मध्य प्रदेशः उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद अब कुर्सी दौड़ शुरू, हारने के बाद भी तीन में से एक मंत्री ने दिया इस्तीफा

By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 12, 2020 08:10 PM2020-11-12T20:10:36+5:302020-11-12T20:11:58+5:30

विधानसभा उपचुनाव के नतीजों में शिवराज सरकार के तीन मंत्री इमरती देवी, एंदलसिंह कंसाना और गिर्राज दंडौतिया चुनाव हार गए. इनमें से अब तक सिर्फ एंदल सिंह कंसाना ने ही मंत्री मंडल से इस्तीफा दिया है. दो अन्य पराजित मंत्री इमरती देवी और गिर्राज दंडौतिया किसी तरह से कुछ दिन और मंत्री बने रहना चाह रहे है.

Madhya Pradesh by-election BJP's victory chair race one three ministers resigned cm shivraj singh | मध्य प्रदेशः उपचुनाव में भाजपा की जीत के बाद अब कुर्सी दौड़ शुरू, हारने के बाद भी तीन में से एक मंत्री ने दिया इस्तीफा

तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए शिवराज मंत्रिमंडल का संशिप्त विस्तार हो.

Highlightsसंवैधानिक प्रावधानों के अनुसार वे छ: माह दो जनवरी तक अपने पद पर कायम रह सकते है.भाजपा में रामपाल सिंह, अजय विश्नोई, केदारनाथ शुक्ला, संजय पाठक, राजेन्द्र शुक्ला और रमेश मंदोला जैसे कई दावेदार है. किसे मंत्री बनाया जाए. यह मुख्यमंत्री और भाजपा नेतृत्व के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है.

भोपालः विधानसभा के उपचुनाव में जीत के बाद भाजपा में अब मंत्री की कुर्सी के लिए दौड़ शुरू हो गई है. वही पराजित हो गए. तीन में दो मंत्री इस्तीफा देने की मुद्रा में नहीं दिखाई दे रहे है.

बीते 10 नवंबर को आए विधानसभा उपचुनाव के नतीजों में शिवराज सरकार के तीन मंत्री इमरती देवी, एंदलसिंह कंसाना और गिर्राज दंडौतिया चुनाव हार गए. इनमें से अब तक सिर्फ एंदल सिंह कंसाना ने ही मंत्री मंडल से इस्तीफा दिया है. दो अन्य पराजित मंत्री इमरती देवी और गिर्राज दंडौतिया किसी तरह से कुछ दिन और मंत्री बने रहना चाह रहे है.

दरअसल इन सभी को बीती 2 जुलाई बिना विधायक होते हुए भी मंत्री बनाया गया था. संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार वे छ: माह दो जनवरी तक अपने पद पर कायम रह सकते है. इमरती देवी और गिर्राज सिंह दंडौतिया इसी का लाभ  लेने की फिराक में है.

वैसे पराजित मंत्रियों को निगम मंडलों में मंत्री के दर्ज के साथ अध्यक्ष बनाये जाने के बारे में भी भाजपा में सोच चल रहा है. भाजपा के एक बड़े नेता के अनुसार इस मामले में भाजपा सिंधिया से बात कर ही कोई अंतिम फैसला लेगी. उपचुनाव के खत्म होते ही मंत्री मंडल के रिक्त पदों पर काबिज होने के लिए भाजपा के पुराने नेताओं में भी कुर्सी दौड़ प्रारंभ हो गई है.

भाजपा के पराजित मंत्रियों के पद छोड़ने की स्थिति में राज्य मंत्रिमंडल में छ: और मंत्री बनाये जा सकते है. इनमें से दो पूर्वमंत्रियों तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपुत का फिर मंत्री बनना लगभग तय है. क्योंकि उन्होंने बिना विधायक बने, मंत्री रहने की छह मोह की अवधि पूरी होंने पर  20 अक्टूबर को इस्तीफा दे दिया था.

सिलावट और राजपूत के अलावा भाजपा में रामपाल सिंह, अजय विश्नोई, केदारनाथ शुक्ला, संजय पाठक, राजेन्द्र शुक्ला और रमेश मंदोला जैसे कई दावेदार है. इनमें से किसे मंत्री बनाया जाए. यह मुख्यमंत्री और भाजपा नेतृत्व के लिए टेढ़ी खीर से कम नहीं है.

इसलिए हो सकता है कि सिर्फ तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को मंत्रिमंडल में शामिल करने के लिए शिवराज मंत्रिमंडल का संशिप्त विस्तार हो. हो सकता है कि इस विस्तार में भाजपा के एक-दो पुराने नेताओं को भी जगह मिल जाए, पर इसकी संभावना काफी कम है.

Web Title: Madhya Pradesh by-election BJP's victory chair race one three ministers resigned cm shivraj singh

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