Maha Political Crisis: शिवसेना संकट के बीच पवार पर बड़ा हमला, पटोले बोले-कांग्रेस विधायकों, मंत्रियों को परेशान किया और विकास निधि रोकी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 23, 2022 09:52 PM2022-06-23T21:52:54+5:302022-06-23T21:54:32+5:30
Maha Political Crisis: एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 37 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है। शिवसेना के कुछ बागी विधायकों ने आरोप लगाया है कि राकांपा ने विकास निधि देने से मना कर दिया।

कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों को परेशान करने तथा उनकी विकास निधि रोकने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया।
Maha Political Crisis: महाराष्ट्र में गहराते राजनीतिक संकट के बीच कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उप मुख्यमंत्री एवं राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के वरिष्ठ नेता अजित पवार पर कांग्रेस के विधायकों और मंत्रियों को परेशान करने तथा उनकी विकास निधि रोकने का बृहस्पतिवार को आरोप लगाया।
शिवसेना के कुछ बागी विधायकों ने आरोप लगाया है कि राकांपा ने उन्हें विकास निधि देने से मना कर दिया। इसकी पृष्ठभूमि में पटोले ने यह बयान दिया है। पटोले ने कहा, ‘‘अजित पवार ने कांग्रेस के विधायकों और यहां तक कि मंत्रियों को भी परेशान किया। हमने इस बात का विरोध किया और कहा कि सरकार लोगों के कल्याण के लिए है।
इस तरह के तौर-तरीकों के प्रति हमारा विरोध राजनीतिक नहीं है।’’ पटोले के आरोप को ज्यादा तवज्जो नहीं देते हुए राकांपा के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री छगन भुजबल ने कहा, ‘‘पार्टियों के भीतर भी नेता एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत करते हैं। इसे ज्यादा गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है।’’
कांग्रेस महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन करती रहेगी: अशोक चव्हाण
शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे की बगावत के बीच महाराष्ट्र के लोक निर्माण मंत्री एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने बृहस्पतिवार को कहा कि महा विकास आघाड़ी (एमवीए) को उनकी पार्टी का समर्थन जारी रहेगा तथा यह तय करने के लिए होटल नहीं, बल्कि विधानसभा उपयुक्त स्थान है कि सरकार बहुमत में है या अल्पमत में।
कैबिनेट मंत्री शिंदे की बगावत से करीब ढाई साल पुरानी एमवीए सरकार गंभीर संकट में आ गयी है। शिंदे ने शिवसेना के 37 विधायकों का समर्थन होने का दावा किया है। राज्य की राजनीतिक स्थिति पर बुलायी गयी कांग्रेस नेताओं की बैठक के बाद चव्हाण ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ हमने भाजपा को (सत्ता में आने से) रोकने के लिए शिवसेना एवं राकांपा के साथ मिलकर एमवीए बनाया था।
एमवीए के प्रति हमारा समर्थन जारी है। मंत्री ने कहा कि शिवसेना नीत सरकार अल्पमत में आ गयी है या नहीं, इसका फैसला होटल में नहीं किया जा सकता और इसके लिए सदन का पटल ही उचित मंच है। शिवसेना के बागी विधायक भाजपा शासित राज्य असम के गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं।
जब वरिष्ठ कांग्रेस नेता चव्हाण से पूछा गया कि क्या एमवीए विधानसभा में शक्ति परीक्षण के लिए तैयार है तो उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई भी फैसला सत्तारूढ़ गठबंधन के तीनों घटक दलों को मिलकर करना है। उससे पहले शिवसेना सांसद संजय राउत ने संकेत दिया था कि यदि बागी विधायक मुंबई लौट आते हैं एवं मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बातचीत करते हैं तो उनकी पार्टी एमवीए से बाहर आने पर विचार कर सकती है।