महाराष्ट्र: शरद पवार की एनसीपी में क्या सबकुछ ठीक है? विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में 5 विधायकों ने नहीं डाला था वोट
By विनीत कुमार | Published: July 4, 2022 08:02 AM2022-07-04T08:02:53+5:302022-07-04T08:02:53+5:30
महाराष्ट्र में रविवार को विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में एनसीपी के पांच विधायकों ने हिस्सा नहीं लिया। ऐसे में ये अटकलें शुरू हो गई हैं क्या पार्टी में सबकुछ ठीक चल रहा है?
नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के कम से कम पांच विधायक रविवार को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष के लिए हुए अहम चुनावी प्रक्रिया से अनुपस्थित रहे। ऐसे में ये अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या पार्टी के अंदर सब ठीक है। दरअसल, विधानसभा में एनसीपी के 53 में से 46 विधायक ही विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए मतदान में हिस्सा लेने के लिए विधान भवन पहुंचे थे।
एनसीपी के दो विधायक नवाब मलिक और अनिल देशमुख पहले से जेल में बंद हैं। विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में रविवार को भाजपा के राहुल नार्वेकर 164 मतों के साथ अध्यक्ष जीत हासिल करने में कामयाब रहे। वहीं, महा विकास अघाड़ी (एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना) ने स्पीकर पद के लिए राजन साल्वी को अपना उम्मीदवार बनाया था।
एनसीपी के ये पांच विधायक रहे अनुपस्थित
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए हुए चुनाव में भाग नहीं लेने वाले एनसीपी के पांच विधायकों में दत्तात्रेय भराने, बबन शिंदे, नीलेश लंके, दिलीप मोहिते और अन्ना बंसोडे शामिल हैं।
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार एनसीपी नेताओं ने बताया कि भराने ने एक जुलाई को अपनी मां गिरिजाबाई को खो दिया था, जबकि शिंदे निजी यात्रा पर ऑस्ट्रेलिया में थे। वहीं, देर से विधान भवन पहुंचने के कारण मोहिते और बंसोडे को मतदान प्रक्रिया में शामिल नहीं होने दिया गया। नीलेश लांके से संपर्क नहीं हो सका।
मतदान प्रक्रिया के दौरान अनुपस्थित रहने वाले इन विधायकों में से अधिकांश एनसीपी के सीनियर नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के करीबी माने जाते हैं। इस मामले से वाकिफ लोगों ने बताया कि एकनाथ शिंदे के बीजेपी से हाथ मिलाने और राज्य में सरकार बनाने के लिए शिवसेना के विधायकों को तोड़ने से पहले एनसीपी का एक वर्ग भाजपा के साथ फिर से जुड़ना चाहता था।
पार्टी के एक पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, 'हालांकि, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और पार्टी सांसद सुप्रिया सुले ऐसे कदम के पक्ष में नहीं थे।'
बैठक में विधायकों के वोटिंग में शामिल नहीं होने पर हुई चर्चा
एनसीपी के भीतर फूट की भी अटकलें हैं क्योंकि कुछ पार्टी विधायक खुश नहीं हैं। अजीत पवार के एक करीबी ने कहा कि सीनियर नेता को लगता है कि विधानसभा में विपक्ष के नेता के पद पर उनका दावा है, लेकिन शरद पवार इस पद के लिए पार्टी की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल के नाम पर भी विचार कर रहे हैं।
पार्टी के एक अन्य पदाधिकारी ने कहा कि रविवार देर शाम शरद पवार की अध्यक्षता में हुई बैठक में पार्टी के विधायकों के मतदान में नहीं आने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि पांच विधायक नहीं आए। उनमें से एक ने अपनी मां को खो दिया है। मोहिते और बंसोडे थोड़ी देर से पहुंचे और इस तरह उन्हें मतदान प्रक्रिया में भाग लेने की अनुमति नहीं दी गई।'
अजीत पवार की ओर से स्पीकर के चुनाव के दौरान एनसीपी विधायकों के अनुपस्थित रहने पर कोई टिप्पणी नहीं आई है।
वहीं दिलीप मोहिते ने कहा, 'मैं समय पर पहुंच गया था। लेकिन मुझे वॉशरूम चला गया था। इसी दौरान मतदान प्रक्रिया शुरू हुई। बाद में मैंने सुरक्षा कर्मियों से मुझे अंदर जाने की अनुमति देने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मना कर दिया।'
मोहिते ने कहा कहा कि ऐसा कुछ भी नहीं है कि हम पार्टी के खिलाफ हैं। नियमों के अनुसार वोटिंग से पहले पीठासीन अधिकारी पांच मिनट के लिए अलार्म बेल शुरू करने का आदेश देता है जिसके बाद किसी भी सदस्य को सदन में प्रवेश करने की अनुमति नहीं होती है। घंटी सदस्यों के लिए एक संकेत होता है कि उन्हें पांच मिनट के भीतर सदन में उपस्थित होना होगा जिसके बाद दरवाजे बंद हो जाएंगे। बंसोडे ने कहा, 'जब तक मैं पहुंचा, दरवाजे बंद हो चुके थे और मैं मतदान नहीं कर सका।'