मध्य प्रदेश: मॉब लिंचिंग को लेकर कमलनाथ सरकार बनाएगी कानून, मानसून सत्र में लाएगी विधेयक

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 27, 2019 08:10 PM2019-06-27T20:10:14+5:302019-06-27T20:10:14+5:30

प्रदेश के विधि एवं विधायी मंत्री पी.सी.शर्मा ने यह जानकारी आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में मॉब लिंचिंग जैसे मामलों को लेकर कानून बनाया जाएगा. विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार इसका विधेयक लेकर आएगी.

Madhya Pradesh: Kamal Nath government to make law against mob lynching, Bill will be tabled in monsoon session | मध्य प्रदेश: मॉब लिंचिंग को लेकर कमलनाथ सरकार बनाएगी कानून, मानसून सत्र में लाएगी विधेयक

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ। (फाइल फोटो)

देश में कई स्थानों पर मॉब लिंचिंग के मामले सामने आने के बाद अब प्रदेश में सरकार इसे लेकर कानून बनाने जा रही है. प्रदेश के विधि एवं विधायी मंत्री पी.सी.शर्मा ने यह जानकारी आज पत्रकारों से चर्चा करते हुए दी. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में मॉब लिंचिंग जैसे मामलों को लेकर कानून बनाया जाएगा. विधानसभा के मानसून सत्र में सरकार इसका विधेयक लेकर आएगी. उन्होंने बताया कि इस कानून के तहत खुद को गोरक्षक बताकर हिंसा करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने बताया कि इस विधेयक के पारित होते है तो मध्य प्रदेश में इस तरह के मामलों के लिए अलग से कानून बन जाएगा. शर्मा ने बताया कि प्रदेश में अभी जो कानून लागू है, उसके तहत गोवंश की हत्या, गोमांस रखने और उसके परिवहन पर पूरी तरह रोक है. इसमें गोवंश के नाम पर हिंसा या मॉब लिंचिंग का जिक्र नहीं है. संशोधन के बाद अब कोई व्यक्ति गोवंश का वध, गोमांस और गोवंश का परिवहन, मांस रखना या सहयोग करना या इसके अंतर्गत कोई हिंसा या क्षति नहीं करने पर पांच साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा. उल्लेखनीय है कि इसे लेकर कल बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में भी चर्चा हुई है. इसके बाद बैठक में संशोधन करने की मंजूरी दी गई है.

प्रदेश के पशुपालन मंत्री लाखन सिंह यादव ने इसकी पुष्टि की है. सूत्रों के अनुसार मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार 8 जुलाई से होने वाले आगामी विधानसभा सत्र में इस अधिनियम के संशोधन बिल को अमलीजामा पहनाने के लिए पेश करेगी. उल्लेखनीय है कि इस संशोधन के विधानसभा में पारित होकर कानून बनने के बाद यदि कोई शख्स अकेला गोरक्षा के नाम पर हिंसा करेगा तो उसे छह महीने से लेकर तीन साल की सजा और जुर्माना देना पड़ेगा. गाय के नाम पर भीड़ द्वारा हिंसा या हत्या की जाती है, तो उनकी सजा को बढ़ाकर न्यूनतम एक साल और अधिकतम पांच साल की जा सकेगी, यदि अपराधी दोबारा अपराध करता है तो उसकी सजा दोगुनी कर दी जाएगी.

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