मध्य प्रदेश चुनावः वारासिवनी में बागी हुए जायसवाल, शिवराज के साले संजय सिंह की बढ़ी मुश्किल
By राजेंद्र पाराशर | Published: November 10, 2018 07:24 AM2018-11-10T07:24:44+5:302018-11-10T07:24:44+5:30
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मशानी के कांग्रेस में आने और वारासिवनी से प्रत्याशी बनाए जाने से कांग्रेस के लिए इस विधानसभा क्षेत्र में परेशानी बढ़ गई है।
बारासिवनी से कांग्रेस प्रत्याशी संजय सिंह मसानी की मुश्किलें बढ़ गई है। यहां पर बागी हुए टिकट के दावेदार और पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल ने निर्दलीय रुप से नामांकन भर दिया है। उनके से साथ कांग्रेस कार्यकर्ता और विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारी भी हैं। प्रदीप का कहना है कि चिन्ह बदल सकता है, पार्टी तो वहीं (कांग्रेस) ही है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मशानी के कांग्रेस में आने और वारासिवनी से प्रत्याशी बनाए जाने से कांग्रेस के लिए इस विधानसभा क्षेत्र में परेशानी बढ़ गई है। कमलनाथ समर्थक पूर्व विधायक प्रदीप जायसवाल ने यहां पर बागी होकर अपना नामांकन भर दिया है। प्रदीप के बागी होने के साथ विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारी भी उनके साथ नजर आ रहे हैं।
प्रदीप ने लोकमत समाचार से चर्चा करते हुए बताया कि मेरे साथ आज पूरी कांग्रेस हैं, मैं मैदान में उतारा हूं। इस बार चुनाव में मेरा चिन्ह जरुर बदल जाएगा, मगर मेरी पार्टी मेरे साथ है। उनका कहना था कि पूरे वारासिवनी विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ता और पदाधिकारियों के कहने पर ही वे चुनाव मैदान में उतरे हैं।
प्रदीप ने बताया कि जिस दिन संजय सिंह की कांग्रेस में आमद हुई थी, वे उसी दिन दिल्ली जाकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ से मुलाकात करके आए थे। उन्होंने आश्वस्त किया था कि वारासिवनी से बाहरी को प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा, इसके बाद भी संजय सिंह को वारासिवनी कांग्रेस पर थोपा गया। हम इसका विरोध करेंगे।
जायसवाल ने कहा कि यहां पर क्षेत्र के कांग्रेस कार्यकर्ताओं की वर्षों की मेहनत का प्रश्न है, हम लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं, फिर हमारे क्षेत्र में बाहरी प्रत्याशी क्यों ?