मध्य प्रदेश: कांग्रेस का पाॅलिटिकल डीएनए और एमपी में मंत्रिमंडल का विस्तार!

By प्रदीप द्विवेदी | Published: January 3, 2021 07:11 PM2021-01-03T19:11:12+5:302021-01-03T19:16:31+5:30

ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी, जिनमें से दो मंत्री- तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने बगैर चुनाव लड़े छह महीने का कार्यकाल पूरा होने के चलते उप-चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था.

Madhya Pradesh: Congress's political DNA and cabinet expansion in MP! | मध्य प्रदेश: कांग्रेस का पाॅलिटिकल डीएनए और एमपी में मंत्रिमंडल का विस्तार!

मध्य प्रदेश: कांग्रेस का पाॅलिटिकल डीएनए और एमपी में मंत्रिमंडल का विस्तार!

Highlightsमध्य प्रदेश में उप-चुनाव के बाद शिवराज कैबिनेट का विस्तार हो गया हैराजभवन में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक दो खास नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ले ली हैराज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई है.

मध्य प्रदेश में उप-चुनाव के बाद शिवराज कैबिनेट का विस्तार हो गया है और जैसी की सियासी चर्चा थी, राजभवन में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक दो खास नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ले ली है. मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई है.

हालांकि, अभी भी तीन पद खाली हैं और कई मूल भाजपाई वरिष्ठ विधायकों को उम्मीद है कि आज नहीं तो कल, उन्हें मंत्रिमंडल में जगह मिल जाएगी. याद रहे, पिछले साल मार्च- 2020 में शिवराज सरकार के गठन के बाद सबसे पहले पांच मंत्रियों ने शपथ ली थी. फिर 2 जुलाई 2020 को 28 मंत्रियों ने शपथ ली, मतलब- कुल 33 मंत्री हो गए थे. एमपी कैबिनेट में मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों की संख्या अधिकतम 34 हो सकती है.

उल्लेखनीय है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए एक दर्जन से ज्यादा नेताओं को शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी गई थी, जिनमें से दो मंत्री- तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत ने बगैर चुनाव लड़े छह महीने का कार्यकाल पूरा होने के चलते उप-चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था. इनके अलावा उप-चुनाव में तीन मंत्री भी हार गए थे, लिहाजा महिला एवं बाल विकास मंत्री रहीं इमरती देवी, कृषि राज्यमंत्री रहे गिर्राज डंडोतिया और एंदल सिंह कंसाना को इस्तीफा देना पड़ा था.

शिवराज मंत्रिमंडल में मंत्री पद के लिए कई पुराने भाजपाई और कांग्रेस से आए नए भाजपाई विधायक प्रतीक्षा में हैं, हालांकि, पद कम हैं और उम्मीदवार ज्यादा हैं. एमपी में मंत्री पद के लिए केदारनाथ शुक्ला, गौरीशंकर, राजेंद्र शुक्ल, गिरीश गौतम, बिसेन, संजय पाठक, अजय विश्नोई, जालम सिंह पटेल, सीतासरण शर्मा, रामपाल सिंह, मालिनी गौड़, रमेश मेंदोला, हरिशंकर खटीक आदि कई नेताओं के नाम सियासी चर्चाओं में हैं, इसलिए, आने वाले समय में मंत्रिमंडल का विस्तार तो संभव है, परन्तु कितनों के सत्ता के सपने साकार होंगे, इस पर सवालिया निशान लगा है. देखना दिलचस्प होगा कि भविष्य में सीएम शिवराज सिंह चौहान पुराने भाजपाइयों और कांग्रेस से आए नए भाजपाइयों में सियासी संतुलन कैसे कायम करते हैं?

 

Web Title: Madhya Pradesh: Congress's political DNA and cabinet expansion in MP!

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