मध्य प्रदेश: मंच पर रहकर भी दूरी बनाए थे तीन पूर्व मुख्यमंत्री, नहीं दिखे विपक्षी दलों के ये नेता
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 17, 2018 08:53 PM2018-12-17T20:53:22+5:302018-12-17T20:53:22+5:30
कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में मायावती, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और अरविंंद केजरीवाल के न पहुंचने की चर्चा थी, तो दूसरी ओर एक एतिहासिक झण यह भी था कि मंच पर राज्य की भाजपा सरकारों के तीन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर उपस्थित थे।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में यह पहला अवसर था जब राज्य के भाजपा सरकार के तीन पूर्व मुख्यमंत्री मंच पर नजर आए। तीनों की मुख्यमंत्रियों में दूरी भी दिखाई दी। शिवराज सिंह चौहान जहां, राकपा प्रमुख शरद यादव के समीप बैठ कर चर्चा करते रहे, वहीं पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुला से बतियाते रहे, जबकि पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी इन दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से दूर कुर्सी पर बैठे थे।
कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में मायावती, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव और अरविंंद केजरीवाल के न पहुंचने की चर्चा थी, तो दूसरी ओर एक एतिहासिक झण यह भी था कि मंच पर राज्य की भाजपा सरकारों के तीन पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कैलाश जोशी और बाबूलाल गौर उपस्थित थे। इन तीनों को ही कांग्रेस नेताओं ने खूब सम्मान भी दिया। मगर ये तीनों मंच पर एक साथ होने के बाद भी दूरी बनाए हुए थे। कैलाश जोशी मंच पर जब पहुंचे तो कांग्रेस नेताओं ने अभिवादन किया, मगर शिवराज सिंह चौहान और गौर ने दूरी बनाए रखी। तीनों नेता अलग-अलग बैठे रहे जो चर्चा का विषय भी बना।
शिवराज, कमलनाथ, सिंधिया के अंदाज पर बजी तालियां
जंबूरी मैदान पर आयोजित कमलनाथ का शपथ ग्रहण समारोह लोगों के लिए यादगार बन गए। समारोह में राज्य के तीन पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता उपस्थित रहे, वहीं शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंंधिया ने जब एक साथ हाथ उठाकर उपस्थितों को उत्साह के साथ अभिवादन किया तो तालियों की गड़गड़ाहट से मैदान गंूज उठा। शिवराज सिंह चौहान के बाद जब कमलनाथ पहुंचे तो वहां सिंधिया भी आ गए और तीनों नेताओं ने अपनी उपस्थिति को यादगार बना दिया।
वैसे मंच पर शिवराज सिंंह चौहान सहित तीन पूर्व मुख्यमंत्री और कद्दावर भाजपा नेता उपस्थित थे। कैलाश जोशी, बाबूलाल गौर और शिवराज सिंह चौहान। गौर जब मंच पर पहुंचे तो दिग्विजयसिंंह ने उन्हें हाथ पकड़कर उनके स्थान तक ले गए। वहीं जोशी पहुंचे तो सिंह ने उनका अभिवादन किया और कांग्रेस नेताओं ने उन्हें कुर्सी पर बैठाया। जबकि शिवराज सिंह मंच पर पहुंचे तो कांग्रेस नेताओं ने हाथ मिलाए और कुछ तो गले भी मिले।
शिवराज से हर नेता करता रहा चर्चा
मंच पर शिवराज सिंह चौहान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार के बाजू में बैठे थे। शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल शिवराज से लगातार चर्चा करते रहे। वहीं जब मंच पर जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्ला पहुंचे और मेल-मुलाकात के दौर के बाद जब शिवराज सिंह को देखा तो उनके पास पहुंचकर हाथ मिलाया। इस दौरान शिवराज ने भी उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। वहीं शरद यादव ने शिवराज सिंह के पास पहुंचकर उन्हें गले लगाया और चर्चा की। इसके अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और अन्य नेता भी मंच पर शिवराज सिंंह चौहान से लगातार चर्चा करते रहे।
राम मंदिर नहीं बनवाया तो केन्द्र सरकार को भी होगा बुरा हाल
कम्प्यूटर बाबा भी आज साधु संतों के साथ कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने पहुंचे थे। आज भी उनके तेवर तीखे ही नजर आए। वे कांग्रेस सरकार की प्रशंसा करते रहे, मगर शिवराज सरकार को कोसने से आज भी नहीं रुके। मंच से जब उन्होंने संबोधित किया तो शिवराज सरकार को कोसा और कहा कि संतों का अपमान करना, नर्मदा का दोहन करने वाली सरकार को विदा कर दिया। उन्होंने उम्मीद जताई कि राज्य में कांग्रेस की सरकार जनता के हित में काम करेगी। कार्यक्रम के पूर्व कम्प्यूटर बाबा ने मीडिया से चर्चा में कहा कि हमने शिवराज सरकार को प्रदेश से उखाड फेंकने की बात कही थी, वह पूरी कर दी।
अब हम केन्द्र की मोदी सरकार को चेतावनी देते हैं कि जनवरी तक अगर राम मंदिर का निर्माण नहीं कराया तो शिवराज सरकार की तरह केन्द्र सरकार का भी यही हश्र होगा। कम्प्यूटर बाबा के मंच पर पहुंचने पर दिग्विजयसिंह ने उनकी अगवानी की और कहा कि संत समाज को कांग्रेस पूरा सम्मान देगी। मंच पर सभी धर्मों के धर्मगुरु उपस्थित थे और सभी ने कमलनाथ को आशीर्वाद दिया।
नहीं पहुंचे ममता, माया और अखिलेश, केजरीवाल
राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंंद केजरीवाल और बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव नहीं पहुंचे। अखिलेश ने तो बीती रात को ही शामिल न होने की बात कह दी थी। जबकि ममता बनर्जी ने दिनेश त्रिवेदी को अपने प्रतिनिधि के रुप में भेजा था। शपथ ग्रहण समारोह में इन चारों नेताओं के आने की बात पहले दिन से ही कही जा रही थी, मगर ये कोई भी नेता आज भोपाल नहीं पहुंचे। इन नेताओं के न पहुंचने को लेकर इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि ये नेता आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए रणनीति के तहत शपथ ग्रहण समारोह में शामिल नहीं हुए हैं,
मनमोहन सिंह, राहुल गांधी का विमानतल पर स्वागत
पूर्व प्रधानमंत्री डा। मनमोहन सिंह, ए।आई।सी।सी। राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व केन्द्रीय मंत्री शरद यादव और पूर्व मुख्यमंत्री जम्मू-कश्मीर डा। फारूख अब्दुल्ला का आज भोपाल आगमन पर राजकीय विमानतल पर पूर्व महापौर सुनील सूद ने पुष्पगुच्छ भेट कर स्वागत किया।
जो शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे
कमलनाथ के शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए के लिए कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेताओं के साथ-साथ विपक्षी दलों के बड़े नेता भी मंच पर मौजूद हैं। शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने वाले नेताओं में देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, तृणमूल कांगे्रस के नेता दिनेश त्रिवेदी, नेशनल कांफें्रस के नेता फारुक अब्दुल्ला, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हूड्डा, प्रमुख राकपा प्रमुख शरद पवार, राकपा नेता प्रफुल्ल पटेल, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान के उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट, कांग्रेस नेता और पंजाब के मंत्री नवजोत सिह सिद्धू, कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, उत्तरप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राज बब्बर, आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू, द्रमुक नेता एम।के।स्टीफन, कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच।डी।कुमार स्वामी, कर्नाटके पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धा रमैया, झारखंड मुक्ति मोर्चा के हेमंत सोरेन, झारखंड विकास मोर्चा के बाबूलाल मरांडी और राजद के तेजस्वी यादव भी उपस्थित रहे।