EXIT POLLS: एमपी में शिवराज सिंह चौहान के हार का कारण हैं उनके अपने ही लोग, जानिए कौन है जिम्मेवार?

By विकास कुमार | Published: December 8, 2018 06:10 PM2018-12-08T18:10:32+5:302018-12-08T18:12:35+5:30

Madhya Pradesh EXIT POLLS: ऐसा कहा जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को इस बार केंद्रीय नेतृत्व ने अकेले छोड़ दिया। अमित शाह के करिश्माई मैनेजमेंट और नरेन्द्र मोदी की रैलियों से रातोंरात बदलने वाले माहौल का साथ शिवराज को उतना नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था।

Madhya Pradesh EXIT POLLS: Narendra Modi and Amit Shah didn't support Shivraj Singh Chauhan in Mp Assembly election 2018 | EXIT POLLS: एमपी में शिवराज सिंह चौहान के हार का कारण हैं उनके अपने ही लोग, जानिए कौन है जिम्मेवार?

EXIT POLLS: एमपी में शिवराज सिंह चौहान के हार का कारण हैं उनके अपने ही लोग, जानिए कौन है जिम्मेवार?

ऐसे तो ये एग्जिट पोल हैं, लेकिन पिछले कुछ चुनावों में इनकी सटीकता को देखते हुए इन्हें खारिज नहीं किया जा सकता। मध्य प्रदेश से शिवराज सिंह चौहान की विदाई के संकेत मिल रहे हैं। ये ऐसा ही है जैसे गुजरात के मुख्यमंत्री रहते नरेन्द्र मोदी की कुर्सी से विदाई हो रही हो। शिवराज सिंह चौहान की छवि राज्य ही नहीं देश में विकास पुरुष की तरह है। मध्य प्रदेश की गिनती देश के बीमारू राज्यों में होती थी। लेकिन ऐसा माना जाता है कि शिवराज ने अपने कार्यकाल में राज्य को कम से कम इस तमगे से तो मुक्ति दिला दी है। 

देश में सबसे ज्यादा कृषि विकास दर का साक्षी बनने वाला मध्य प्रदेश शिवराज के कार्यकाल में देश के अग्रणी राज्यों के साथ खड़ा हो गया। स्वच्छता सर्वेक्षण में इंदौर का पूरे देश में प्रथम स्थान पर आना शिवराज के गुड गवर्नेंस का एक मात्र उदहारण नहीं है, जानकारों के मुताबिक शिवराज ने राज्य में खेती और बुनियादी ढांचे के निर्माण पर बहुत काम किया है। कृषि में 13 प्रतिशत का विकास दर और किसानों को ब्याज रहित लोन मुहैया करवाने के बाद शिवराज सिंह चौहान के विकास पुरुष की छवि को मीडिया ने भी खूब चमकाया। 

लेकिन सबसे बड़ा सवाल है कि इतना काम और साफ छवि के बावजूद शिवराज सिंह चौहान क्यों मध्य प्रदेश का दंगल हारते हुए दिख रहे हैं ? तमाम सर्वे में मध्य प्रदेश में कांग्रेस को बढ़त मिलने के संकेत दिख रहे हैं। वहीं कुछ सर्वे में बहुत ही कांटे की टक्कर देखी जा सकती है। भारतीय राजनीति में एंटी-इनकमबेंसी को बहुत ज्यादा तरजीह दिया जाता है। लेकिन ऐसे तमाम उदाहरण मौजूद हैं, जो इस बात की तस्दीक करते हैं कि लोकप्रियता और विकास कार्यों के दम पर इस फैक्टर को हराया जा सकता है।  

ऐसा कहा जा रहा है कि शिवराज सिंह चौहान को इस बार केंद्रीय नेतृत्व ने अकेले छोड़ दिया। अमित शाह के करिश्माई मैनेजमेंट और नरेन्द्र मोदी की रैलियों से रातोंरात बदलने वाले माहौल का साथ शिवराज को उतना नहीं मिला जितना मिलना चाहिए था। अमित शाह ने अपनी सारी ताकत राजस्थान में झोंक दी, क्योंकि उन्हें आभास था कि प्रजा महारानी से नाराज चल रही है। लेकिन राजस्थान से भी भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है। अगर एग्जिट पोल के नतीजों पर नजर डाला जाए तो भाजपा राजस्थान में बुरी तरह हार रही है। 

मंदसौर में किसानों के ऊपर फायरिंग और व्यापम घोटाले चुनाव के दौरान भी कभी बड़ा मुद्दा नहीं बन पाया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के भीतर राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता चरम पर होने के बावजूद कांग्रेस क्यों जनता को रिझाने में सफल हो गई ? क्या शिवराज सिंह चौहान भी भीतरघात के शिकार हो गए ? कैलाश विजयवर्गीय जैसे राज्य के कद्दावर नेताओं से शिवराज की प्रतिद्वंद्विता किसी से छिपी नहीं है। 

खैर, अभी नतीजे नहीं आये हैं इसलिए कुछ भी अंदाजा लगाना सही नहीं होगा, लेकिन अगर शिवराज सिंह चौहान की हार होती है तो ये केवल उनके अकेले की हार नहीं होगी। भाजपा के विकास मॉडल के सबसे मजबूत किले का ढहना चुनावी साल में नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को विचलित कर सकता है। भाजपा के कार्यकर्ताओं के मनोबल पर भी इसका असर जरूर  पड़ेगा। 

English summary :
Madhya Pradesh EXIT POLLS: Is Narendra Modi and Amit Shah not supporting Shivraj Singh Chouhan in Madhya Pradesh Assembly election 2018 is the reason behind loss of BJP in vidhan sabha chunav. As per most survey agencies Exit Poll released on 7th December, BJP is loosing in Madhya Pradesh.


Web Title: Madhya Pradesh EXIT POLLS: Narendra Modi and Amit Shah didn't support Shivraj Singh Chauhan in Mp Assembly election 2018

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