उत्तर प्रदेश: खराब हैंडराइटिंग में इंजरी रिपोर्ट लिखना 3 डॉक्टरों का पड़ा मंहगा, कोर्ट ने लगाया जुर्माना
By भारती द्विवेदी | Published: October 4, 2018 02:17 PM2018-10-04T14:17:33+5:302018-10-04T14:56:20+5:30
कोर्ट ने तीनों डॉक्टरों को जुर्माना भरने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है।
नई दिल्ली, 4 अक्टूबर:डॉक्टरों की लिखावट को लेकर हमेशा ही बात होती है। पुर्जे पर लिखे उनकी लिखावट को सिर्फ दवा के दुकान वाले ही समझ पता है। और इस वजह मरीजों को या उनके परिवार वालों को बहुत बार दिक्कत का सामना करना पड़ता है। लेकिन अब उत्तर प्रदेश हाईकोर्ट ने इस बात को लेकर सख्त रुख अपनाया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने तीन डॉक्टरों को खराब लिखावट के लिए पांच-पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। कोर्ट इस जुर्माना की भरपाई डॉक्टरों की सैलेरी से करने वाला है। कोर्ट ने तीनों डॉक्टरों को जुर्माना भरने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है।
पिछले हफ्ते कोर्ट में आपराधिक मामलों में सीतापुर, उन्नाव और गोंडा अस्पताल की तीन इंजरी रिपोर्ट पेश की गई थी।उन इंजरी रिपोर्ट में तीनों ही अस्पताल के डॉक्टरों की लिखावट इतनी बुरी थी कि वकील और न्यायधीश तक नहीं पढ़ पाएं। इसके बाद ही कोर्ट ने सीतापुर के डॉ. पीके गोयल, उन्नाव के डॉक्टर टीपी जैसवाल और गोंडा के डॉ. आशीष सक्सेना पर पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। डॉक्टरों को जुर्माना अवध बार असोसिएशन की लाइब्रेरी में जमा करने का आदेश दिया गया है।
जस्टिस अजय लांबा और जस्टिस संजय हरकौली की बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि इंजरी रिपोर्ट की लिखावट इतनी बुरी थी कि वकील और न्यायधीशों को उस पढ़ने में काफी दिक्कत हुई। कोर्ट ने तीनों डॉक्टरों को कोर्ट में पेश होने का भी आदेश दिया था। जब तीनों ही डॉक्टर कोर्ट पहुंचे तो उनसे पूछा कि क्या उन्हें डीजी चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के सर्कुलर के बारे में जानकारी नहीं है? इस पर सफाई देते हुए डॉक्टरों ने काम का हवाला देते हुए कहा कि नियम की जानकारी है लेकिन काम की अधिकता के कारण उनसे ऐसा हो गया।