लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड्स 2018: मुरली मनोहर जोशी को लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड, जानें इनका राजनीतिक सफर
By मेघना वर्मा | Published: December 13, 2018 01:15 PM2018-12-13T13:15:58+5:302018-12-13T13:51:58+5:30
लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड्स 2018 (Lokmat Parliamentary Awards 2018) में मुरली मनोहर जोशी को लाइफ टाइम अचीवमेंट का अवॉर्ड दिया जा रहा है। आइए डालते हैं इनके राजनितीक सफर पर एक नजर-
लोकमत ने भारतीय राजनितीक विशेषज्ञ मुरली मनोहर को लोकमत पार्लियामेंट्री अवार्ड्स 2018 में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड के लिए चुना है। उन्हें यह सम्मान गुरुवार को लोकमत के कार्यक्रम उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू देंगे।
जोशी भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता है। साल 1991 से 1993 तक वह भाजपा के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री भी नियुक्त किए जा चुके हैं।
राजनीति के इस विशेषज्ञ को पद्म विभूषण और देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भी मिल चुका है। इस साल लोकमत की ओर से मुरली मनोहर जोशी को लाइफ टाइम अचीवमेंट का अवॉर्ड दिया जा रहा है। आइए डालते हैं इनके राजनितीक सफर पर एक नजर-
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के शासनकाल में भारत मानव संसाधन विकास मंत्री रहे जोशी का जन्म 5 जनवरी को 1934 में दिल्ली में हुआ था। वैसे तो उनका पैतृक निवास उत्तराखंड के कुमायूं क्षेत्र में है और उन्होंने एमएससी इलाहाबाद विश्वविद्यालय से किया।
वे काफी कम उम्र में आरएसएस से जुड़ गए थे और 1953-1954 में एक गाय बचाव आंदोलन में इन्होंने अपना सहयोग भी दिया आरएसएस को। कुम्भ किसान आंदोलन उत्तर प्रदेश में एक सक्रिय नेता थे जिन्होंने काफी योगदान दिया। 1977 में ये अल्मोड़ा से पहली बार सांसद बने। 1980 में ये भारतीय जनता पार्टी के सदस्य बने और पार्टी के जनरल सेक्रेटरी भी बने। 1991 से 1993 तक ये भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष भी रहे।
1996 में वे इलाहाबाद से लोक सभा चुनाव जीता। साल 1998 से 2004 तक ये ह्यूमन रिसोर्स एंड डेवल्पमेंट मंत्री रहे उस समय देश में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार थी। 2009 में इन्हें भाजपा के मैनिफेस्टो प्रिपरेशन बोर्ड का चेयरमैन बना दिया गया। 2009 में वे एक बार फिर से वाराणसी से सांसद बने। 2014 में वे कानपूर से सांसद बने।