पीएम बनने के सवाल पर बोले असदुद्दीन ओवैसी- मैं उतनी दूर का नहीं सोचता, मुझे बनना भी नहीं है, युवाओं को आना चाहिए आगे

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 10, 2019 04:55 PM2019-12-10T16:55:23+5:302019-12-10T16:55:23+5:30

लोकमत नेशनल कॉनक्लेव-2019 के एक सत्र में हिस्सा लेते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने ममता बनर्जी पर भी निशाना साधा और कहा, 'ममता बनर्जी कहती हैं कि मैं एक्सट्रीम हूं। वे बताएं कि मुझमें ऐसा क्या हैं। ममता बनर्जी की यही समस्या है कि तुम कौन, हम चौधरी हैं।

lokmat parliamentary awards 2019 On the question of becoming PM Asaduddin Owaisi said I do not think that far Youth should come forward | पीएम बनने के सवाल पर बोले असदुद्दीन ओवैसी- मैं उतनी दूर का नहीं सोचता, मुझे बनना भी नहीं है, युवाओं को आना चाहिए आगे

फाइल फोटो

Highlightsओवैसी ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुये कहा कि ममता अगर सत्ता में हैं तो बताएं कि उन्होंने बंगाल के मुस्लिमों के लिए क्या किया। उन्होंने मुस्लिमों की शिक्षा और उनके विकास के लिए क्या किया।ओवैसी ने कहा कि नागरिक संशोधन विधेयक न केवल संविधान विरोधी है बल्कि गांधी और अंबेडकर विरोधी भी है।

लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड्स-2019 में जब एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी से उनके पीएम बनने को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि मैं उतनी दूर का नहीं सोचता, मुझे बनना भी नहीं है। युवाओं को आगे आना चाहिए। नागरिक संशोधन बिल पर बोलते हुए ओवैसी ने कहा गम इस बात का नहीं है कि आप अफगानिस्तान, बांग्लादेश, पाकिस्तान से किसी मुसलमान को नहीं ला रहे हैं। मत लाइये आप मुझे गम इस बात का और तकलीफ इस बात का है कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने कहा था कि मैं एक हिंदुस्तानी मुसलमान हूं और मेरे मजहब का इस देश से एक हजार साल का रिश्ता है और हिंदुइज्म का चार हजार साल से ज्यादा का रिश्ता है। 

उन्होंने आगे कहा जब मेरा इस मुल्क से एक हजार साल का रिश्ता है तो वो रिश्ता कहां पर चला गया। आप पर्लियामेंट में बैठ कर पैगाम दे रहे हैं कि हम मुसलमान हैं इसलिये आपको उसमें (सीएबी) में नही लाएंगे। आखिर क्या मैसेज देना चाह रहे हैं आप हिंदुस्तान की सबसे बड़ी पंचायत से।

असदुद्दीन ओवैसी ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर भी निशाना साधा। ओवैसी ने कहा कि ममता बताएं कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में मुसलमानों के लिए क्या किया। ओवैसी ने कहा कि देश की सभी पार्टियों को सूट करता है कि वे उन्हें विलेन बनाकर रखें। ओवैसी के अनुसार बीजेपी अपने हिसाब से उन्हें किसी खास रंग में रंगने का काम करती है जबकि दूसरी सेकुलर पार्टियां उन्हें दूसरे तरीके से विलेन के तौर पर पेश करती हैं।

लोकमत नेशनल कॉनक्लेव-2019 के एक सत्र में हिस्सा लेते हुए ओवैसी ने कहा, 'ममता बनर्जी कहती हैं कि मैं एक्सट्रीम हूं। वे बताएं कि मुझमें ऐसा क्या हैं। ममता बनर्जी की यही समस्या है कि तुम कौन, हम चौधरी हैं। ममता अगर सत्ता में हैं तो बताएं कि उन्होंने बंगाल के मुस्लिमों के लिए क्या किया। उन्होंने मुस्लिमों की शिक्षा और उनके विकास के लिए क्या किया।'

ओवैसी ने कहा ममता उन पर दोष मढ़ती हैं लेकिन बताएं कि बीजेपी बंगाल में लोकसभा चुनाव में 15 सीट कैसे जीत गई। कांग्रेस पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने कहा कि सबको सूट करता हूं कि उन्हें विलेन बनाकर रखा जाए। ओवैसी ने कहा, 'बीजेपी उन्हें गद्दार बताती है। दूसरी पार्टियां जैसे कांग्रेस और अन्य कहते हैं कि ये वोट काटने आया है।'

ओवैसी ने नागरिक संशोधन विधेयक को लेकर बीजेपी पर भी निशाना साधा। ओवैसी ने संविधान विरोधी और गांधी विरोधी बताया है। ओवैसी ने कहा कि नागरिक संशोधन विधेयक न केवल संविधान विरोधी है बल्कि गांधी और अंबेडकर विरोधी भी है। ओवैसी ने कहा कि जिन्होंने आजादी के बाद संविधान बनाया पीएम नरेंद्र मोदी से ज्यादा होशियार थे। ओवैसी ने साथ ही साफ लफ्जों में कहा कि बीजेपी जो भी चीजें कर रही हैं, वे बिल्कुल उससे इत्तेफाक नहीं रखते।

लोकमत के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू हैं। विशिष्ट अतिथिगण गजेंद्र सिंह शेखावत (केंद्रीय जल शक्ति मंत्री), कांग्रेस नेता और लोकसभा सदस्य अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा सांसद और एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार, सुभाष सी. कश्यप (पूर्व महासचिव, लोकसभा) हैं। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद शशि थरूर, एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी और रेल मंत्री पीयूष गोयल स्पीकर हैं।

लोकमत मीडिया कंपनी/ ग्रुप हर साल एक पार्लियामेंट्री अवार्ड समारोह का आयोजन करवाता है। जिसका आयोजन पिछले कई सालों से किया जा रहा है। इस समारोह में लोकसभा और राज्यसभा सदस्यों को राज्यसभा और लोकसभा में अपना अनुकरणीय योगदान देने के लिए सम्मानित किया जाता है। ये समारोह लोकसभा और राज्यसभा के श्रेष्ठ मेंबर्स को सम्मानित करने की एक पहल की है जो उनके इस बेहतरीन योगदान के लिए एक सराहना का प्रयास है। लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड में चार लोकसभा और चार राज्यसभा के सदस्यों को सम्मानित किया जाता है।

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