मध्य प्रदेशः भाजपा कार्यालय पहुंचे तीन विधायक, निर्दलीय और बसपा ने किया समर्थन, 'बागी' नारायण त्रिपाठी भी दिखे
By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 6, 2020 09:12 PM2020-11-06T21:12:56+5:302020-11-06T21:14:15+5:30
कांग्रेस के साथ जाने की चर्चाएं अक्सर चलती रहती हैं. भाजपा को अपना समर्थन देने के लिए भाजपा निर्दलीय सुरेन्द्र सिंह शेरा, बसपा के संजीव कुशवाहा के साथ ही भाजपा के नारायण त्रिपाठी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे.
भोपालः विधानसभा चुनाव के नजीते आने के पूर्व राजनीतिक दल अपनी जमावट करने में लग गए हैं. इसी को लेकर आज प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचकर तीन विधायकों ने भाजपा को समर्थन देने की घोषणा की है.
इन विधायकों में निर्दलीय और बसपा के एक एक विधायक के साथ, भाजपा के एक ऐसे विधायक भी शामिल हैं, जिनके कांग्रेस के साथ जाने की चर्चाएं अक्सर चलती रहती हैं. भाजपा को अपना समर्थन देने के लिए भाजपा निर्दलीय सुरेन्द्र सिंह शेरा, बसपा के संजीव कुशवाहा के साथ ही भाजपा के नारायण त्रिपाठी प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंचे.
उन्होंने वहा नगरीय कल्याण मंत्री भूपेन्द्र सिंह से मिलकर भाजपा को समर्थन की घोषणा की इनमें से एक नारायण प्रसाद त्रिपाठी भाजपा के ही विधायक हैं, लेकिन वह पिछले कई सालों में अनेक बार कांग्रेस का साथ देने और न देने की बात करते रहे हैं. माना जा रहा है कि, 10 नवंबर को उपचुनाव के नतीजे आने के पूर्व ही भाजपा अपनी सरकार को बचाए रखने की योजना को लेकर यह तैयारी कर रही है.
जनता को भूलकर सौदेबाजी की सरकार फिर लगी सौदेबाजी में : कमलनाथ
तीन विधायकों द्बारा भाजपा को समर्थन को बात करने पर पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि उप चुनावों में जनता द्वारा सच्चाई का साथ देने के कारण अपनी हार को सुनिश्चित देखते हुए भारतीय जनता पार्टी ने येन-केन प्रकारेण सरकार में बने रहने के लिए सौदेबाजी और बोलियां लगाने की राजनीति फिर शुरू कर दी है.
नाथ ने कहा कि उनके पास कांग्रेस के विधायकों और निर्दलीय विधायकों की तरफ से निरंतर यह सूचना प्राप्त हो रही है कि भाजपा के लोग उनसे संपर्क कर के तरह-तरह के प्रलोभन दे रहे हैं. कमल नाथ ने कहा कि भाजपा यह समझ ले कि इस प्रदेश की जनता ने सौदेबाजी और बोलियों से बनी सरकार को अस्वीकार कर दिया है 10 नवंबर को उपचुनाव के परिणाम इस बात को सिद्ध करेंगे कि प्रदेश की जनता ने सौदेबाजी की सरकार को नकार दिया है.
कमल नाथ ने चेतावनी दी कि अगर भारतीय जनता पार्टी ने सरकार में टिके रहने के लिए मध्यप्रदेश की पहचान और जनता के सम्मान को कलंकित करने की सौदेबाजी की तो जनता के साथ मिलकर लोकतंत्र को बचाने के लिए कांग्रेस आक्रमक आंदोलन और प्रतिरोध करेगी किसी भी स्थिति में सौदेबाजी की सरकार को मध्यप्रदेश में स्वीकार नहीं किया जाएगा. प्रदेश में जनता की सरकार को स्थापित करने के लिए सौदेबाजों और बोली लगाने वालों को मुहंतोड़ जवाब दिया जाएगा.