मंदिरों में लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध! शिवराज चौहान ने कहा- दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी लागू करवाएं आदेश

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 29, 2020 05:19 AM2020-01-29T05:19:51+5:302020-01-29T05:19:51+5:30

मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र आहूजा ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने किसी भी धार्मिक स्थल से लाउड स्पीकर हटाने का कोई आदेश जारी नहीं किया है. उच्चतम न्यायालय व कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के अंतर्गत ध्वनि विस्तारक यंत्रों को निश्चित निर्धारित अवधि व ध्वनि की निर्धारित मात्रा में उपयोग के पूर्व के दिशा-निर्देशों को ही जारी किया है.  

loudspeaker Ban in temples, Shivraj Chouhan asks apply order to other religious places too | मंदिरों में लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध! शिवराज चौहान ने कहा- दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी लागू करवाएं आदेश

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज चौहान। (फाइल फोटो)

Highlightsमध्य प्रदेश के आष्टा में मंदिरों में लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लगाए जाने के आदेश के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है.पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान सहित भाजपा नेताओं ने इस आदेश को लेकर नाराजगी जताई है

मध्य प्रदेश के आष्टा में मंदिरों में लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लगाए जाने के आदेश के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है. पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान सहित भाजपा नेताओं ने इस आदेश को लेकर नाराजगी जताई है. पूर्व मुख्यमंत्री ने तो मुख्यमंत्री कमलनाथ को चुनौती तक दे डाली और कहा कि क्या वह दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी ये आदेश लागू करवाएंगे.

दरअसल राज्य के आष्टा में प्रशासन द्वारा रात्रि 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच मंदिरों में लाउड स्पीकर पर प्रतिबंध लगाने के आदेश जारी किए हैं. बताया जाता है कि आष्टा के प्राचीन शंकर मंदिर से प्रशासन ने लाउड स्पीकर हटाने का आदेश दिया था, मंदिर समिति का आरोप है कि प्रशासन की ओर से यह आदेश दिया गया है कि अगर प्रतिबंधित अवधि में लाउड स्पीकर मंदिर में बजा, तो उसे जब्त कर लिया जाएगा.

प्रशासन के इस आदेश के जारी होते ही भाजपा नेताओं की नाराजगी भी सामने आई है. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंंह चौहान ने ट्वीट कर आदेश को शर्मनाक बताया और कहा कि यह तुष्टिकर है. उन्होंने लिखा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ, कोलाहल नियंत्रण के नाम पर मंदिर से स्पीकर हटाने का जो आदेश जारी हुआ है, क्या रात 10 से सुबह 6 के बीच स्पीकर का उपयोग करने वाले दूसरे धार्मिक स्थलों पर भी आप यह लागू करवा पाएंगे?

प्रदेश के मुखिया की दृष्टि में तो सभी धर्म समान होने चाहिए, या नहीं? वहीं भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी लोकेंद्र पाराशर ने मुख्यमंत्री कमलनाथ तंज कसते हुए ट्वीट कर कहा कि यदि कोलाहल नियंत्रण कानून है तो वह केवल मंदिरों के लिए नहीं हो सकता. आपके जीवन में यदि कोई पारदर्शिता बची है तो रात के 10 से सुबह के 6 बजे तक इसे सभी धार्मिक स्थलों पर लागू कराइए, वरना न आष्टा के मंदिर से स्पीकर हटेंगे, न किसी और मंदिर से.

हिन्दू उत्सव समिति ने लिखा मुख्यमंत्री को पत्र

हिंदू उत्सव समिति द्वारा मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखा गया है. इसमें कहा गया है कि प्रशासन ने प्राचीन शंकर मंदिर आष्टा के पंडित हेमंत गिरी और समिति सदस्यों को तहसील कार्यालय बुलाकर चेतावनी दी है. हमसे कहा गया कि हमें ऊपर से शासन का आदेश आया है कि मंदिर में लाउड स्पीकर नहीं बजेगा, अन्यथा उसे जब्त कर लिया जाएगा.

समिति की ओर से कहा गया है कि मंदिर में सुबह के वक्त भस्म आरती बरसों से होती आ रही है. इस प्रकार अचानक शासन के आदेश की बात कहकर उस परंपरा को बंद कराना कहां तक ठीक है. समिति ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रशासन के इस आदेश को निरस्त कराया जाए.

सरकार ने जारी नहीं किए आदेश, झूठ बोल रहे शिवराज

मध्य प्रदेशकांग्रेस अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेन्द्र आहूजा ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने किसी भी धार्मिक स्थल से लाउड स्पीकर हटाने का कोई आदेश जारी नहीं किया है. उच्चतम न्यायालय व कोलाहल नियंत्रण अधिनियम 1985 के अंतर्गत ध्वनि विस्तारक यंत्रों को निश्चित निर्धारित अवधि व ध्वनि की निर्धारित मात्रा में उपयोग के पूर्व के दिशा-निर्देशों को ही जारी किया है.  

उन्होंने कहा कि झूठ फैलाने में माहिर भाजपा व पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने झूठ बोलना शुरू कर दिया है कि सरकार ने मंदिरों से लाउड स्पीकर हटाने का आदेश जारी कर दिया है, जबकि आदेश में कही भी किसी भी धार्मिक स्थल का जिक्र तक नहीं है.  उन्होंने कहा कि इन फुरसती भाजपाईयों को झूठ बोलने के सिवा कोई काम नहीं.

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