मध्य प्रदेश: अटल बिहारी वाजपेयी के भतीजे को बीजेपी दे सकती है बड़ा पद, ब्राह्मण वोटरों को देना चाहती है ये संदेश

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 19, 2018 05:46 PM2018-09-19T17:46:40+5:302018-09-19T17:46:40+5:30

पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने मध्यप्रदेश के उज्जैन और ग्वालियर के दौरे निरस्त किए और फिर अब संगठन महामंत्री रामलाल को भोपाल भेजकर सवर्णों की नाराजगी को दूर करने के लिए संगठन पदाधिकारियों से चर्चा करने को कहा। 

Madhya Pradesh: Anoop Mishra can be BJP's Executive Chairman, party have discussions with leaders | मध्य प्रदेश: अटल बिहारी वाजपेयी के भतीजे को बीजेपी दे सकती है बड़ा पद, ब्राह्मण वोटरों को देना चाहती है ये संदेश

मध्य प्रदेश: अटल बिहारी वाजपेयी के भतीजे को बीजेपी दे सकती है बड़ा पद, ब्राह्मण वोटरों को देना चाहती है ये संदेश

राजेंद्र पराशर
भोपाल, 19 सितंबर:
मध्यप्रदेश में एट्रोसिटी एक्ट का विरोध कर रहे सवर्ण समाज भाजपा को परेशानी में डाल दिया है। बीजेपी ने अब इस वर्ग को साधने के प्रयास तेज कर दिए हैं। 

ब्राह्मण और ठाकुर नेताओं से बीजेपी के संगठन महामंत्री रामलाल ने चर्चा कर किसी भी तरह से इस वर्ग की नाराजगी को दूर करने को कहा है। साथ ही बीजेपी अब ब्राह्मण नेता को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने पर विमर्श करने लगी है।  

इसके वर्ग से मुरैना के सांसद अनूप मिश्रा का नाम आगे आया है। सवर्ण आंदोलन की लपटों में जल रहे मध्यप्रदेश को लेकर बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व खासा परेशान हो गया है।

पहले पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने अपने मध्यप्रदेश के उज्जैन और ग्वालियर के दौरे निरस्त किए और फिर अब संगठन महामंत्री रामलाल को भोपाल भेजकर सवर्णों की नाराजगी को दूर करने के लिए संगठन पदाधिकारियों से चर्चा करने को कहा। 

रामलाल ने राजधानी भोपाल में पदाधिकारियों के अलावा मोर्चा, प्रकोष्ठों की बैठकें तो ली, साथ ही उन्होंने ब्राह्मण और ठाकुर समाज के नेताओं से चर्चा कर सवर्णों की नाराजगी को दूर करने को कहा।  इन नेताओं से चर्चा कर रामलाल ने कहा कि आप माहौल को देखकर सक्रिय नजर नहीं आ रहे हैं। 

सवर्ण आंदोलन को रोकना जरुरी है।  रामलाल ने ब्राह्मण नेताओं सांसद अनूप मिश्रा, पंचायत मंत्री गोपाल भार्गव, जनसंपर्क मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा, महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस, बीजेपी के प्रदेश महामंत्री वीडी शर्मा से चर्चा की, जबकि ठाकुर नेताओं में केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह,  प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद भदौरिय और महामंत्री अजय प्रताप सिंह से रामलाल की बंद कमरें में बैठकें हुई है।  

बैठक में दोनों ही वर्गों के नेताओं से कहा गया कि वे सवर्ण नेताओं से संपर्क करें और समन्वय बैठाएं।  समय रहते अगर समन्वय नहीं बनाया गया तो बीजेपी की चुनाव में मुश्किल और बढ़ जाएगी। 
 
ब्राह्मणों को अनूप, ठाकुरों को भूपेन्द्र सिंह मनाएंगे
बंद कमरे हुई बैठक के बाद रामलाल ने ब्राह्मण नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी सांसद अनूप मिश्रा को दी है। सूत्रों की माने तो अनूप को बीजेपी का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाने पर विचार चल रहा है। 

इसके अलावा नाराज चल रहे राजपूत, ठाकुर समाज के नेताओं को साधने की जिम्मेदारी गृह मंत्री भूपेन्द्र सिंह को सौंपी है। भूपेन्द्र सिंह के साथ पार्टी के उपाध्यक्ष अजय प्रताप सिंह भी रहेंगे।  

जो व्यक्ति जिस समाज से आता है उनके बीच जाएं
सवर्ण आंदोलन का भय बीजेपी में इतना व्याप्त है कि पार्टी ने सभी ब्राह्मण और ठाकुर नेताओं के अलावा पार्टी के सभी नेताओं को हिदायत दी है कि समय रहते समन्वय बैठाया जाए। 

रामलाल ने नेताओं को हिदायत दी है कि जो व्यक्ति जिस समाज से आता है, वह उस समाज के नाराज लोगों के बीच जाए और उनकी नाराजगी को दूर करे।  

संभाग और विधानसभा क्षेत्रों में दौरे
सवर्ण समाज की नाराजगी को दूर करने के लिए संगठन महामंत्री रामलाल ने सभी नेताओं को साफ कहा है कि अब दौरे शुरु करें और नाराज लोगों के बीच जाकर उनकी नाराजगी को दूर करें।  

बताया जाता है कि ब्राह्मण और ठाकुर समाज के अलावा संगठन पदाधिकारियों को सख्त हिदायत दी गई है कि जल्द से जल्द दौरे शुरु कर दिए जाएं।  साथ ही नेताओं, पदाधिकारियों को कहा है कि ये दौरे संभाग स्तर पर तो हों साथ ही विधानसभा क्षेत्रवार भी दौरे किए जाएं।  हर विधानसभा क्षेत्र में हर समाज के नेता को पहुंचना होगा। 

एस्ट्रोसिटी एक्ट के विरोध में पूर्व विधायक ने छोड़ी बीजेपी 
एस्ट्रोसिटी एक्ट के विरोध में बीजेपी से ब्राह्मण नेताओं की नाराजगी का सिलसिला थम नहीं रहा है। अब कटनी से बीजेपी के पूर्व विधायक सुनील मिश्रा ने बीजेपी से इस्तीफा दे दिया है।  

मिश्रा ने अपना इस्तीफा प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष राकेश सिंह को सौंपा है। इस्तीफा देने के बाद उन्होंने कहा कि मैंने एससी, एसटी एक्ट और क्षेत्र में विकास कार्य न होने को लेकर इस्तीफा दिया है।  

मिश्रा के इस्तीफे  से पहले पूर्व विधायक लक्ष्मण तिवारी भी बीजेपी से नाता तोड़ चुके हैं।  इसके अलावा कई जिलों में बीजेपी पदाधिकारियों ने एक्ट के विरोध में इस्तीफे दिए हैं। 

(राजेंद्र पराशर लोकमत समाचार के संवादाता हैं) 

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