी। वर्ष 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी मजबूत स्थिति में थी। दूसरी ओर कांग्रेस विदर्भ, मराठवाड़ा और मुंबई के अपने मजबूत गढ़ में भी कमजोर हुई है। राकंपा भी पश्चिमी महाराष्ट्र में अपने गढ़ को बचाने के लिए संघर्ष करती दिख रही है।

Maharashtra assembly elections: BJP will fight to do better, other parties will try to save their land! | महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: भाजपा बेहतर करने के लिए लड़ेगी, बाकी दल अपनी जमीन बचाने की करेंगे कोशिश!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों में रणनीति के तहत पवार पर हमले से भी इसके संकेत मिलते हैं।

 महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की किस्मत का फैसला होगा। इसके साथ ही यह विपक्षी दलों, खासतौर से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकंपा) अध्यक्ष शरद पवार के लिए भी कड़ी चुनौती होगी, जो पार्टी नेताओं के सत्ताधारी दल में जाने से परेशान हैं।

चुनाव आयोग ने राज्य में 21 अक्टूबर को एक ही चरण में चुनाव कराने की घोषणा की है। मतों की गिनती 24 अक्ट्रबर को होगी। लोकसभा चुनाव 2019 में भारी बहुमत के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। इस चुनाव में फडणवीस के नेतृत्व वाली भाजपा 2014 के मुकाबले अधिक मजबूत दिख रही है।

पिछले चुनाव में पार्टी को 122 सीटों पर जीत मिली थी। वर्ष 2014 और 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी मजबूत स्थिति में थी। दूसरी ओर कांग्रेस विदर्भ, मराठवाड़ा और मुंबई के अपने मजबूत गढ़ में भी कमजोर हुई है। राकंपा भी पश्चिमी महाराष्ट्र में अपने गढ़ को बचाने के लिए संघर्ष करती दिख रही है। हालांकि, शिवसेना ने कोंकण में अपना मजबूत आधार कायम रखा है।

भाजपा ने रणनीति के तहत गत महीने राकंपा और कांग्रेस के नेताओं को पार्टी में शामिल किया ताकि उन क्षेत्रों में अपनी स्थिति मजबूत की जा सके, जहां पर उसका संगठन अपेक्षाकृत कमजोर है। भाजपा इसके जरिये मनोवैज्ञानिक बढ़त बनाने के साथ ही शिवसेना को संकेत दे रही है कि वह राज्य की राजनीति में दूसरे पायदान पर काम करने के लिए तैयार रहे।

शरद पवार के पांच दशक के राजनीतिक करियर में यह सबसे कठिन लड़ाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भाषणों में रणनीति के तहत पवार पर हमले से भी इसके संकेत मिलते हैं।

कांग्रेस कभी राज्य में सबसे मजबूत में थी, लेकिन अब पार्टी दिशाहीन दिखाई दे रही है। नेता प्रतिपक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल और पूर्व मंत्री हर्षवर्धन पाटिल सहित कई नेता भाजपा में शामिल हो चुके हैं। कई विधायक भी सत्तारूढ़ गठबंधन का दामन थाम चुके हैं। 

Web Title: Maharashtra assembly elections: BJP will fight to do better, other parties will try to save their land!

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