मध्य प्रदेश: शोध करना था पत्रकारिता पर, 1 करोड़ खर्च कर दिए साधु-संतों पर, फरार हुए पूर्व कुलपति

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 2, 2019 06:16 PM2019-07-02T18:16:02+5:302019-07-02T18:16:02+5:30

फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता मामले में फंसे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला का एक नया कारनामा सामने आया है. कुठियाला ने प्रोफेसर राकेश सिन्हा की सिफारिश पर एक रिसर्च कराई थी, जिसका कुल खर्च एक करोड़ साढ़े 7 लाख रुपए बताया गया है.

Madhya Pradesh: former Vice-Chancellor spends Journalism Research Fund of 1 Cr on saints | मध्य प्रदेश: शोध करना था पत्रकारिता पर, 1 करोड़ खर्च कर दिए साधु-संतों पर, फरार हुए पूर्व कुलपति

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

नियम विरुद्ध नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता मामले में फरार पूर्व कुलपति बी.के. कुठियाला के बारे में नई जानकारी सामने आई. जो बेहद चौकाने वाली है बताया जा रहा है. कुठियाला ने अपने कार्यकाल के दौरान पत्रकारिता के बजाए ऋषियों और संतों पर शोध कराया. इस शोध पर उन्होंने 1 करोड़ रुपए से ज्यादा का खर्च किया है. ईओरडब्ल्यू ने उन्हें फरार घोषित किया है. संभावना इस बात की भी जताई जा रही है कि अगर जल्द कुठियाला की गिरफ्तारी नहीं होती है तो उन पर ईनाम भी घोषित किया जा सकता है.

फर्जी नियुक्ति और आर्थिक अनियमितता मामले में फंसे माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति बृजकिशोर कुठियाला का एक नया कारनामा सामने आया है. कुठियाला ने प्रोफेसर राकेश सिन्हा की सिफारिश पर एक रिसर्च कराई थी, जिसका कुल खर्च एक करोड़ साढ़े 7 लाख रुपए बताया गया है. जिसमें कई किताबें भी लिखी गई थीं, लेकिन इस रिसर्च और किताबों का कोई भी फायदा यूनिवर्सिटी या छात्रों को नहीं मिला. ईओडब्ल्यू के अधिकारियों का कहना है कि कुठियाला ने खुद के फायदे और रुचि के लिए ये रिसर्च कराए थे.

रिसर्च में पाणिनि, स्वामी विवेकानंद, महर्षि पतंजलि और अरविंदो पर किताबें लिखी गई हैं. इसके अलावा भी कुठियाला ने पाकिस्तान मीडिया स्केन पर भी एक रिसर्च करवाई थी, जिसमें करीब 17 लाख रुपए की राशि यूनिवर्सिटी से दी गई थी. इतना ही नहीं राष्ट्रीय ज्ञान संगम पर 6 लाख, राष्ट्रीय सामाजिक कार्यशाला पर 7 लाख रुपए और हरिद्वार में रवि शंकर के आश्रम में भी एक कार्यशाला आयोजित की गई थी, जिसमें 3 लाख रुपए खर्च किया गया था.

इन कार्यशालाओं का कोई भी लाभ यूनिवर्सिटी को नहीं मिला. इन सभी आर्थिक अनियमितताओं का जिक्र माखनलाल चतुर्वेदी यूनिवर्सिटी की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में किया है, जिसे लेकर अब ईओडब्ल्यू बारीकी से पड़ताल कर रही है. ईओडब्ल्यू अधिकारियों का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच बारीकी से की जा रही है क्योंकि जो भी रिसर्च हुई है, वह बृजकिशोर कुठियाला ने केवल अपने फायदे के लिए कराया था.

ईओडब्ल्यू द्वारा कुठियाला की गिरफ्तारी के लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, मगर अब तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. ईओडब्ल्यू ने उन्हें फरार तो बता दिया, मगर अब अगर जल्द ही उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी तो ईओरडब्ल्यू कुठियाला की गिरफ्तारी कि लिए ईनाम भी घोषित करेगा.

Web Title: Madhya Pradesh: former Vice-Chancellor spends Journalism Research Fund of 1 Cr on saints

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