कमलनाथ ने जयवर्धन सिंह को मंत्री पद देकर ज्योतिरादित्य सिंधिया का तोड़ खोज लिया है
By विकास कुमार | Published: December 25, 2018 04:05 PM2018-12-25T16:05:01+5:302018-12-27T00:02:10+5:30
दिग्विजय के बेटे को मंत्री पद देकर कमलनाथ ने अपना कर्ज चुका दिया है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का तोड़ खोज लिया है। सिंधिया प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना चाहते थे।
मध्य प्रदेश में आज मंत्रियों को शपथ दिलाई जा रही है। इस दौरान सबकी नजरें एक बार के लिए ठहर गईं जब राघोगढ़ के राजा दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह शपथ लेने के लिए मंच पर आये। ऐसे कयास लगाये जा रहे थे कि जयवर्धन को मंत्री पद मिल सकता है। क्योंकि कमलनाथ को मुख्यमंत्री का पद दिलाने में दिग्विजय सिंह का बड़ा हांथ रहा है।
दिग्विजय के बेटे को मंत्री पद देकर कमलनाथ ने अपना कर्ज चुका दिया है। इसके साथ ही उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया का तोड़ खोज लिया है। सिंधिया प्रदेश का मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। लेकिन कमलनाथ और दिग्विजय के गठबंधन के सामने उनकी एक नहीं चल पाई।
प्रदेश में कहा जा रहा था कि सिंधिया ने मुख्यमंत्री का पद छोड़कर लंबी पारी खेलने का संकेत दे दिया है। क्योंकि कमलनाथ के इस टर्म के बाद प्रदेश की राजनीति और कांग्रेस पार्टी में उनका कोई विकल्प नहीं रह जायेगा। लेकिन जिस तरह से जयवर्धन सिंह को मंत्री पद दिया गया है, उससे ये साफ संकेत है कि दिग्विजय और कमलनाथ सिंधिया के लिए आगे की राहें मुश्किल करना चाह रहे हैं।
जयवर्धन सिंह ने अपने पिता की सीट राघोगढ़ से विधानसभा का चुनाव जीता है। इनमें राजनीति की असीम संभावनाएं हैं। दिग्विजय सिंह के बेटे होने के कारण इन्हें प्रदेश की जनता अच्छी तरह जानती हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक अरमानों पर लगाम लगाने के लिए कमलनाथ का ये दाव ब्रहमास्त्र साबित हो सकता है।