मध्य प्रदेश: शिवराज चौहान ने जल्लाद और नरपिशाचों से की पुलिसकर्मियों की तुलना
By राजेंद्र पाराशर | Published: June 20, 2019 06:46 PM2019-06-20T18:46:04+5:302019-06-20T18:46:04+5:30
राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा ने इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों पर इस घटना में आरोप लग रहे हैं, वे शिवराज सरकार के भर्ती किए हुए पुलिसकर्मी हैं.
राजधानी के उपनगर बैरागढ़ में युवक शिवम मिश्रा की पुलिस पिटाई से हुई मौत के मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज पुलिस और राज्य की कमलनाथ सरकार पर हमला बोला है. उन्होंने पुलिस की तुलना जल्लाद और नरपिशाच से कर दी और कहा कि कमलनाथ सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए. इसके अलावा उन्होंने शिवम की बहन को नौकरी देने की भी मांग की.
राजधानी के बैरागढ़ में मंगलवार और बुधवार की दरमियानी रात को बीआरटीएस कारिडोर में कार टकराने के बाद शिवम मिश्रा और गोविंद शर्मा नामक युवकों की पुलिस पिटाई मामले में शिवम की मौत होने का मामला गर्मा गया है. इस मामले मेंं भोपाल आईजी पांच पुलिस कर्मियों को निलंबित कर चुके हैं. वहीं मुख्यमंत्री कमलनाथ भी आश्वस्त कर चुके हैं कि जांच निष्पक्ष कराई जाएगी. जबकि गृह मंत्री बाला बच्चन ने न्यायायिक जांच के आदेश दे दिए हैं.
वहीं आज पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता एवं भाजपा नेताओं के साथ शिवम के परिजनों से मुलाकात करने उनके घर पहुंचे. उन्होंने परिजनों को आश्वस्त किया कि वे उनके साथ हैं और शिवम मामले में न्याय दिलाकर रहेंगे. उन्होंने इस घटना को लेकर पुलिस के कामकाज पर सवाल भी उठाए और सरकार ने पूरी घटना की सीबीआई जांच कराने की मांग की. पूर्व मुख्यमंत्री ने शिवम की बहन सृष्टि को नौकरी देने की मांग भी कमलनाथ सरकार से की.
इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने घटना में शामिल होने वाले पुलिस कर्मियों की तुलना जल्लाद और नरपिशाच से की. उन्होंने कहा कि आज मैं शिवम के दिव्यांग माता-पिता से मिला. दिव्यांग माता-पिता के इकलौते बेटे को नरपिशाचों ने मार डाला यह कोई साधारण घटना नहीं है, यह असाधारण अपराध है. दोषियों को सजा मिलनी चाहिए.
ये शिवराज के भर्ती किए पुलिसकर्मी हैं: शर्मा
शिवम की मौत मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा आज राज्य के जनसंपर्क मंत्री पी.सी. शर्मा भी शिवम के परिजनों से मिलने पहुंचे. उन्होंने शिवम के परिजनों को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया साथ ही यह आश्वस्त किया कि सरकार दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएगी. शर्मा ने इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर राजनीति करने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा कि जिन पुलिसकर्मियों पर इस घटना में आरोप लग रहे हैं, वे शिवराज सरकार के भर्ती किए हुए पुलिसकर्मी हैं.
अब पुलिस पहले ले जाएगी अस्पताल
बीआरटीएस में शिवम मिश्रा की कार के हादसे व बाद में थाने में पिटाई की घटना से सबक लेते हुए पुलिस ने अब इस तरह के मामलों में नई गाइड लाइन जारी कर दी है. जारी की गाइड लाइन के तहत अब अगर कोई व्यक्ति नशे की हालत में सड़क हादसे का शिकार होता है तो उसे डायल-100 के बजाए 108 एंबुलेंस की जरिए अस्पताल पहुंचाया जाएगा. उसे थाने ले जाने के बजाए सीधे इलाज के लिए ले जाया जाएगा. अस्पताल में ही पुलिस अपनी कार्रवाई करेगी.
इसके पहले पुलिस घायल के परिजनों को तुरंत ही सूचना देगी. परिजनों के आने पर जरूरी कार्रवाई की जाएगी. जो भी घायल नशे की हालत में पाया जाएगा उसे थाने नहीं लाया जाएगा. बैरागढ़ कारिडोर में घटित इस घटना के बाद यह बात सामने आई थी कि अगर पुलिस शिवम व उसके दोस्त को थाने ले जाने के बजाए सीधे अस्पताल में भर्ती करा देती तो शिवम की जान को बचाया जा सकता था. पुलिस चार घंटे तक शिवम को अस्पताल व थाने के बीच घुमाती रही जिसके कारण शिवम की तबीयत बिगड़ी और उसने दम तोड़ दिया.
नरसिंहपुर भी जाना चाहिए शिवराज को
मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र सलूजा ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर कटाक्ष किया कि उन्हें नरसिंहपुर भी जाना चाहिए. सलूजा ने ट्वीट करते हुए कहा कि चौहान शिवम मिश्रा के यहां संवेदना व्यक्त करने गए, ठीक है. इस मामले में सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन आपको नरसिंहपुर भी जाना चाहिए, जहां आपकी पार्टी के केन्द्रीय मंत्री के पुत्र और भतीजे ने खुलआम गोलियां चलाकर लोगों की जान लेने का प्रयास किया है.