महाराष्ट्र: शिवसेना- कांग्रेस सरकार को समर्थन देने पर ओवैसी ने कहा-पहले निकाह तो होने दीजिए फिर देखेंगे बेटा होगा या बेटी
By स्वाति सिंह | Published: November 12, 2019 01:56 PM2019-11-12T13:56:44+5:302019-11-12T15:43:20+5:30
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन ( AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने लिखा 'महाराष्ट्र में एआईएमआईएम के दो विधायक हैं और हम शिवसेना- कांग्रेस सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। इस बारे में जल्द ही महाराष्ट्र के राज्यपाल को पत्र भेजा जाएगा।'
महाराष्ट्र में चल रहे सियासी ड्रामे के बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन ( AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह किसी भी ऐसे गठबंधन को समर्थन नहीं देंगे जिसमें बीजेपी और शिवसेना शामिल होंगे। ओवैसी ने कहा कि हमारा मनना है कि शिवसेना और बीजेपी में कोई फर्क नहीं है।
उन्होंने कहा 'हम न तो बीजेपी और न ही शिवसेना के नेतृत्व वाली सरकार सरकार का समर्थन करेंगे। मैं खुश हूं कि अगर कांग्रेस-राकांपा शिवसेना का समर्थन कर रही है। अब सबको दिख रहा है कि वोट कौन काट रहा था। जब ओवैसी से पूछा गया अगर एनसीपी का मुख्यमंत्री होगा तो आप समर्थन देंगे तो इस पर उन्होंने कहा कि पहले निकाह तो होने दीजिए फिर देखेंगे बेटा होगा या बेटी।
इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया उसके दो विधायक 'शिवसेना- कांग्रेस' सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने लिखा 'महाराष्ट्र में एआईएमआईएम के दो विधायक हैं और हम शिवसेना- कांग्रेस सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। इस बारे में जल्द ही महाराष्ट्र के राज्यपाल को पत्र भेजा जाएगा।'
Asaduddin Owaisi,AIMIM on being asked,"if there is a scenario of NCP Chief Minister (in Maharashtra) then what will be your party's stand": Pehle nikaah hoga, uske baad sochenge ki beta hoga ya beti hogi. Abhi toh nikaah hi nahi hua. Nothing to consider. Yeh sab khel ho raha hai. https://t.co/CEzPzriyOR
— ANI (@ANI) November 12, 2019
शिवसेना ने सोमवार को दावा किया कि महाराष्ट्र में बीजेपी के बिना उसकी सरकार का समर्थन करने के लिए एनसीपी और कांग्रेस ‘सैद्धांतिक समर्थन’ देने पर सहमत हो गयी हैं लेकिन वह राज्यपाल द्वारा तय समयसीमा के पहले इन दलों से समर्थन पत्र नहीं ले सकी। राज्यपाल ने तीन दिन की और मोहलत देने के शिवसेना के अनुरोध को ठुकरा दिया। शिवसेना को मिला सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय समाप्त होते ही राज्यपाल कोश्यारी ने सोमवार रात को ही एनसीपी को न्योता दिया और पूछा कि क्या वह ‘सरकार बनाने की इच्छा और क्षमता’ प्रदर्शित करना चाहती है।
एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि एनसीपी अपने सहयोगी दल कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेगी। पाटिल ने कहा, ‘प्रक्रिया के अनुसार राज्यपाल ने महाराष्ट्र में तीसरा सबसे बड़ा दल होने के नाते हमें एक पत्र दिया है और हमने उन्हें सुझाव दिया है कि हमें अपने सहयोगी दल से बात करनी होगी। हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि हम जल्द से जल्द उनके पास लौटेंगे।’
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 105 सदस्यों के बाद 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना के पास सरकार बनाने का दावा करने के लिए सोमवार शाम साढ़े सात बजे तक का समय था। इससे पहले दिन में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से भेंट की और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की। एनसीपी के 54 विधायक हैं और कांग्रेस के 44 विधायक हैं।