भाजपा अध्यक्ष शाह ने इतिहास की कक्षा में ध्यान नहीं दिया था, कांग्रेस नेता शशि थरूर का कटाक्ष

By भाषा | Published: December 10, 2019 08:09 PM2019-12-10T20:09:13+5:302019-12-10T20:09:13+5:30

शाह ने लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करते समय धार्मिक आधार पर बंटवारे के लिए कांग्रेस पर दोष मढ़ा था। ‘लोकमत नेशनल कॉनक्लेव’ में ‘भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों की भूमिका’ विषय पर सत्र को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा कि भाजपा के ‘बहुसंख्यक हिंदी, हिंदुत्व, हिन्दुस्तान’ विचार पर धीरे-धीरे राज्यों से प्रतिरोध बढ़ेगा।

lokmat-parliamentary-awards-2019 BJP President Shah did not pay attention in the class of history, sarcasm of Congress leader Shashi Tharoor | भाजपा अध्यक्ष शाह ने इतिहास की कक्षा में ध्यान नहीं दिया था, कांग्रेस नेता शशि थरूर का कटाक्ष

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने धर्म को राष्ट्र के निर्धारण वाला कारक बनाने का बुनियादी रूप से विरोध किया था।

Highlightsथरूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सचमुच में उन्होंने इतिहास की कक्षाओं में ध्यान नहीं दिया था।’’उन्होंने कहा, ‘‘केवल वही सब थे जिन्हें लगता था कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग राष्ट्र हैं।

भारत के बंटवारे के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार बताने संबंधी टिप्पणी के लिए गृह मंत्री अमित शाह पर पलटवार करते हुए कांग्रेस नेता शशि थरूर ने मंगलवार को कहा कि भाजपा अध्यक्ष ने इतिहास की कक्षा में ध्यान नहीं दिया था क्योंकि द्विराष्ट्र सिद्धांत का प्रतिपादन सिर्फ हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग ने किया था।

शाह ने लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करते समय धार्मिक आधार पर बंटवारे के लिए कांग्रेस पर दोष मढ़ा था। ‘लोकमत नेशनल कॉनक्लेव’ में ‘भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय दलों की भूमिका’ विषय पर सत्र को संबोधित करते हुए थरूर ने कहा कि भाजपा के ‘बहुसंख्यक हिंदी, हिंदुत्व, हिन्दुस्तान’ विचार पर धीरे-धीरे राज्यों से प्रतिरोध बढ़ेगा।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि हिंदी थोपने को दक्षिण स्वीकार नहीं करेगा जिसके लिए भाजपा पहले ही ऐसा करने की ताक में है। इसी तरह हिंदुत्व का भी बहुत सारा एजेंडा विंध्य के दक्षिण में नहीं चल पाएगा।’’ उन्होंने कहा कि देशभर में एनआरसी लागू करने के गृहमंत्री शाह के प्रयास पर भी क्षेत्रीय दलों के शासन वाले राज्यों में गंभीर समस्या होगी।

धार्मिक आधार पर बंटवारे के लिए कांग्रेस पर दोष मढ़ने की शाह की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर थरूर ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि सचमुच में उन्होंने इतिहास की कक्षाओं में ध्यान नहीं दिया था।’’ थरूर ने कहा कि इस पर कांग्रेस से असहमत होने वाले दलों में हिंदू महासभा थी, जिसने 1935 में निर्णय किया कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग राष्ट्र हैं, दूसरा मोहम्मद अली जिन्ना के नेतृत्व में मुस्लिम लीग का भी यही विचार था।

उन्होंने कहा, ‘‘केवल वही सब थे जिन्हें लगता था कि हिंदू और मुस्लिम दो अलग-अलग राष्ट्र हैं। इस अवधि में कांग्रेस पार्टी का नेतृत्व एक मुस्लिम, मौलाना आजाद कर रहे थे, जो 1945 तक अध्यक्ष रहे।’’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने धर्म को राष्ट्र के निर्धारण वाला कारक बनाने का बुनियादी रूप से विरोध किया था।

शाह द्वारा कांग्रेस पर दोष मढ़ने के बारे में थरूर ने कहा, ‘‘वे हर चीज के लिए कांग्रेस पर दोष मढ़ते हैं। सिर्फ कांग्रेस और (जवाहरलाल) नेहरू...कल दिल्ली में मौसम खराब होगा तो वे नेहरू को जिम्मेदार ठहराएंगे। ’’ उन्होंने आरोप लगाया कि असम में ‘‘त्रुटिपूर्ण’’ एनआरसी के कारण सरकार ने नागरिकता विधेयक लाने का कदम उठाया। भाषा आशीष नरेश नरेश

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