भाजपा MLA आकाश विजयवर्गीय 7 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया
By भाषा | Published: June 26, 2019 08:53 PM2019-06-26T20:53:22+5:302019-06-26T20:53:22+5:30
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) गौरव गर्ग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विजयवर्गीय की जमानत याचिका खारिज कर दी। याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला अदालत परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। परिसर में बड़ी तादाद में भाजपा विधायक के समर्थक मौजूद थे।
जर्जर मकान गिराने गयी इंदौर नगर निगम की टीम के साथ बुधवार को विवाद के दौरान शहरी निकाय के एक अधिकारी को क्रिकेट बल्ले से पीटने के मामले में गिरफ्तार स्थानीय भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को जमानत देने से एक स्थानीय अदालत ने इंकार कर दिया है।
प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) गौरव गर्ग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विजयवर्गीय की जमानत याचिका खारिज कर दी। याचिका पर सुनवाई के दौरान जिला अदालत परिसर में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। परिसर में बड़ी तादाद में भाजपा विधायक के समर्थक मौजूद थे।
Madhya Pradesh: BJP MLA Akash Vijayvargiya has been sent to judicial custody till 7th July. He was arrested for thrashing a Municipal Corporation officer in Indore, earlier today. Akash is the son of senior BJP leader Kailash Vijayvargiya. https://t.co/9F7OVjlUXP
— ANI (@ANI) June 26, 2019
जिला लोक अभियोजन अधिकारी अकरम शेख ने बताया कि अदालत ने जमानत याचिका खारिज करने के बाद भाजपा विधायक को 7 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। शेख ने बताया कि अभियोजन पक्ष ने इस याचिका पर आपत्ति जताते हुए कहा कि नगर निगम के एक भवन निरीक्षक से सरेआम मारपीट कर शासकीय कार्य में बाधा डालने वाले आरोपी को जमानत का लाभ कतई नहीं दिया जाना चाहिये।
उधर, बचाव पक्ष के वकीलों में शामिल पुष्यमित्र भार्गव ने कहा, "हमने अदालत के सामने दलील रखी कि नगर निगम के अधिकारियों ने मकान खाली कराने की कोशिश के दौरान महिलाओं से बदसलूकी की। इन परिस्थितियों में विधायक का आवाज उठाना जनता के हित में है।" आकाश (34) भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं और नवंबर 2018 का विधानसभा चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बने।
विधायक ने आरोप लगाया कि गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक मकान को बेवजह जर्जर बताकर खाली कराने गये नगर निगम के अधिकारियों ने इस घर में रहने वाली महिलाओं के साथ बदसलूकी की। भाजपा विधायक ने सूबे में सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेताओं और नगर निगम के अधिकारियों के बीच भ्रष्ट सांठ-गांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि शहर के पक्के मकानों को बेवजह जर्जर बताकर खाली कराने का "कारोबार" चलाया जा रहा है।
इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्रा ने बताया कि विजयवर्गीय और 10 अन्य लोगों के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 353 (लोक सेवक को भयभीत कर उसे उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकने के लिये उस पर हमला), 294 (गाली-गलौज), 323 (मारपीट), 506 (धमकाना), 147 (बलवा) और 148 (घातक हथियारों से लैस होकर बलवा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी।
उन्होंने बताया कि इस बात की शिनाख्त की जा रही है कि घटना में भाजपा विधायक के अलावा और कौन लोग शामिल थे। नगर निगम के भवन निरीक्षक धीरेंद्र बायस (46) ने एमजी रोड पुलिस थाने में दर्ज करायी रिपोर्ट में कहा कि वह सरकारी दल-बल के साथ खतरनाक रूप से जर्जर मकान को ढहाने पहुंचे, तो आकाश विजयवर्गीय ने मौके पर पहुंचकर उन्हें कथित तौर पर धमकाते हुए वहां से चले जाने को कहा।