Lokmat Parliamentary Awards: संविधान विरोधी, अंबेडकर विरोधी, गांधी विरोधी है नागरिक संशोधन विधेयक: असदुद्दीन ओवैसी
By विनीत कुमार | Published: December 10, 2019 03:59 PM2019-12-10T15:59:06+5:302019-12-10T16:07:51+5:30
Lokmat Parliamentary Awards 2019: इसी कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी हिस्सा लिया। थरूर ने अमित शाह पर तंज करते हुए कहा है कि वह हमेशा ही सिर्फ कांग्रेस और जवाहर लाल नेहरू को हर बात के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिक संशोधन विधेयक को संविधान विरोधी और गांधी विरोधी बताया है। ओवैसी ने लोकमत नेशनल कॉनक्लेव में मंगलवार को कहा कि नागरिक संशोधन विधेयक न केवल संविधान विरोधी है बल्कि गांधी और अंबेडकर विरोधी भी है। ओवैसी ने कहा कि जिन्होंने आजादी के बाद संविधान बनाया पीएम नरेंद्र मोदी से ज्यादा होशियार थे। ओवैसी ने साथ ही साफ लफ्जों में कहा कि बीजेपी जो भी चीजें कर रही हैं, वे बिल्कुल उससे इत्तेफाक नहीं रखते।
ओवैसी ने साथ ही कहा संविधान इस बात की इजाजत देता है कि सांसद में हम अपनी बात रखें, हम वही कर रहे हैं। यदि सरकार नहीं सुनती है तो हम जनता और अदालत के बीच जाएंगे। ओवैसी ने कहा, 'नागरिकता संशोधन बिल एंटी गांधी, एंटी अंबेडकर, एंटी संविधान और एंटी राजेंद्र प्रसाद है। जिन्होंने संविधान बनाया उसके पास मोदी से ज्यादा दिमाग तो जरूर होगा यह तो हम सब मानते हैं।'
'मजहब के आधार पर कानून भारत के लिए सबसे बुरी बात'
ओवैसी ने कहा कि मजहब की बुनियाद पर अब हम कानून बना रहे हैं, इससे बुरी बात भारत के लिए क्या हो सकती है। ओवैसी ने कहा, अबुल कलाम ने कहा था हम मुसलमानों का इस मुल्क से 1000 साल का रिश्ता है। इस कानून के बाद अब हम मुसलमान कहां जाएंगे। कैब कानून से 5 लाख 80 हजार हिंदू पर कोई केस नहीं चलेगा बल्कि सिर्फ 5 से 6 लाख मुसलमानों पर केस चलेगा। हिंदू कैब के जरिए भारत का नागरिक हो जाएगा व एनआरसी के जरिए मुसलमान विदेशी हो जाएंगे।'
इससे पहले इसी कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने भी हिस्सा लिया। थरूर ने अमित शाह पर तंज करते हुए कहा है कि वह हमेशा ही सिर्फ कांग्रेस और जवाहर लाल नेहरू को हर बात के लिए जिम्मेदार ठहराते हैं। देश में कोई भी मुद्दा हो अमित शाह हर बात का आरोप कांग्रेस और पूर्व प्रधानंमत्री नेहरू पर लगा देते हैं। शशि थरूर ने यह तंज नागरिकता संशोधन बिल पर पूछे गये एक सवाल पर जवाब देते हुए कहा। गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन बिल सोमवार (9 दिसंबर) को लोकसभा में पेश हुआ और सरकार इसे पास कराने में कामयाब रही थी।