मध्य प्रदेश चुनावः बीजेपी और कांग्रेस के स्टार प्रचारक ही हुए बागी, पार्टी से निकाले गए
By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 20, 2018 01:14 AM2018-11-20T01:14:31+5:302018-11-20T01:17:24+5:30
कांग्रेस स्टार प्रचारक सत्यव्रत चतुव्रेदी कर रहे हैं अपने सपा प्रत्याशी बेटे का प्रचार तो भाजपा के स्टार प्रचारक खुद है बगावत के मैदान में
भाजपा ने बागी होने पर रामकृष्ण कुसमरिया को भाजपा से निष्कासित कर दिया. इसी तरह कांग्रेस ने आज सत्यव्रत चतुव्रेदी पर भी निष्कासन की कार्रवाई कर दी है. इस तरह से दोनों ही बागियों को पार्टियों ने अब बाहर का रास्ता दिखा दिया है.उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के विधानसभा चुनाव में यह दिलचस्प नजारा है. जिन स्टार प्रचारकों को अपनी पार्टियों के प्रत्याशियों का प्रचार करना था, वे अपनी ही पार्टी के खिलाफ प्रचार कर रहे हैं. कुछ स्टार प्रचारक तो मन माफिक टिकट न मिलने पर नाराज हो कर घर बैठ गए हैं तो कुछ स्टार प्रचारक सिर्फ अपने परिजनों के प्रचार तक ही सीमित हैं. दोनों बागियों को भाजपा और कांग्रेस ने अब बाहर का रास्ता दिखाते हुए निष्कासित भी कर दिया है.
मध्यप्रदेश के विधानसभा के चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी ने अब तक स्टार प्रचारकों की दो सूचियां जारी की हैं इनमें कुल 42 नाम हैं. इसी तरह कांग्रेस ने ही स्टार प्रचारकों की दो सूचियां जारी की, जिनमें 36 नाम हैं. दोनों दलों के दो-दो स्टार प्रचारक अपने दलों के स्थान पर खिलाफ में प्रचार करने में जुटे हैं. कांग्रेस के स्टार प्रचारक सत्यव्रत चतुव्रेदी अपने बेटे नितिन चतुव्रेदी को छतरपुर जिले के राजनगर विधानसभा क्षेत्र से टिकट न मिलने पर इतने नाराज हो गए कि उन्होंने अपने बेटे को सपा प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतार दिया.
वे कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने उनके साथ अन्याय किया है. कांग्रेस ने उसे प्रत्याशी बनाया, जो 48 हजार वोटों तक से हारता है. मेरा बेटा 15 साल से टिकट का इंतजार कर रहा है. उसे 2008 में टिकट नहीं दिया और भारोसा दिलाया कि 2013 में देंगे और 2013 में कहा कि 2018 में देंगे और जब 2018 आया तो इंकार कर दिया. मैं पार्टी को यह साबित करके दिखाना चाहता हूं कि आप लोग भांग खाकर काम करते हैं. कांग्रेस ने जिसको टिकट दिया है, उसकी इस चुनाव में सब लोग हैसियत देख लेंगे. वे कहते हैं कि अगर पार्टी को मेरी बात अनुसाशनहीनता लग रही है तो जल्दी निकालने, देर क्यों कर रहे है. मैं पार्टी नहीं छोडूंगा पार्टी चाहे निकाल दें.
कांग्रेस की ही तरह भाजपा के एक स्टार प्रचारक रामकृष्ण कुसमरिया बागी हो कर खुद दमोह जिले के दो विधानसभा क्षेत्रों दमोह और पथरिया से चुनाव लड़ रहे हैं. वैसे, भाजपा ने उन्हें पार्टी से निसकाष्ति कर दिया है. वे कहते हैं कि वित्त मंत्री जयंत मलैया ने उनका टिकट कटवाया है. वे उन्हें हरा कर चुनाव जीतने के लिए मैदान में है.
दोनों ही पार्टियों के कुछ स्टार प्रचारक अपने-आप में या अपने परिजनों के प्रचार में उलङों है. प्रहलाद पटेल, यशोधराराजे सिंधिया, विक्रम वर्मा प्रमुख हैं. प्रहलाद पटेल के भाई नरसिंहपुर से चुनाव लड़ रहे हैं. वे उनके ही प्रचार में उलङो हैं तो यशोधरा राजे खुद शिवपुरी से खुद शिवपुरी से चुनाव लड़ रही हैं. इसलिए वे अपने क्षेत्र से बहुत कम निकल रही है. विक्रम वर्मा की प}ी धार से चुनाव लड़ रही हैं वे उनके ही चुनाव व प्रचार में उलङो हैं. भाजपा के दो स्टार प्रचारक माया सिंह और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान खुद टिकट न न मिलने से तो नाराज होकर निष्क्रिय हो गए है.
कांग्रेस के स्टार प्रचारकों में अरुण यादव खुद बुधनी क्षेत्र से प्रत्याशी है, जहां उनका मुकाबला मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसलिए वे बुधनी तक ही सीमित हो गए हैं. यहां तक वे खरगोन जिले से चुनाव लड़ रहे अपने भाई सचिन यादव के लिए भी अपना समय नहीं निकाल पा रहे हैं. कुछ इसी तरह पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष कांतिलाल भूरिया अपने बेटे विक्रांत भूरिया के झाबुआ से चुनाव लड़ने के करण वहीं अटक कर रह गए है.
कांग्रेस के स्टार प्रचारक
सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मनमोहन सिंह, अशोक गहलोत, दीपक बाबरिया, कमलनाथ, अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, अमरिंदर सिंह, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, राज बब्बर, आनंद शर्मा, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, सुशील कुमार शिंदे, रणदीप सुरजेवाला, अशोक पटेल, सत्यव्रत चतुर्वेदी, अजहरउद्दीन, कुमारी शैलजा, नवजोत सिंह सिद्धु, अरुण यादव, रागिनी नायक, शोभा ओझा, मुकेश मनानी, नगमा फिल्म स्टार, नसीमुद्दीन सिद्दिीकी, रामेश्वर नीखरा, प्रमोद कृष्णन, प्रकाश जैन.
भाजपा के स्टार प्रचारक
नरेंद्र मोदी, अमित शाह, राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, नितिन गडकरी, रामलाल, शिवराज सिंह चौहान, योगी आदित्य नाथ, विजय रूपानी, देवेंद्र फडणवीस, उमा भारती, धर्मेद्र प्रधान, स्मृति ईरानी, मुख्तार अब्बास नकबी, पुरुषोत्तम रूपाला, विनय सहस्त्र बुद्धे, नरेंद्र सिंह तोमर, थावर चंद गेहलोत, हेमा मालिनी, मनोज तिवारी, राकेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रभात झा, प्रहलाद पटेल, फग्गन सिंह कुलस्ते, वीरेंद्र कुमार, विक्रम वर्मा, बाबूलाल गौर, सत्यनारायण जटिया, नंदकुमार सिंह चौहान, सुहास भगत, अतुल राय, यशोधरा राजे सिंधिया, नरोत्तम मिo्रा, माया सिंह, रामकृष्ण कुसमरिया, बंसीलाल गुर्जन, बी.डी.शर्मा, पीयूष गोयल, रविशंकर प्रसाद.