आदिवासी प्रदर्शकारियों के समर्थन में शिवराज, पुलिस से लेने पहुंच गए लोहा
By राजेंद्र पाराशर | Published: June 18, 2019 09:07 PM2019-06-18T21:07:51+5:302019-06-18T21:07:51+5:30
प्रदेश में कई दिनों से चल रहा आदिवासियों का आंदोलन आखिरकार मंगलवार की शाम को समाप्त हो गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों की सभी मांगे मान ली है, जिसके बाद शिवराज ने इसे आदिवासियों की जीत बताया और उनके साथ विजय जुलूस भी निकाला.
राजधानी भोपाल में प्रदर्शन के लिए आ रहे आदिवासियों को मंगलवार (18 जून) को भदभदा क्षेत्र में पुलिस ने रोक दिया. इस बात से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खफा हो गए और वे स्वयं भदभदा पहुंचे और प्रदर्शन करने वाले आदिवासियों के साथ ट्रैक्टर पर बैठकर शहर आए. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के माध्यम से अपने अधिकारों की बात कहने आए आदिवासियों को रोकना अलोकतांत्रिक है.
आदिवासियों ने राजधानी में शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करने की अनुमति पूर्व में प्रशासन से ली थी. इसके तहत न्यू मार्केट क्षेत्र में आदिवासियों का धरना, प्रदर्शन था. इस अनुमति के तहत सुबह आदिवासी भोपाल की ओर आ रहे थे. तभी भदभदा के समीप आदिवासियों के ट्रैक्टरों को पुलिस ने रोक दिया.
प्रशासन ने उन्हें रोकने के बाद कहा कि वह पैदल ही भोपाल तक जाएं और शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें. प्रशासन ने आदिवासियों को रातीबड़ और भदभदा क्षेत्र में रोका था. इस बात की जानकारी जब पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगी तो वे स्वयं प्रदर्शनकारियों के पास पहुंचे और पुलिस, प्रशासन की कार्रवाई पर नाराजगी जताई. इसके बाद उन्होंने आदिवासियों से कहा कि वे उनके साथ प्रदर्शन स्थल तक चल रहे हैं. इसके बाद शिवराज स्वयं आदिवासियों के साथ ट्रेक्टर पर सवार हो गए और आदिवासियों का काफिला उनके पीछे-पीछे चल पड़ा.
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने नाराजगी जताते हुए अधिकारियों को चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा कि आदिवासी भाइयों-बहनों को उनकी मांग रखने और शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करने से जिस तरह कमलनाथ सरकार व स्थानीय प्रशासन ने रोकने का प्रयास किया है, वह पूरी तरह से अलोकतांत्रिक है, संवैधानिक अधिकारों का हनन है. मैं यह होने नहीं दूंगा. यहां उल्लेखनीय है कि प्रदर्शन करने राजधानी पहुंचे आदिवासी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी के थे. वे अपनी लंबित मांगों को लेकर प्रदर्शन करने आज राजधानी पहुंचे थे.
मुख्यमंत्री ने मानी मांगे, निकाला विजय जुलूस
प्रदेश में कई दिनों से चल रहा आदिवासियों का आंदोलन आखिरकार मंगलवार की शाम को समाप्त हो गया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदिवासियों की सभी मांगे मान ली है, जिसके बाद शिवराज ने इसे आदिवासियों की जीत बताया और उनके साथ विजय जुलूस भी निकाला.
गौरतलब है कि आदिवासियों की समस्याओं पर मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह बैठक हुई थी. बैठक में आदिवासियों का प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद रहा. बता दें कि आदिवासियों की समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के बुलावे पर शिवराज सिंह मंत्रालय पहुंचे थे. आदिवासियों ने प्रदेश सरकार से वनाधिकार कानून के तहत पट्टा देने, तेंदु पत्ता के बोनस का पूरा पैसा देना और वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में तब्दील करने समेत कई अन्य मांगे रखी थी.