मध्य प्रदेश: सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मंत्रालय समेत राज्य स्तरीय कार्यालयों में शुरू हुआ काम
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: April 30, 2020 11:06 PM2020-04-30T23:06:44+5:302020-04-30T23:06:44+5:30
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात के साफ निर्देश दिए थे. शेष 70 फीसदी कर्मचारी घर से बैठकर काम काज करेंगे. इन कर्मचारियों को हमेशा मोबाइल, ई-मेल पर उपलब्ध रहना होगा, ताकि जरूरत पड़े तो उन्हें कार्यालय बुलाया जा सके.
मध्य प्रदेश के प्रशासनिक केन्द्र मंत्रालय सहित राज्य के कई कार्यालयों में गुरुवार से कामकाज शुरू हो गया. सतपुड़ा और विंध्याचल भवन समेत सभी महत्वपूर्ण कार्यालय आज से खुल गए हैं. इन दफ्तरों में महज 30 फीसदी स्टाफ ही कार्यालय पहुंचा. कार्यालय पहुंचे कर्मचारी अपने साथ सेनिटाइजर और साबुन तक लेकर कार्यालय पहुंचे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निर्देश पर आज से राज्य मंत्रालय, वल्लभ भवन, सतपुड़ा भवन सहित अन्य कार्यालयों में काम शुरू हो गया. लंबे समय के बाद यहां पर चहल-पहल दिखाई दी. सरकार ने राज्यस्तर के सरकारी कार्यालयों को खोलने के लिए फैसले के साथ ही यह साफ कर दिया था कि केवल 30 फीसदी अधिकारियों, कर्मचारियों को ही कार्यालय बुलाया जाए. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बात के साफ निर्देश दिए थे. शेष 70 फीसदी कर्मचारी घर से बैठकर काम काज करेंगे.
इन कर्मचारियों को हमेशा मोबाइल, ई-मेल पर उपलब्ध रहना होगा, ताकि जरूरत पड़े तो उन्हें कार्यालय बुलाया जा सके. आज सुबह जब कर्मचारी, अधिकारी कार्यालय पहुंचे तो पहले नगर निगम द्वारा सेनिटाइज किया गया है. वहीं कार्यालयों में डाक्टर्स की एक टीम भी तैनात की गई है. जिन्होंने सभी कर्मचारियों की स्क्रीनिंग की और इसके बाद ही इन्हें कार्यालय में जाने दिया गया. इसके साथ ही सभी कर्मचारियों को निर्देश दिया गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और कार्यालय में मास्क लगाकर रखें.
व्यवस्था को पटरी पर लाने का है प्रयास: मिश्रा
वल्लभ भवन सहित राज्य स्तरीय कार्यालयों के खोले जाने को लेकर राज्य के स्वास्थ्य मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि धीरे-धीरे व्यवस्था को पटरी पर लाया जाए. ताकि आर्थिक स्थिति न बिगड़े और हम जल्द ही सभी परेशानियों से उबर सके. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक संदेश दिया है कि हम आर्थिक व्यवस्था को शीघ्र पटरी पर लाएंगे. सफलता मिलने को लेकर कहा कि अब यह भविष्य बताएगा कि हम कितने सफल हैं. मगर प्रयास तो हमें करना ही होगा, तभी हम व्यवस्था को पटरी पर ला सकेंगे.
कांग्रेस ने किया विरोध
सरकार के मंत्रालय सहित राज्य स्तरीय कार्यालयों को खोलने के फैसले का कांग्रेस ने विरोध किया है. पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने सरकार के इस फैसले को जल्दबाजी में लिया गया कदम बताया है.. शर्मा के मुताबिक दफ्तर खोलने का फैसला 3 मई के बाद किया जाना चाहिए था, क्योंकि अगर कोई कर्मचारी बाहर से संक्रमित होकर दफ्तर पहुंचता है तो फिर वह कई और कर्मचारियों को भी संक्रमित कर सकता है. ऐसे में यह जरूरी है कि दफ्तर तभी खोले जाएं जब भोपाल रेड जोन से बाहर हो जाए.
पुलिस मुख्यालय में भी रही चहल-पहल
पुलिस अधिकारियों के संक्रमित होने के बाद पुलिस मुख्यालय भी बंद कर दिया गया था. आज वहां पर भी चहल-पहल नजर आई. अधिकारी और कर्मचारी कार्यालय पहुंचे. अधिकारियों के साथ उनका निजी स्टाफ भी कार्यालय पहुंचा. यहां पर भी सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा गया. कर्मचारियों, अधिकारियों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही कार्यालय में बैठने के निर्देश दिए गए हैं. पुलिस मुख्यालय में भी 30 प्रतिशत ही कर्मचारियों, अधिकारियों को बुलाया गया था.
इन्हें कार्यालय जाने की नहीं थी इजाजत
संक्रमित क्षेत्रों से किसी भी अधिकारी-कर्मचारी को आने-जाने की इजाजत नहीं दी थी और न ही ऐसे लोगों को कार्यालय बुलाया गया था. जिला कार्यालयों में पहले की तरह व्यवस्था है. जिला आपदा प्रबंधन समूह स्थानीय परिस्थितियों को देखते हुए अधिकारियों-कर्मचारियों को कार्यालय बुलाने पर फैसला ले सकते हैं. वहीं बाहरी व्यक्तियों के मंत्रालय आने पर रोक बरकरार है.