Maha Political Crisis: बातचीत के लिए दरवाजे अभी भी खुले हैं, राउत का ट्वीट-गुलामी की जगह स्वाभिमान से फैसला करें...
By सतीश कुमार सिंह | Published: June 23, 2022 05:54 PM2022-06-23T17:54:53+5:302022-06-23T18:01:05+5:30
Maha Political Crisis: कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विश्वास है और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में अस्थिरता पैदा करने की अपनी मंशा में सफल नहीं हो सकेगी।
Maha Political Crisis: शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा कि बातचीत के लिए दरवाजे अभी भी खुले हैं..चर्चा ही आगे बढ़ा सकती है। शिवसेना के बागी विधायकों से कहा कि गुलामी की जगह स्वाभिमान से फैसला करें। आपके लिए हम कुछ ही करने के लिए तैयार हैं।
राउत ने ट्वीट कर कहा कि विचार-विमर्श मार्ग प्रशस्त कर सकता है। चर्चा हो सकती है। घर के दरवाजे खुले हैं। जंगल क्यों भटकता है? आइए गुलामी के बजाय स्वाभिमान से फैसला करें! जय महाराष्ट्र! राउत ने से कहा कि आप कहते हैं कि आप असली शिवसैनिक हैं और पार्टी नहीं छोड़ेंगे।
"The doors are still open for talks...Discussions can lead the way," tweets Shiv Sena leader Sanjay Raut#MaharashtraPoliticalCrisispic.twitter.com/3sh31SvMCK
— ANI (@ANI) June 23, 2022
शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बीच, पार्टी सांसद संजय राउत ने बृहस्पतिवार को कहा कि अगर असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों का समूह 24 घंटे में मुंबई लौटता है और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ मामले पर चर्चा करता है तो शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार छोड़ने के लिए तैयार है।
शिंदे वर्तमान में शिवसेना के 37 बागी विधायकों और नौ निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिसने पार्टी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को संकट में डाल दिया है। एमवीए सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस भी साझेदार हैं।
हम आपकी मांग पर विचार करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते आप 24 घंटे में मुंबई वापस आएं और सीएम उद्धव ठाकरे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करें। आपकी मांग पर सकारात्मक रूप से विचार किया जाएगा। ट्विटर और व्हाट्सऐप पर चिट्ठी मत लिखिए। उन्होंने कहा, “बागी, जो मुंबई से बाहर हैं, ने हिंदुत्व का मुद्दा उठाया है।
अगर इन सभी विधायकों को लगता है कि शिवसेना को एमवीए से बाहर निकलना चाहिए, तो मुंबई वापस आने की हिम्मत दिखाएं। आप कहते हैं कि आपको सिर्फ सरकार के साथ परेशानी है और यह भी कहते हैं कि आप सच्चे शिवसैनिक हैं...आपकी मांग पर विचार किया जाएगा, लेकिन आएं और उद्धव ठाकरे से बात करें।”
मुख्यमंत्री ठाकरे ने बुधवार को शिंदे के विद्रोह के बीच शीर्ष पद छोड़ने की पेशकश की थी और बाद में उपनगरीय बांद्रा में अपने परिवारिक घर जाने से पहले दक्षिण मुंबई में अपना आधिकारिक आवास भी खाली कर दिया था
(इनपुट एजेंसी)