मध्य प्रदेशः शहडोल सरकारी अस्पताल में छह बच्चों की मौत, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सख्त
By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 30, 2020 08:46 PM2020-11-30T20:46:13+5:302020-11-30T20:47:11+5:30
दरअसल 48 घंटों में एक ही सरकारी अस्पताल में 6 बच्चों की मौत ने सरकारी स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पालकों का आरोप है कि उनके बच्चों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई.
भोपालः मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहडोल के सरकारी कुशाभाऊ ठाकरे अस्पताल में 48 घंटों में शहडोल में छह बच्चों की मृत्यु की घटना को गंभीरता से लेते हुए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस घटना की जांच कर प्रतिवेदन सौंपा जाए.
यदि चिकित्सक और स्टाफ दोषी पाए जाएं तो ऐसे लोगों को दंडित किया जाए. दरअसल 48 घंटों में एक ही सरकारी अस्पताल में 6 बच्चों की मौत ने सरकारी स्वास्थ्य तंत्र पर सवाल खड़े कर दिए हैं. पालकों का आरोप है कि उनके बच्चों को समुचित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज दोपहर ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात के तत्काल बाद मुख्यमंत्री ने समीक्षा करते हुए कहा कि इस तरह की स्थितियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. मुख्यमंत्री चौहान ने निर्देश दिए कि बच्चों के इलाज में कहीं भी व्यवस्थाओं में कमी है तो उसे दूर किया जाए.
वेंटिलेटर एवं अन्य उपकरणों का समुचित प्रबंध हो. आवश्यक हो तो विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं लेकर रोगियों को स्वास्थ्य लाभ दिया जाए. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा शहडोल में बच्चों की मृत्यु के मामले में यह देखें कि इसकी जड़ में कहीं लापरवाही तो नहीं.
जिला, संभाग और राजधानी के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस घटना को गंभीरता से लें और आवश्यक हो तो जबलपुर से चिकित्सा विशेषज्ञ भेज कर अन्य ऐसे रोगी बच्चों का उपचार कार्य किया जाए. मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि लोगों की जिंदगी बचाना बहुत आवश्यक है. सभी अस्पतालों में व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया जाए.
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि कोरोना के अलावा अन्य रोगों से ग्रस्त रोगियों विशेषकर बच्चों में निमोनिया आदि की स्थिति पर नजर रखते हुए स्वास्थ्य विभाग का अमला चुस्त और चौकस रहे. इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो.
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी उपस्थित थे. अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने बताया कि शहडोल अस्पताल के चिकित्सकों से प्रतिवेदन मांगा गया है. लापरवाही का मामला होने पर दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी. बैठक में प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी भी उपस्थित थे.