मध्य प्रदेश: लोक सभा चुनाव कई नए चेहरे आएंगे नजर, बड़े दल प्रयोग करने के बजाए पर उतारना चाहते हैं जिताऊ प्रत्याशी
By शिवअनुराग पटैरया | Published: February 14, 2019 05:50 AM2019-02-14T05:50:49+5:302019-02-14T05:50:49+5:30
कमलनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद अब छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र की कमान उनके बेटे नकुल नाथ संभालने जा रहे हैं. कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें अब विधानसभा से चुनाव लड़ना है.
मध्यप्रदेश के लोकसभा चुनाव के मैदान में इस बार दोनों ही दलों की तरफ से कुछ नए चेहरे प्रत्याशी के तौर पर दिखाई देंगे. इनमें से कुछ तो नए नवेले हो सकते हैं और कुछ ऐसे खाटी राजनेता जो पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ेंगे.
मध्यप्रदेश में कुल 29 लोकसभा क्षेत्र हैं जिनमें आज की स्थिति में 3 पर कांग्रेस और 26 पर भाजपा के सांसद काबिज हैं. फिलहाल जो स्थिति है उसमें माना जा रहा है कि विधानसभा की जीत से उत्साहित कांग्रेस भाजपा से ज्यादा से ज्यादा सीटें छीनना चाहेगी. वहीं संघ की एक रिपोर्ट ने भाजपा नेताओं के दिलों की धड़कनों को बढ़ा दिया है क्योंकि संघ ने अपनी मैदानी रपट में 26 में से एक दर्जन से ज्यादा वर्तमान सांसदों के खिलाफ माहौल बताया है.
इसी के चलते भाजपा अलोकप्रिय सांसदों या किन्हीं अन्य कारणों से लोकसभा चुनाव न लड़ने वाले सांसदों के स्थान पर ऐसे नए नवेले प्रत्याशी उतारना चाहती है जिनकी क्षेत्रीय पकड़ भी मजबूत हो और वे जातिगत समीकरणों के अनुकूल भी रहें. इसी के चलते खजुराहो संसदीय क्षेत्र से इस बार भाजपा वर्तमान सांसद नागेंद्र सिंह के स्थान पर नंदिता पाठक को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है. वे और उनके पति भरत पाठक नाना जी देशमुख के विकास कार्यों के जरिए इस क्षेत्र में लंबे समय से कार्यरत हैं.
नंदिता पाठक ने 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी टिकट पाने के लिए प्रयास किया था पर वह सफल नहीं हो पाई थीं. भाजपा के अखिल भारतीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, भले ही राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के बड़े नेता हैं पर उन्होंने अब तक लोकसभा चुनाव नहीं लड़ा है. वे 2013 तक विधानसभा का चुनाव लड़ते और जीतते रहे हैं. माना जा रहा है कि वह खंडवा संसदीय क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी हो सकते हैं. क्योंकि खंडवा के सांसद नंदकुमार सिंह की स्थिति अच्छी नहीं है.
नकुल होंगे छिंदवाड़ा के नए नाथ
कमलनाथ के मुख्यमंत्री बन जाने के बाद अब छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र की कमान उनके बेटे नकुल नाथ संभालने जा रहे हैं. कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें अब विधानसभा से चुनाव लड़ना है. इसके लिए संभवत: सौंसर अथवा छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र पर उनकी निगाह है. वहीं उनके स्थान पर बेटे नकुल नाथ का चुनाव लड़ना तय माना जा रहा है. इसको लेकर नकुल नाथ ने छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है.
वे इन दिनों सौंसर और परासिया विधानसभा क्षेत्र के दौरे पर हैं. कल उन्होंने छिंदवाड़ा में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए इन कयासों पर यह कहकर मुहर लगा दी कि आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में हम बाप-बेटे एक दूसरे को वोट करेंगे.
दरअसल छिंदवाड़ा में कमलनाथ का निवास जिस शिकारपुर इलाके में है वह सौंसर विधानसभा क्षेत्र के तहत आता है.वैसे कल ही कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक दीपक सक्सेना ने सार्वजनिक तौर पर यह प्रस्ताव रखा है कि वे मुख्यमंत्री कमलनाथ के लिए छिंदवाड़ा विधानसभा क्षेत्र से त्याग पत्र देकर उसे खाली कर सकते हैं.
आमजनता, कार्यकर्ताओं की इच्छा का सम्मान होगा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और मुख्यमंत्री के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने लोकमत समाचार से बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के पुत्र नकुल नाथ को छिंदवाड़ा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ाने के लिए स्थानीय स्तर से लगातार मांग की जा रही है. इस मामले में आम जनता और कार्यकर्ताओं व नेताओं की भावनाओं का निश्चित तौर पर सम्मान किया जाएगा. वैसे इस बारे में कोई भी अंतिम फैसला पार्टी नेतृत्व के द्वारा आम जनता, कार्यकर्ताओं और नेताओं की भावनाओं और कराए जा रहे सर्वे को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा.