मध्य प्रदेश: राम मंदिर भूमिपूजन का जश्न मनाने पर युवकों पर की थी कार्रवाई, दो पुलिस अधिकारियों का तबादला
By विनीत कुमार | Published: August 8, 2020 08:20 AM2020-08-08T08:20:22+5:302020-08-08T08:40:46+5:30
मध्य प्रदेश के खरगौन में राम मंदिर भूमिपूजन का जश्न मनाने वाले कुछ युवकों पर पुलिस की कार्रवाई के बाद दो अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया गया है।
अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन के बाद मध्य प्रदेश के खरगौन में कुछ व्यापारियों और स्थानीय युवकों द्वारा सड़कों पर पटाखे फोड़ने और जश्न मनाने के खिलाफ कार्रवाई करने वाले दो पुलिस अधिकारियों का शुक्रवार को ट्रांसफर कर दिया गया।
पुलिस की कार्रवाई का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने इस पर सवाल उठाए थे। कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विटर पर वीडियो को शेयर करते हुए लिखा था, 'खरगौन पुलिस बंगाल की पुलिस की तरह व्यवहार क्यों कर रही है?'
साथ ही उन्होंने लिखा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा है कि आज का दिन देश के लिए गौरव वाला है। अयोध्या में राम मंदिर के लिए शिलान्यास हो गया। पूरा देश जश्न मना रहा है। ऐसी स्थिति में खरगौन से सर्राफा बाजार में जश्न मना रहे युवाओं पर पुलिस की कार्रवाई सही नहीं है।'
प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने कहा है आज देश के लिए गौरव का दिन है। अयोध्या में राम मंदिर का शिलान्यास हुआ! सारा देश खुशियाँ मना रहा है। ऐसे में खरगोन के सराफा बाजार में उत्सव और खुशियाँ मनाते युवकों पर पुलिस कार्रवाई अनुचित है। pic.twitter.com/LiywpY7mgt
— Kailash Vijayvargiya (@KailashOnline) August 5, 2020
मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार है। कैलाश विजयवर्गीय ने इस वीडियो को शेयर करते हुए गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को भी ट्विटर पर टैग किया था और उन्हें सलाह दी थी कि वे अपने पुलिस बल को समझाएं।
पुलिस ने क्यों की कार्रवाई, क्या है खरगौन का पूरा मामला
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 5 अगस्त को अयोध्या में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन किया। इस कार्यक्रम के बाद खरगौन के सर्राफा बाजार में कुछ व्यापारी और स्थानीय युवक जमा हुए थे और गलियों में खुशिया मनाते हुए पटाखे फोड़े।
पुलिस ने हालांकि सांप्रदायिक तौर पर इस बेहद संवेदनशील इलाके में काननू-व्यवस्था को बरकरार रखने के लिए इन युवकों के खिलाफ कार्रवाई की। साथ ही कोरोना संक्रमण का खतरा भी बना हुआ है।
बहरहाल, व्यापारियों का आरोप है कि जश्न मना रहे कई लोगों को करीब एक घंटे तक पुलिस हिरासत में रखा गया। उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि पुलिस ने पटाखे फोड़ने के लिए उन्हें पीटा। वीडियो वायरल होने के बाद विश्व हिंदू परिषद सहित दूसरे संगठन भी हरकत में आ गए और गुरुवार को खरगौन में प्रदर्शन भी किया।
खरगौन में अभी कोरोना के 850 से ज्यादा मामले हैं। साथ ही 18 लोगों की मौत भी यहां कोरोना से हो चुकी है। इंदौर के बाद निमार क्षेत्र में खरगौन कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है।