कोरोना काल में इंसानियत की मिसाल! ये महिला छोड़ चुकी है नर्स की नौकरी, अब लावारिस शवों का करती हैं अंतिम संस्कार
By दीप्ती कुमारी | Published: May 24, 2021 06:17 PM2021-05-24T18:17:34+5:302021-05-24T18:17:58+5:30
कोरोना की दूसरी लहर में देश में सबसे ज्यादा मौते हुई हैं । ऐसे में कई परिवार ऐसे भी थे , जिन्होंने कोरोना संक्रमण से मौत होने पर शवों का अंतिम संस्कार भी नहीं किया । ऐसे समय में भुवनेश्वर में मधुस्मिता प्रुस्टि ने कोरोना काल में अपने पति के साथ मिलकर शवों का अंतिम संस्कार किया ।
भुवनेश्वर: देश कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है और ऐसे में देश की स्वास्थ्य व्यवस्था भी भारी दबाव में है। कोरोना की दूसरी लहर में देश में मरने वालों का भी आकड़ा बढ़ा है। वहीं कुछ हैरान कर देने वाले ऐसे भी मामले सामने आए, जब कोरोना संक्रमण के चलते मौत होने पर परिवार के सदस्यों ने भी शवों का अंतिम संस्कार करने से इंकार कर दिया।
इस मुश्किल दौर में मधुस्मिता प्रुस्टी ने दुनिया के सामने इंसानियत की मिसाल पेश की है। मधुस्मिता प्रुस्टी ने कोरोना काल में भुवनेश्वर में कोविड संक्रमित और लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करने में अपनी पति की मदद करने के लिए नर्स की नौकरी भी छोड़ दी। वह कोलकाता के फोर्टिस अस्पताल में नर्स की जॉब करती थी लेकिन कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए उन्होंने अपनी नौकरी का भी त्याग कर दिया।
I performed last rites of 500 bodies in 2.5 years & over 300 Covid bodies last year in Bhubaneswar. Being a woman, I was criticised for doing so but I continued working under a trust run by my husband: Madhusmita Prusty, who quit nursing job to cremate unclaimed bodies in Odisha pic.twitter.com/oips5OYsAD
— ANI (@ANI) May 23, 2021
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मधुस्मिता ने कहा, 'मैंने 9 साल तक नर्स बन कर मरीजों का ख्याल रखा । साल 2019 में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार में अपने पति की सहायता करने के लिए, यहां लौट आई थी।'
उन्होंने कहा, 'मैंने ढाई साल में करीब 500 शवों का अंतिम संस्कार किया और कोरोना के दौरान भुवनेश्वर में 300 कोरोना संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार किया । एक महिला के तौर पर इस काम को करने के लिए मुझे आलोचना का भी सामना करना पड़ता है लेकिन मैंने अपने पति द्वारा संचालित ट्रस्ट के तहत अपना काम जारी रखा ।'