इंदौरः मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने इंदौर के एक थाने में रखे गए विसरा और 28 अन्य नमूनों को चूहों द्वारा नष्ट किए जाने पर नाराजगी जताई है। उच्च न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश भी दिया है कि वह राज्य के सभी थानों के मालखानों में रखे सामान की सुध लें ताकि आइंदा ऐसी घटनाओं से बचा जा सके। उच्च न्यायालय ने गैर इरादतन हत्या के एक मामले के आरोपी की जमानत याचिका खारिज करते हुए चार अक्टूबर को यह निर्देश दिया। पुलिस की ओर से उच्च न्यायालय को बताया गया कि इस मामले में शहर के विजय नगर थाने में प्लास्टिक की बोतल में रखा विसरा बारिश के मौसम में चूहों द्वारा बर्बाद कर दिया गया है, नतीजतन यह सबूत नष्ट हो गया है और इसकी ‘हिस्टोपैथोलॉजी’ जांच रिपोर्ट हासिल नहीं की जा सकी है।
पुलिस की ओर से उच्च न्यायालय को सूचित किया गया कि थाने में रखे 28 अन्य नमूनों को भी चूहों ने नुकसान पहुंचाया है। उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर ने अपने आदेश में कहा कि इस घटना से खुलासा होता है कि जांच के दौरान जुटाई गई सामग्री को राज्य के थानों में कितनी ‘‘दयनीय’’ स्थिति में रखा जाता है।
उच्च न्यायालय ने कहा कि जब इंदौर के सबसे व्यस्त थानों में शुमार विजय नगर थाने के ये हाल हैं, तो कोई भी व्यक्ति अंदाजा लगा सकता है कि छोटे स्थानों के थानों में क्या आलम होगा। एकल पीठ ने कहा,‘‘इन हालात के मद्देनजर पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया जाता है कि वह राज्य के सभी थानों के मालखानों में रखे सामान की मौजूदा स्थिति पता करें ताकि आइंदा अन्य थानों में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।’’ उच्च न्यायालय ने सुझाया कि इस काम के लिए थानों को एक वेब लिंक भी भेजी जा सकती है जिसके जरिये मालखाने में रखे सामान की जानकारी हर महीने अद्यतन की जा सकती है।
पुलिस की ओर से उच्च न्यायालय को बताया गया कि विजय नगर थाने में रखे विसरा और 28 अन्य नमूनों को चूहों द्वारा नष्ट किए जाने के मामले में तत्कालीन थानाध्यक्ष और मालखाना प्रभारी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। इसके साथ ही, मालखाने को थाने के अन्य कमरे में स्थानांतरित करते हुए इसमें रखे सामान की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त सावधानी बरती जा रही है।