मध्य प्रदेशः कंटेनमेंट मुक्त हुआ राजभवन, अब यहां हो सकता है शपथ समारोह, शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार जल्द
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: June 2, 2020 05:17 AM2020-06-02T05:17:21+5:302020-06-02T05:17:21+5:30
मध्य प्रदेशः राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने राजभवन को कंटेन्मेंट मुक्त किये जाने कि जानकारी देते हुए बताया कि राजभवन परिसर के 395 व्यक्तियों की कोविड 19 की जांच की गई है।
भोपालः मध्य प्रदेश राजभवन कंटेनमेंट मुक्त क्षेत्र हो गया है। कंटेनमेंट क्षेत्र के सभी कोविड-19 से संक्रमित 10 व्यक्ति चिकित्सालयों में उपचाराधीन है। कंटेनमेंट क्षेत्र के अन्य सभी 10 परिवारों के समस्त सदस्यों को कोरेनटाइन क्षेत्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। राज भवन को शीघ्रता के साथ कंटेन्मेंट मुक्क्त घोषित किये जाने से संकेत मिल रहे हैं कि राज्य मंत्रिमंडल के प्रस्तावित विस्तार के लिए राजभवन में ही शपथ समारोह होगा।
राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे ने राजभवन को कंटेन्मेंट मुक्त किये जाने कि जानकारी देते हुए बताया कि राजभवन परिसर के 395 व्यक्तियों की कोविड 19 की जांच की गई है। पूर्व में प्राप्त 10 पॉजीटिव प्रकरणों के अलावा शेष सभी 385 जांच की रिपोर्ट नेगेटिव आई हैं। राजभवन की तरफ़ से दी गई इस तरह की जानकारी के बाद यह माना जा रहा है कि शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार एक दो रोज में होने वाला है। इसके साथ ही प्रस्तावित शपथ समारोह राज भवन में ही होगा।
मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर बढ़ा
मध्यप्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 8283 हो गई है। राज्य में सोमवार को कोरोना के 194मामले सामने आए। राज्य में अब भी इंदौर कोरोना के संक्रमित मरीजों के मामले में सबसे आगे हैं। इंदौर में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 3539 हो गई है। इंदौर के बाद भोपाल का नंबर आता है। भोपाल में कोरोना के आज तक 1511 मरीज सामने आ चुके हैं।
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में आज कोरोना से 8 लोगों की मृत्यु हुई। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक कोरोना से 358 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। प्रदेश में आज कोरोना से 161 लोग ठीक हुए। इसके साथ ही प्रदेश में अब तक 5003 लोग कोरोना से ठीक होकर घर जा चुके हैं।
लौटी चहल पहल
प्रदेश भर में अनलाक 1 के साथ ही प्रदेश भर में सामान्य गतिविधियां पटरी पर लौटने लगी है। राज्य में आज बाजारों को भी छूट के अनुसार खोला गया। भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभागों को छोड़ कर शेष प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन भी से कुछ हद तक शुरू हो गया।