तीन शर्तों के साथ पत्रकार प्रशांत कनौजिया को रिहा करने का लखनऊ कोर्ट ने दिया आदेश
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 12, 2019 06:24 PM2019-06-12T18:24:11+5:302019-06-12T18:24:11+5:30
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से जुड़े एक ट्वीट को लेकर विवाद में फंसे पत्रकार प्रशांत कनौजिया को यूपी पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया।
पत्रकार प्रशांत कनौजिया मामले में एसीजेएम कोर्ट ने बुधवार को रिहाई का आदेश दे दिया है। रिहाई के आदेश के साथ ही कोर्ट ने तीन शर्तें भी रखी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस पूरे मामले में दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को ही रिहाई का आदेश दे दिया था।
रिहाई की पहली शर्त है कि प्रशांत को कोर्ट के आदेश पर बुलाए जाने पर हाजिर होना होगा। दूसरा कि सबूतों के साथ किसी भी तरह का छेड़छाड़ न किया जाए और अंतिम यह कि दोबारा ऐसा न करें।
प्रशांत कनौजिया को उत्तर प्रदेश की पुलिस ने शनिवार को सादी वर्दी में दिल्ली स्थित उनके आवास से गिरफ्तार किया था। उन पर आरोप है कि उन्होंने ट्विटर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट किया था।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी पर सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि आप किसी भी नागरिक के अधिकारों का हनन नहीं कर सकते हैं। देश का संविधान जीने का अधिकार और अभिव्यक्ति की आजादी देता है। याचिकाकर्ता के पति को अधिकारों से वंचित नहीं रखा जा सकता। इन अधिकारों के साथ मोल-भाव नहीं हो सकता।'' नागरिकों के अधिकारों को बचाए रखना जरूरी है। आपत्तिजनक पोस्ट पर विचार अलग-अलग हो सकते हैं लेकिन गिरफ्तारी क्यों?
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि चीफ ज्यूडिशियल अफसर द्वारा तय बेल बॉन्ड के आधार पर प्रशांत को तुरंत रिहा किया जाए। इस आदेश का मतलब ये नहीं कि सोशल मीडिया पर किए पोस्ट को कोर्ट सही मानता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जमानत की शर्त निचली अदालत तय करेगी। आरोपी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई जारी रहेगी।